Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीतिनहीं मानूँगा राम-कृष्ण को भगवान, न पिंडदान करूँगा... दिल्ली में 10 हजार हिन्दुओं का...

नहीं मानूँगा राम-कृष्ण को भगवान, न पिंडदान करूँगा… दिल्ली में 10 हजार हिन्दुओं का धर्मांतरण, केजरीवाल के मंत्री ने भी मंच पर चढ़कर ली ‘हिन्दूविरोधी’ शपथ

कार्यक्रम में शपथ ली गई, "मैं इस बात को नहीं मानता और न ही मानूँगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे। मैं इसे केवल पागलपन और झूठा प्रचार मानता हूँ। मैं श्राद्ध नहीं करूँगा और न ही पिंडदान करूँगा।"

दिल्ली सरकार के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम (Rajendra Pal Gautam) को बुधवार (5 अक्टूबर 2022) को बौद्ध महासभा के कार्यक्रम में देखा गया, जहाँ 10000 हिंदुओं का बौद्ध धर्म में धर्मांतरण किया गया। बौद्ध सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित विवादास्पद कार्यक्रम नई दिल्ली के झंडेवालान में डॉ. बीआर अंबेडकर भवन में आयोजित किया गया था।

सीमापुरी विधानसभा क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के विधायक गौतम ने इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर इसकी कुछ तस्वीरें साझा की हैं। उन्होंने लिखा, “आज मिशन जय भीम के तत्वाधान में अशोका विजयदशमी पर डॉ. अंबेडकर भवन रानी झाँसी रोड पर 10000 से ज्यादा बुद्धिजीवियों ने तथागत गौतम बुद्ध के धाम में घर वापसी कर जाति विहीन और छुआछूत मुक्त भारत बनाने की शपथ ली। नमो बुद्धाय, जय भीम!”

ट्वीट का आर्काइव वर्जन लिंक पर क्लिक करके देखा जा सकता है।

जय भीम मिशन कार्यक्रम में 10 हजार लोगों को शपथ दिलाई गई कि वे हिन्दू देवी-देवताओं की पूजा नहीं करेंगे। इस दौरान यह कहते हुए सुना गया, “मैं हिंदू धर्म के देवी देवताओं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, श्रीराम और श्रीकृष्ण को भगवान नहीं मानूँगा, न ही उनकी पूजा करूँगा। मुझे राम और कृष्ण में कोई विश्वास नहीं होगा, जिन्हें भगवान का अवतार माना जाता है।” यह शपथ बीआर अंबेडकर की विवादास्पद 22 प्रतिज्ञाओं से काफी मिलती-जुलती थी।

इस दौरान यह भी कहते हुए सुना गया, “मैं इस बात को नहीं मानता और न ही मानूँगा कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे। मैं इसे केवल पागलपन और झूठा प्रचार मानता हूँ। मैं श्राद्ध नहीं करूँगा और न ही पिंडदान करूँगा।”

भगवा वस्त्र पहने हुए व्यक्ति ने इस शपथ को जारी रखा, “मैं ब्राह्मणों द्वारा किसी भी समारोह को करने की अनुमति नहीं दूँगा। मैं हिंदू धर्म का त्याग करता हूँ, जो मानवता के लिए हानिकारक और उनके विकास में बाधक है, क्योंकि यह असमानता पर आधारित है। मैं बौद्ध धर्म को अपना धर्म स्वीकार करता हूँ।”

कार्यक्रम के दौरान, ‘आप’ के मंत्री राजेंद्र पाल गौतम इन विवादास्पद लाइनों को दोहराते हुए और उस व्यक्ति के साथ मंच साझा करते हुए दिखाई दिए।

बाद में, उन्होंने अपने भाषण में हिंदुओं से अपने धर्म का त्याग करने और डॉ. अंबेडकर के मार्ग पर चलने का आग्रह किया। गौतम ने कहा, “यदि आप देशद्रोही नहीं कहलाना चाहते हैं, तो हमें बीआर अंबेडकर के इस संदेश को हर घर में फैलाने की जरूरत है। यदि जाति प्रकृति ने बनाई है, तो फ्रांस, चीन, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड में कोई जाति क्यों नहीं है? इस जाति व्यवस्था से किसे फायदा हुआ और सबसे ज्यादा नुकसान किसको हुआ? बीआर अंबेडकर को इस बीमारी की दवा मिल गई थी और अब हम इसे फैला रहे हैं।”

इस दौरान ‘आप’ नेता ने अन्य देशों में को लेकर अपनी अज्ञानता साबित करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी।

राजेंद्र पाल गौतम ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि कैसे बीआर अंबेडकर की बौद्ध धर्म अपनाने के एक महीने के भीतर ही मृत्यु हो गई थी और वह पूरे देश को बदल नहीं पाए। धम्मचक्र प्रवर्तन दिन के रूप में मनाए जाने वाले, 14 अक्टूबर, 1956 को अंबेडकर ने 3,80,000 अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपना लिया था।

आम आदमी पार्टी का हिन्दू विरोधी चेहरा

इस साल मार्च में अरविंद केजरीवाल ने विवेक अग्निहोत्री की फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ की आलोचना करने के बहाने दिल्ली विधानसभा में अपने संबोधन के दौरान हिंदुओं के नरसंहार का मजाक उड़ाया था। उन्होंने कहा था कि यह कल्पनाओं पर आधारित एक झूठी फिल्म है।

‘आप’ सुप्रीमो ने इससे पहले खुद को ‘हनुमान भक्त’ के रूप में रीब्रांड करने की कोशिश की थी। उस समय, नेटिज़न्स ने बताया कि कैसे उन्होंने राजनीतिक बयान देने के लिए हिंदुओं का मजाक उड़ाया था। जनवरी 2020 में जब जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सेमेस्टर फॉर्म को लेकर वामपंथियों ने एबीवीपी के छात्रों पर हमला किया था, तब केजरीवाल ने एक आपत्तिजनक कार्टून साझा किया था। उसमें भगवान हनुमान को विश्वविद्यालय परिसर में आग लगाते हुए दिखाया गया था।

इसी तरह 2019 के आम चुनावों से पहले केजरीवाल ने एक तस्वीर साझा की, जिसमें एक व्यक्ति झाड़ू लेकर स्वस्तिक चिन्ह को मारता हुआ दिखाई दे रहा था।

अरविंद केजरीवाल के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

अगस्त 2020 में, AAP के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने सिक्किम में कंचनजंगा, कामेट पीक और उत्तराखंड में नंदा देवी पहाड़ियों की तस्वीरें साझा कीं और दिल्ली के गाजीपुर में एक विशाल लैंडफिल के साथ समानताएँ बताई। विवादित ट्वीट के साथ कैप्शन लिखा था, “भारत के सबसे ऊँचे पहाड़।”

‘आप’ के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

2018 में, AAP सुप्रीमो जानबूझकर विश्वविद्यालयों और मंदिरों के निर्माण को लेकर निम्नस्तरीय राजनीति करते हुए दिखाई दिए, ताकि लोगों में यह संदेश जा सके कि मंदिर के निर्माण से देश का विकास नहीं हो पाएगा।

2014 में भी, उन्होंने राम मंदिर को लेकर पोस्ट किया था, “मेरा राम किसी की मस्जिद तोड़कर बनाए मंदिर में नहीं बस सकता।”

‘आप’ के फेसबुक पेज का स्क्रीनशॉट

आपके सामने आम आदमी पार्टी के इतने सारे उदाहरण हैं, जब उन्होंने हिंदुओं को नीचा दिखाने की कोशिश की। ऐसे में ‘आप’ मंत्री राजेंद्र पाल गौतम का धर्मांतरण कार्यक्रम में शामिल होना कोई हैरानी की बात नहीं है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मुस्लिम घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र में उलझा है झारखंड, सरना कोड से नहीं बचेगी जनजातीय समाज की ‘रोटी-बेटी-माटी’

झारखंड का चुनाव 'रोटी-बेटी-माटी' केंद्रित है। क्या इससे जनजातीय समाज को घुसपैठियों और ईसाई मिशनरियों के दोहरे कुचक्र से निकलने में मिलेगी मदद?

दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत का AAP से इस्तीफा: कहा- ‘शीशमहल’ से पार्टी की छवि हुई खराब, जनता का काम करने की जगह...

दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत ने अरविंद केजरीवाल एवं AAP पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाकार पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -