Sunday, September 15, 2024
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CM ऑफिस नहीं जा सकेंगे अरविंद केजरीवाल, फाइल पर हस्ताक्षर की इजाजत भी नहीं: जानिए किन शर्तों पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के लिए दी है अंतरिम जमानत

केजरीवाल को दी गई जमानत में स्पष्ट रूप से कहा है कि वह इस अवधि के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे। वह इस दौरान किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर भी करेंगे। इसके अलावा उन्हें दिल्ली सरकार के सचिवालय जाने से भी मना किया गया है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल को शुक्रवार (10 मई, 2024) को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी। उन्हें यह जमानत दिल्ली शराब घोटाला मामले में मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को यह जमानत लोकसभा चुनाव 2024 में प्रचार के लिए दी है। यह जमानत उन्हें 1 जून तक के लिए दी गई है। केजरीवाल को जमानत देने के के साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तें भी लगाई हैं, जिनका पालन उन्हें करना होगा।

सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस दीपांकर दत्ता और संजीव खन्ना की सदस्यता वाली बेंच ने केजरीवाल को दी गई जमानत में स्पष्ट रूप से कहा है कि वह इस अवधि के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री कार्यालय नहीं जा सकेंगे। वह इस दौरान किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर भी करेंगे। उन्हें केवल उन मामलों में फाइलों पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दी गई है, जिनमें दिल्ली के उपराज्यपाल से किसी बात की अनुमति ली जानी हो। इसके अलावा उन्हें दिल्ली सरकार के सचिवालय जाने से भी मना किया गया है।

इस जमानत अवधि के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाला मामले पर भी कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे। वह शराब घोटाला मामले के किसी गवाह से भी नहीं मिल सकेंगे। उन्हें 2 जून को कोर्ट के सामने सरेंडर करना होगा। उन्हें यह जमानत ₹50,000 के मुचलके पर मिली है। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका खारिज कर दी थी। बता दें कि अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था और तब से वह हिरासत में हैं।

अरविन्द केजरीवाल ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका डाल कर चुनाव प्रचार के आधार पर जमानत माँगी थी। इसका विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में केंद्रीय एजेंसी ने 9 मई को कहा था कि चुनाव प्रचार का अधिकार न तो मौलिक अधिकार है और ना ही कानूनी या संवैधानिक अधिकार है। अगर चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी जाती है तो यह एक मिसाल कायम करेगा, जो सभी बेईमान राजनेताओं को अपराध करने और फिर चुनाव की आड़ में जाँच से बचने की अनुमति देगा। 

अपने हलफनामे में ED ने कहा, “अभिसाक्षी की जानकारी में अभी तक किसी भी राजनीतिक नेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है। ये तो चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार भी नहीं हैं। यहाँ तक कि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को भी चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी जाती है, अगर वह हिरासत में है।”

केंद्रीय एजेंसी ने कहा, “पिछले 5 वर्षों में लगभग 123 चुनाव हुए हैं। यदि चुनाव प्रचार के उद्देश्य से अंतरिम जमानत़ दी जानी है तो किसी भी राजनेता को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है और ना ही न्यायिक हिरासत में नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि चुनाव पूरे वर्ष होते रहते हैं।” कयास लगाए जा रहे हैं कि जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल दिल्ली और पंजाब में चुनाव प्रचार करेंगे। दिल्ली में 25 मई, 2024 को 7 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होना है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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