दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी की सरकार (Aam Aadami Party Government) जब भी संकट की स्थिति आती है, वह अपनी जिम्मेदारियों से भागने लगती है। प्राय: वह इसका दोष दूसरों पर मढ़ने की कोशिश की करती रहती है। दिल्ली में गहराए जल संकट को लेकर अरविंज केजरीवाल की सरकार ने इसके लिए हरियाणा (Haryana) को दोषी ठहराया है।
दिल्ली में सूख रही यमुना नदी को लेकर अरविंद केजरीवाल सरकार ने भाजपा शासित राज्य हरियाणा को आपात संदेश भेजते हुए दिल्ली के लिए अतिरिक्त पानी की माँग की थी। हालाँकि, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने कहा कि अरविंद केजरीवाल झूठ बोल रहे हैं और आंकड़े भी झूठे पेश कर रहे हैं।
सीएम खट्टर ने कहा कि दिल्ली को उसके हिस्से का पानी 1,050 क्यूसेक पानी दिया जा रहा है। वहीं, सीएम खट्टर ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री भगवंत मान (CM Bhagwant Mann) की नेतृत्व वाली पंजाब की आम आदमी पार्टी की सरकार हरियाणा का पानी रोक रही है।
अरविंद केजरीवाल की सरकार का कहना है कि हरियाणा द्वारा दिल्ली को कम पानी देने के कारण यमुना का जलस्तर नीचे आ गया है। वहीं, वजीराबाद जलाशय का जलस्तर 674.5 फुट से घटकर 671.8 फुट आ गया है। इसके कारण दिल्ली के कई इलाकों में पानी की संकट का सामना करना पड़ रहा है।
इस जल संकट के कारण दिल्ली के कम से कम 25 इलाकों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा। इन इलाकों में लोगों को पानी की किल्लत झेलनी पड़ेगी। नदी के सूखने के कारण चंद्रावल, वज़ीराबाद और ओखला में पानी का उत्पादन लगभग 25-30 प्रतिशत तक तक गिर गया है। यमुना के सूखने से दिल्ली के दिल्ली कैंट, पटेल नगर, करोलबाग, सिविल लाइंस, पहाड़गंज, तुगलकाबाद, मॉडल टाउन, पंजाबी बाग, बुराड़ी, कमला नगर, शक्ति नगर, प्रह्लादपुर, जहाँगीरपुर, मूलचंद, ग्रेटर कैलाश आदि इलाकों में इसका सीधा प्रभाव पड़ेगा।
ये पहली बार नहीं है जब केजरीवाल सरकार ने कुप्रबंधन के कारण दिल्ली की बिगड़ी हालत के लिए दूसरे पर आरोप लगाया हो। पंजाब में जब कॉन्ग्रेस और हरियाणा में भाजपा की सरकार रही तब दिल्ली में प्रदूषण के लिए इन दोनों राज्यों में पराली जलाना दिल्ली के लिए प्रदूषण का कारण बता चुके हैं। कोरोना काल में मजदूरों के पलायन के लिए वह केंद्र को दोषी ठहरा चुकी है। वहीं, दिल्ली में निगमकर्मियों की हड़ताल पर राजधानी की सड़कों पर फैले कचड़े के लिए भाजपा शासित MCD को दोषी ठहराया था। वहीं, भाजपा का कहना है कि निगमकर्मियों का वेतन देने के लिए दिल्ली सरकार फंड जारी नहीं कर रही है।