ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में हुई ‘धर्म संसद’ को लेकर कॉन्ग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने धर्म संसद में मुस्लिमों के लिए कही गई बातों पर कॉन्ग्रेस द्वारा आपत्ति न जताने और शिकायत दर्ज नहीं कराने का आरोप लगाया है। ओवैसी ने महात्मा गाँधी को अपशब्द कहे जाने पर सम्मेलन छोड़कर जाने वाले महंत राम सुंदर को लेकर भी टिप्पणी की।
एआईएमआईएम चीफ ने सोशल मीडिया पर धर्म संसद को नरसंहारी सम्मेलन कहा और इसके लिए कॉन्ग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में महात्मा गाँधी के खिलाफ कही गई बातों का विरोध हुआ। एफआईआर दर्ज हुई, लेकिन मुस्लिमों के खिलाफ जो कुछ कहा गया उसकी अनदेखी की गई।
2. राम सुंदर छत्तीसगढ़ गौ-सेवा आयोग के अध्यक्ष हैं और इनका कैबिनेट रैंक है। ये धर्मसंसद के मुख्य संरक्षक थे।सम्मेलन कांग्रेस के बिना मुमकिन ही नहीं था। राम सुंदर के संरक्षण में ना सिर्फ़ गांधी जी को गाली दी बल्कि ये भी कहा कि इस्लाम का मक़सद राष्ट्र पर क़ब्ज़ा करना है pic.twitter.com/7MGpaE7dTs
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) December 27, 2021
असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “राम सुंदर छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग के अध्यक्ष हैं और इनका कैबिनेट रैंक है। ये धर्म संसद के मुख्य संरक्षक थे। सम्मेलन कॉन्ग्रेस के बिना मुमकिन ही नहीं था। राम सुंदर के संरक्षण में ना सिर्फ गाँधी जी को गाली दी, बल्कि ये भी कहा कि इस्लाम का मक़सद राष्ट्र पर कब्जा करना है। जब कालीचरण यह भाषण दे रहा था तो दर्शकों के बीच कॉन्ग्रेस नेता प्रमोद दुबे, भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने और नंदकुमार साय भी मौजूद थे। किसी ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।”
4. क्या राम सुंदर को ये बयान आपत्तिजनक नहीं लगा? क्या ये बयान निंदनीय नहीं है? जब कालीचरण यह भाषण दे रहा था तो दर्शकों के बीच कांग्रेस नेता प्रमोद दुबे, भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने और नंदकुमार साय भी मौजूद थे। किसी ने अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।
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ओवैसी ने लिखा, “25 दिसंबर को यात्रा निकाली गई थी और 26 को धर्म संसद हुआ था। 25 की कलश यात्रा में कॉन्ग्रेस विधायक विकास उपाध्याय और कॉन्ग्रेस के प्रमोद दुबे (रायपुर नगर सभापति) ने शिरकत की। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी मौजूद थे।”
6. 25 दिसंबर को यात्रा निकाली गयी थी और 26 को धर्म संसद हुआ था। 25 के कलश यात्रा में कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय और कांग्रेस के प्रमोद दुबे (रायपुर नगर सभापति) ने शिरकत की। भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह भी मौजूद थे।
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उन्होंने कहा, “कॉन्ग्रेस के कैबिनेट मिनिस्टर रैंक के नेता के संरक्षण में हिंदू राष्ट्र, मुसलमानों का नरसंहार, लव जिहाद की बातें हुईं। एफ़आईआर सिर्फ़ गाँधी जी वाले बयान पर दर्ज हुई है। क्या हम ये समझें की हमारे नरसंहार की बात चिंताजनक नहीं है?”
13. कांग्रेस के कैबिनेट मिनिस्टर के रैंक के नेता के संरक्षण में हिंदू राष्ट्र, मुसलमानों का नरसंहार, लव जिहाद की बातें हुईं। FIR सिर्फ़ गांधी जी वाले बयान पर दर्ज हुई है। क्या हम ये समझें की हमारे नरसंहार की बात चिंताजनक नहीं है?
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ओवैसी ने कहा, “राहुल गाँधी को सम्मेलन से दूर रखा गया, ये निंदनीय है। क्या हम ये समझें की हिंदू बनाम हिंदुत्व वाली बातें बस जुमला थीं? बघेल जी उत्तर प्रदेश में धरना दे सकते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर उनके अपने राज्य में क्या हो रहा है? सब इस रेस में लगे हैं कि “सबसे बड़ा हिन्दू कौन?”
श्री राहुल गांधी को सम्मेलन से दूर रखा गया, ये निंदनीय है। क्या हम ये समझें की हिंदू बनाम हिंदुत्व वाली बातें बस जुमला थीं?
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14. बघेल जी उत्तर प्रदेश में धरना दे सकते हैं, लेकिन धर्म के नाम पर उनके अपने राज्य में क्या हो रहा है? सब इस रेस में लगे हैं की “सबसे बड़ा हिन्दू कौन?”
बता दें कि रविवार (26 दिसंबर 2021) को रायपुर में एक ‘धर्म संसद’ में महात्मा गाँधी के लिए अपशब्द कहने वाले कालीचरण महाराज के खिलाफ आयोजकों में से एक रायपुर नगरनिगम के सभापति और कॉन्ग्रेस नेता प्रमोद दुबे की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के 76 वकीलों ने 17 और 19 दिसंबर को दिल्ली (हिंदू युवा वाहिनी द्वारा) और हरिद्वार (यति नरसिंहानंद) में धर्म संसद के दौरान दिए गए भाषणों को लेकर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमना को पत्र लिखा। उन्होंने पत्र में कथित आरोप लगाया कि धर्म संसद के दो अलग-अलग आयोजनों में अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया है। इस पर संज्ञान लिया जाए।