Friday, November 22, 2024
Homeराजनीति'मौलाना साद, अकबरुद्दीन और टिकैत आज़ाद क्यों?': अश्विनी उपाध्याय गिरफ्तार, उनके प्रदर्शन में आए...

‘मौलाना साद, अकबरुद्दीन और टिकैत आज़ाद क्यों?’: अश्विनी उपाध्याय गिरफ्तार, उनके प्रदर्शन में आए साधु पर जानलेवा हमला

"जहाँ 15 मिनट में हिंदुओं को खत्म कर देने की धमकी देने वाला अकबरुद्दीन विधानसभा में बैठा है, वहीं कोरोना फैलाने वाले मौलाना साद को मनाने के लिए खुद NSA अजीत डोभाल को जाना पड़ता है।"

दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर हुए विरोध प्रदर्शन के बाद बड़ी कार्रवाई करते हुए भाजपा नेता व सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया। आरोप है कि उनके ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ में मुस्लिम विरोधी नारे लगे। इधर इसी आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए आए बिहार के साधु नरेशानंद पर गाजियाबाद के डासना स्थित शिव-शक्ति मंदिर में चाकुओं से जानलेवा हमला किया गया।

जहाँ एक तरफ साधु नरेशानंद अस्पताल में जीवन और मौत से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अश्विनी उपाध्याय पुलिस की गिरफ्त में हैं। उनसे लगभग 6 घंटे तक पूछताछ चली। इस विरोध प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए थे। वो खुद को इस प्रकरण से पहले ही अलग कर चुके हैं और पुलिस से कहा है कि आपत्तिजनक नारेबाजी करने वालों से उनका कोई लेनादेना नहीं है। साथ ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की माँग भी की।

‘इंडिया स्पीक्स डेली’ के संपादक संदीप देव ने इस पर अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि जहाँ 15 मिनट में हिंदुओं को खत्म कर देने की धमकी देने वाला असदुद्दीन ओवैसी का भाई अकबरुद्दीन विधानसभा में बैठा है, वहीं कोरोना फैलाने वाले मौलाना साद को मनाने के लिए खुद NSA अजीत डोभाल को जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि लाल किले पर जिसके आंदोलन में खालिस्तानी झंडा फहराया गया, वो राकेश टिकैत अब भी सीमा पर बैठ है और उसे कोई कुछ नहीं करता।

उन्होंने इस दौरान हरियाणा में ‘किसान आंदोलन’ में रेप कि घटनाओं पर भी बात की। साथ ही उन्होंने पूछा कि जब ये लोग बचे हुए हैं तो अश्विनी उपाध्याय को गिरफ्तार क्यों किया गया? उन्होंने कहा कि कोन्ग्रेस की सरकार रहती तो समझ जा सकता था कि वो हिंदुओं के खिलाफ है, लेकिन भाजपा सरकार में ये हैरानी वाली बात है। उन्होंने कहा कि पुलिस भी औपचारिक रूप से नहीं कह रही कि गलती क्या है।

अश्विनी उपाध्याय की गिरफ़्तारी पर संदीप देव ने अपनी बात रखी

बता दें कि संदीप देव ही वो व्यक्ति हैं, जिनके यहाँ साधु नरेशानंद आए हुए थे। उन्होंने ही डासना के मंदिर में उनके ठहरने की व्यवस्था की थी। नरेशानंद सरस्वती इससे पहले भी डासना मंदिर में आते रहे थे और महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के वो करीबी हैं। मंदिर परिसर में पुलिस की उपस्थिति के बावजूद ये हमला हुआ। पुलिस हर पहलु की जाँच करने की बात कह रही है। पुलिस ने कहा कि जल्द इसका खुलासा किया जाएगा।

‘भारत छोड़ों आंदोलन’ की वर्षगाँठ पर जंतर-मंतर पर ‘भारत जोड़ो आंदोलन’ का आयोजन किया गया था, जिसमें हजारों लोग पहुँचे थे। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस आंदोलन के खिलाफ आवाज़ उठाने के लिए आज शाम को एक और प्रदर्शन की योजना बनाई है। दिलीप मंडल ने भी ट्विटर पर अश्विनी उपाध्याय को गिरफ्तार किए जाने की माँग की थी। उपाध्याय ने कहा था कि वीडियो में दिख रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो, वो उन्हें नहीं जानते।

वहीं महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती के करीबी अनिल यादव ने डासना वाली घटना पर बयान देते हुए कहा, “हमला करने वाले इस्लामी जिहादी हैं। वह पहले भी कई बार मंदिर में घुस चुके हैं। रात महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती नहीं मिले तो दूसरे स्वामीजी पर हमला कर दिया।” घायल नरेशानंद महंत यति के शिष्य हैं। मंदिर प्रबंधन के लोगों का कहना है कि ये लोग महंत यति की हत्या के इरादे से ही आए थे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

सालों तक मर्जी से रिश्ते में रही लड़की, नहीं बनता रेप का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की FIR: कहा- सिर्फ ब्रेक अप हो...

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में शादी के झूठे वादे के आधार पर किए गए रेप की FIR को खारिज कर दिया और आरोपित को राहत दे दी।

AAP ने दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए निकाली पहली लिस्ट, आधे से ज्यादा बाहरी नाम, 3 दिन पहले वाले को भी टिकट: 2 पर...

AAP ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 11 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है। इनमें से 6 उम्मीदवार भाजपा और कॉन्ग्रेस से आए हुए हैं।
- विज्ञापन -