केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम में शांति की पहल को मजबूत करते हुए त्रिपक्षीय करार पर हस्ताक्षर किया है। बोडो आंदोलनकारियों की लम्बे समय से एक अलग बोडोलैंड की माँग रही है, और इसके लिए समय-समय पर क़ानून-व्यवस्था पर भी ख़तरा पैदा हुआ है। अब गृह मंत्रालय की पहल के बाद इस पर विराम लगने की उम्मीद है। बता दें कि असम में बोडोलैंड एक क्षेत्र है, जिसे आधिकारिक रूप से बोडो टेरिटोरियल कॉउन्सिल के नाम से जाना जाता है। ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी छोर पर स्थित चार जिलों को मिला कर ये नाम दिया गया है, जिनकी सीमाएँ अरुणाचल प्रदेश और भूटान से मिलती हैं।
फ़रवरी 2003 में बोडो एकॉर्ड पर हस्ताक्षर होने के बाद ये क्षेत्र अस्तित्व में आया, जहाँ मुख्य रूप से बोडो जनजाति व असम की अन्य प्राचीन जनजातियों के लोग रहते हैं। उनकी लम्बे समय से एक अलग राज्य की माँग रही है। इसके साथ ही ‘नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB)’ के सभी चार पक्ष हथियार सहित समर्पण कर देंगे और हिंसा का मार्ग त्याग देंगे। इसके साथ ही असम में एक पुरानी समस्या समाधान की ओर बढ़ती दिख रही है।
30 जनवरी को एनडीएफबी के सभी गुट हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ख़ुद घोषणा करते हुए कहा कि इस करार पर हस्ताक्षर होने के साथ ही दशकों से विद्रोह और बगावत की आग में जल रहे बोडोलैंड में शांति आएगी।
History is created as all the factions of #NDFB sign a #Bodo Peace Accord with #GoI.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) January 27, 2020
Grateful to Hon PM Sri @narendramodi and HM Sri @AmitShah for making this happen which heralds a new dawn of peace & prosperity in #Assam.@sarbanandsonwal @JPNadda @RanjeetkrDass pic.twitter.com/BL9fdRPeQf
चारों विद्रोही गुटों का नेतृत्व राजन दईमारी, गोविंदा बसुमतारी, धीरेन बोडो और बी सओरिगरा करते रहे हैं। इनके अलावा एक अन्य बोडो संगठन एबीएसयू के अध्यक्ष प्रमोद बोडो और बोडोलैंड टेरीटोरियल कॉउन्सिल के अध्यक्ष हाग्रामा मोहिलारी ने भी इस करार पर साइन किया। असम के मुख्य सचिव संजय कृष्णा ने भी इस करार पर हस्ताक्षर किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस त्रिपक्षीय करार पर हस्ताक्षर होने के साथ ही बोडोलैंड आंदोलन की राजनीतिक और वित्तीय माँगें पूरी हो गई है। बोडोलैंड क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने 900 करोड़ रुपए भी जारी किया है।
Congratulations for the peaceful agreements. North east is really restoring peace and marching ahead on development under the able leadership of Hon,ble MP @narendramodi ji and union Home minister @AmitShah ji . Jai Hind ?
— N.Biren Singh (@NBirenSingh) January 27, 2020
सरकार ने सभी संगठनों को आश्वासन दिया है कि बोडोलैंड की प्राचीन संस्कृति, भाषा और परंपरा को बचाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। साथ ही बोडो भाषा को असम की दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाएगा।