Wednesday, October 9, 2024
Homeराजनीतिअसम में सुलझ गया 34 साल पुराना विवाद: 6 उग्रवादी गुटों ने टेके घुटने,...

असम में सुलझ गया 34 साल पुराना विवाद: 6 उग्रवादी गुटों ने टेके घुटने, अमित शाह ने की घोषणा

सरकार ने सभी संगठनों को आश्वासन दिया है कि बोडोलैंड की प्राचीन संस्कृति, भाषा और परंपरा को बचाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। साथ ही बोडो भाषा को असम की दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम में शांति की पहल को मजबूत करते हुए त्रिपक्षीय करार पर हस्ताक्षर किया है। बोडो आंदोलनकारियों की लम्बे समय से एक अलग बोडोलैंड की माँग रही है, और इसके लिए समय-समय पर क़ानून-व्यवस्था पर भी ख़तरा पैदा हुआ है। अब गृह मंत्रालय की पहल के बाद इस पर विराम लगने की उम्मीद है। बता दें कि असम में बोडोलैंड एक क्षेत्र है, जिसे आधिकारिक रूप से बोडो टेरिटोरियल कॉउन्सिल के नाम से जाना जाता है। ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी छोर पर स्थित चार जिलों को मिला कर ये नाम दिया गया है, जिनकी सीमाएँ अरुणाचल प्रदेश और भूटान से मिलती हैं।

फ़रवरी 2003 में बोडो एकॉर्ड पर हस्ताक्षर होने के बाद ये क्षेत्र अस्तित्व में आया, जहाँ मुख्य रूप से बोडो जनजाति व असम की अन्य प्राचीन जनजातियों के लोग रहते हैं। उनकी लम्बे समय से एक अलग राज्य की माँग रही है। इसके साथ ही ‘नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (NDFB)’ के सभी चार पक्ष हथियार सहित समर्पण कर देंगे और हिंसा का मार्ग त्याग देंगे। इसके साथ ही असम में एक पुरानी समस्या समाधान की ओर बढ़ती दिख रही है।

30 जनवरी को एनडीएफबी के सभी गुट हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ख़ुद घोषणा करते हुए कहा कि इस करार पर हस्ताक्षर होने के साथ ही दशकों से विद्रोह और बगावत की आग में जल रहे बोडोलैंड में शांति आएगी।

चारों विद्रोही गुटों का नेतृत्व राजन दईमारी, गोविंदा बसुमतारी, धीरेन बोडो और बी सओरिगरा करते रहे हैं। इनके अलावा एक अन्य बोडो संगठन एबीएसयू के अध्यक्ष प्रमोद बोडो और बोडोलैंड टेरीटोरियल कॉउन्सिल के अध्यक्ष हाग्रामा मोहिलारी ने भी इस करार पर साइन किया। असम के मुख्य सचिव संजय कृष्णा ने भी इस करार पर हस्ताक्षर किया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस त्रिपक्षीय करार पर हस्ताक्षर होने के साथ ही बोडोलैंड आंदोलन की राजनीतिक और वित्तीय माँगें पूरी हो गई है। बोडोलैंड क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने 900 करोड़ रुपए भी जारी किया है।

सरकार ने सभी संगठनों को आश्वासन दिया है कि बोडोलैंड की प्राचीन संस्कृति, भाषा और परंपरा को बचाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। साथ ही बोडो भाषा को असम की दूसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाएगा।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

अफगानिस्तान में आया तालिबान तो जान बचाने भागकर आया अमेरिका, फिर वहीं राष्ट्रपति चुनाव पर आतंकी हमले की करने लगा तैयारी: कौन है नासिर...

अमेरिका में FBI ने नासिर अहमद तौहीदी नाम के एक इस्लामी आतंकी को गिरफ्तार किया है। नासिर अमेरिका में चुनाव वाले दिन आतंकी हमला करना चाहता था।

जहाँ होनी थी माता की चौकी, वहाँ मुस्लिमों ने रख दिया कबाड़: पालघर में नवरात्रि मनाना दूभर, पीड़ित हिंदू बोले- सोसायटी में मदरसा बनाने...

महाराष्ट्र के पालघर जिले के नालासोपारा की एक सोसायटी में हिंदुओं को नवरात्रि मनाने से स्थानीय मुस्लिमों द्वारा रोका जा रहा है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -