असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने गुरुवार (2 दिसंबर 2021) को कहा कि वह भारतीय संस्कृति के प्रति काम करने के लिए ही सत्ता में आए हैं। उन्होंने कहा कि हर हिंदुस्तानी हिंदू है, क्योंकि बाबर के आने से पहले यहाँ सभी हिंदू ही थे। भारत में हिंदू सभ्यता थी और आगे भी रहेगी। CAA को लेकर उन्होंने कहा, “जहाँ भी हिंदू समुदाय के लोगों को तकलीफ होती है, उन्हें भारत लौटकर आने का अधिकार होना चाहिए। हर हिंदू की मातृभूमि भारत है। इसलिए मैं हमेशा CAA का समर्थन करता हूँ। हजारों साल से भारत हिंदू समुदाय का देश रहा है और रहेगा, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि दूसरे समुदाय के लोग यहाँ नहीं रह सकते।”
उन्होंने कहा कि भारत का हर नागरिक हिंदू है, क्योंकि जब बाबर ने यहाँ हमला नहीं किया था, तब तक सभी हिंदू ही थे। उन्होंने कहा, “आज मंदिर की बात करने वाला सांप्रदायिक, लेकिन दूसरे धर्म का स्थान बनाने वाला सेक्युलर हो जाता है। हम सीधे-सीधे हिंदू हैं और हिंदू रहेंगे, लेकिन हिंदू सभी धर्मों का सम्मान करना जानते हैं।”
न्यूज़ 18 के शो ‘चौपाल’ में मदरसे के मुद्दे पर बात करते हुए असम के मुख्यमंत्री ने कहा, “मदरसों को बंद करने का इरादा है। लगभग सात सौ मदरसे बंद हो चुके हैं, बाकी मदरसों को नर्सिंग स्कूल और मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेजों में बदलने का इरादा है। मैं चाहता हूँ कि मेरे मुसलमान भाई मदरसों में ना जाए और उसकी जगह लोग डॉक्टर-इंजीनियर बनें, समाज को रोशन करें।” उन्होंने आगे कहा, “इससे लोग खुश हैं। जब मैं मदरसे में गया तो पूछा कि क्या बनोगे बेटा, तो बोला ‘मैं डॉक्टर बनूँगा’ तो मैं बोला कि गलत जगह आ गए हो, यहाँ तो मौलवी बनते हैं। इसलिए बच्चों की राय लेकर मदरसों को सामान्य स्कूल में बदलने का फैसला किया। मैंने कौम की भलाई के लिए मदरसा बंद किया।”
मुस्लिम वोट के सवाल पर सरमा ने कहा, “मैं अगर बोलूँ कि मियाँ वोट दो, क्या वे मुझे वोट देंगे? मुझे पक्का मालूम है कि वे मुझे देंगे तो क्यों वोट माँगू? जिस दिन ये बच्चे डॉक्टर-इंजीनियर बन जाएँगे, उस दिन वो लोग मुझे जरूर वोट देंगे। अभी वो स्थिति नहीं है।” असम में मंदिर के पाँच किलोमीटर के दायरे में बीफ बैन करने पर उन्होंने कहा, “मंदिर हो, उसमें तकलीफ नहीं है। तकलीफ होता है, जब गोवध होता है।”
मथुरा पर यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर पूछे गए सवाल पर सरमा ने कहा, मथुरा में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था तो उसको लेकर कोई मंदिर की बात कहता तो बुरा क्यों लगता है? इसमें कम्यूनल की क्या बात है? दूसरे समुदाय के धर्म स्थान के बारे में बात करने पर सेक्युलर माना जाता है। हमें इस सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। हिंदू स्वभाव से सेक्युलर होता है।”