कॉन्ग्रेस के विधायक कुमार जयमंगल ने दावा किया था कि उनकी पार्टी के जिन 3 विधायकों को बड़ी मात्रा में कैश के साथ गिरफ्तार किया गया था, उन्होंने उन्हें असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा से मिलवाने का लालच दिया था। अब असम के मंत्री और राज्य सरकार के प्रवक्ता पीजूष हजारिका ने इन आरोपों की सच्चाई बताई है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से कॉन्ग्रेस विधायक के आरोपों की पोल खोली है।
उन्होंने जानकारी दी, “मनगढंत FIR दायर करने से 5 दिन पहले असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा उन्हें केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी के आवास पर लेकर गए थे। ये बात गुरुवार (26 जुलाई, 2022) को सुबह 9 बजे की है। ट्रेड यूनियन से जुड़े एक मुद्दे पर सहायता के लिए उन्होंने ये मुलाकात करवाई थी। कुमार जयमंगल नियमित रूप से सीएम सरमा से मिलते रहे हैं। असम सीएम और जनजातीय विधायकों के विरुद्ध झूठे आरोप लगाने के लिए उन्हें कानून का सामना करना चाहिए।”
5 days before filing the fabricated FIR, Hon’ble CM Dr.@himantabiswa sir took him to the Residence of the Hon’ble Union Coal Minister Shri @JoshiPralhad ji at 9 am of 26th July, 2022 in order to help him in his trade union related matter. (2/3)
— Pijush Hazarika (@Pijush_hazarika) August 2, 2022
बता दें कि बेरमो विधानसभा क्षेत्र से विधायक कुमार जयमंगल सिंह ने एक पत्र लिख कर आरोप लगाया था कि हावड़ा में कैश के साथ पकड़े गए तीनों विधायक झारखंड सरकार गिराने की साजिश में शामिल थे और सीएम सरमा भी इसका हिस्सा हैं। पत्र में उन्हें कोलकाता बुला कर गुवाहाटी ले जाकर सीएम सरमा के साथ बैठक कराने के लालच का आरोप लगाया गया था। जबकि हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि वो 22 साल कॉन्ग्रेस में रहे हैं, ऐसे में वहाँ के शीर्ष नेतृत्व के लोग उनके संपर्क में तो रहते हैं लेकिन राजनीति की बातें नहीं होतीं।
शनिवार (31 जुलाई, 2022) की देर रात हावड़ा पुलिस को कैश से भरी गाड़ियों के जाने की सूचना मिली थी। हालाँकि, ये नहीं पता चला कि इनमें कौन लोग हैं। पुलिस ने तीनों विधायकों की गाड़ियों को रोका और उनकी तलाशी ली तो उसमें भारी मात्रा में कैश बरामद किया गया और पता चला कि ये तीनों विधायक हैं। इसके बाद पुलिस ने ड्राइवर सहित कार में सवार पाँच लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। विधायक इरफान अंसारी वही व्यक्ति हैं, जिन्होंने अग्निपथ योजना का विरोध करते हुए कहा था कि ‘देश खून से लथपथ हो जाए, लेकिन अग्निपथ लागू नहीं होने देंगे।’