असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा शनिवार (9 अक्टूबर 2021) को इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने बांग्लादेशी घुसपैठियों, सरकार के अतिक्रमण हटाने के अभियान सहित कई मुद्दों पर बात की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि बीजेपी को मियाँ वोट नहीं चाहिए। पूर्वी बंगाल मूल के मुस्लिमों को असम में मियाँ कहते हैं।
सरमा ने कहा, “भाजपा को असम में बंगाली मूल के मुस्लिम समुदाय के वोटों की जरूरत नहीं है। मुझे मियाँ मुस्लिमों का वोट नहीं चाहिए। हम सद्भाव से रहते हैं। मैं उनके पास वोट के लिए नहीं जाता और वे भी मेरे पास नहीं आते हैं।” इस दौरान उन्होंने लखीमपुर खीरी हिंसा पर राजनीति करने को लेकर कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा को भी आड़े हाथों लिया।
उन्होंने कहा, “प्रियंका के द्वारा फर्श पर झाड़ू लगाने को देशव्यापी मुद्दा क्यों बनाया जा रहा है? इसे जश्न की तरह क्यों दिखाया जा रहा है? मेरी माँ भी घर में झाड़ू लगाती है। लाखों भारतीय अपने घरों में यह काम करते हैं।” दरअसल, इंडिया टुडे ने अपने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री को सीतापुर जिले के PAC गेस्ट हाउस में प्रियंका गाँधी वाड्रा का झाड़ू लगाते हुए वीडियो दिखाया था, जिसके बाद उन्होंने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी।
At #IndiaTodayConclave this morning.
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) October 9, 2021
Why is sweeping of a floor by someone being made such a reason to celebrate. This is a common household chore across millions of Indian homes https://t.co/ZoiAsL4ciQ
उन्होंने कहा कि राज्य के बहुत से लोगों का मानना है कि अप्रवासी मुस्लिमों की वजह से असम ने अपनी पहचान, संस्कृति और भूमि खो दी है। सरमा ने यह भी कहा कि असम में पहले समुदाय आधारित राजनीति नहीं थी। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि अतिक्रमण इसलिए हो रहा था, क्योंकि अप्रवासी मुसलमान बड़ी संख्या में बढ़ रहे। उन्होंने कहा, “कई असमिया लोग ऐसा सोचते हैं। यह सब आजादी से पहले शुरू हुआ था। मैं इतिहास का यह बोझ अपने साथ लेकर जी रहा हूँ।” उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध कब्जे हटाने का अभियान चलता रहता है।
गौरतलब है कि असम के सिपाझार में पिछले महीने (सितंबर 2021) अतिक्रमण खाली कराने गई पुलिस पर भीड़ ने हमला कर दिया था, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस घटना के पीछे PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) का हाथ होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि PFI दरंग जिले के धौलपुर में ‘तीसरी ताकत’ के रूप में काम कर रहा था, जिसने अवैध अतिक्रमणकारियों को भड़काया। फिर उन्होंने अतिक्रमण खाली कराने गई सरकारी टीम पर हमला बोल दिया।
बता दें कि असम में 26 सत्रों (वैष्णव मठों) की 5548 बीघा जमीन को घुसपैठियों ने कब्ज़ा कर रखा है। एक RTI से तो यहाँ तक पता चला था कि असम का 4 लाख हेक्टेयर जंगल क्षेत्र अतिक्रमण की जद में है। ये राज्य के कुल जंगल क्षेत्रों का 22% एरिया है। एक सरकारी समिति ने पाया था कि असम के 33 जिलों में से 15 में बांग्लादेशी घुसपैठिए हावी हैं। इन अतिक्रमणकारियों ने अवैध गाँव के गाँव बसा लिए हैं।