Saturday, November 16, 2024
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दोबारा मतदान, 4 अधिकारी सस्पेंड, लापता मतदानकर्मी भी मिला: असम में BJP नेता की कार में EVM की गुत्थी सुलझी

आयोग ने बताया है कि गाड़ी खराब होने के बाद मतदानकर्मियों ने बिना यह जाने कि कार किसकी है लिफ्ट ली थी। ईवीएम की जाँच की गई है और उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। बावजूद इसके दोबारा मतदान के आदेश दिए गए हैं।

असम में गुरुवार (1 अप्रैल 2021) को दूसरे चरण का मतदान हुआ था। मतदान समाप्त होने के बाद एक वीडियो सामने आया। इसमें एक प्राइवेट कार में मतदानकर्मी EVM लेकर जाते देखे गए। इस वीडियो को लेकर जारी विवाद पर विराम लगाते हुए चुनाव आयोग ने चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही दोबारा मतदान के आदेश दिए हैं।

दरअसल जिस कार से ईवीएम ले जाया जा रहा था वह पथराखंडी से बीजेपी विधायक कृष्णेंदु पॉल की थी। यह उनकी पत्नी मधुमिता पॉल के नाम है। कार को करीमगंज में स्थानीय लोगों ने रोक लिया था और कथित तौर पर मतदान अधिकारियों को पीटा भी। इनका आरोप था कि छेड़छाड़ के इरादे से बीजेपी नेता की कार से ईवीएम को ले जाया जा रहा था। हमले में कार बुरी तरह से छतिग्रस्त हो गई है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भाजपा पर कॉन्ग्रेस ने ईवीएम से छेड़छाड़ का आरोप मढ़ना शुरू कर दिया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक कार को करीमगंज के पास लोगों ने रोक लिया था। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के बैकग्राउंड में एक व्यक्ति यह कहते हुए सुना जा सकता है, “ओइ देखुं कृष्णेंदु पाल एर गदित इवा पौवा गसा (कृष्णेंदु पॉल की कार में ईवीएम पाए गए हैं)”। कार रोकने के बाद उसमें सवार सभी लोगों को जबरदस्ती बाहर निकाला गया। जैसे ही इन लोगों दोबारा से कार में घुसने की कोशिश की तो एक स्थानीय ने चेतावनी देते हुए कहा, “गादी जागत ठाक्टो (कार अपनी जगह पर ही रुकेगी)।” कार का नंबर AS10B0022 था।

वीडियो वायरल होने के बाद कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए ईवीएम से छेड़छाड़ का दुष्प्रचार शुरू कर दिया। एक ट्वीट में उन्होंने कहा, “हर बार के चुनाव में ऐसे वीडियो सामने आते हैं, जिसमें निजी गाड़ियाँ EVM ले जाते हुए पकड़ी जाती हैं। ये गाड़ियाँ अक्सर भाजपा नेताओं अथवा उनके सहयोगियों की होती हैं। ऐसे वीडियो हमेशा एक घटना के रूप में सामने आते हैं और फिर उन्हें झूठा बताकर खारिज कर दिया जाता है। बीजेपी अपने मीडिया तंत्र के जरिए उन्हीं लोगों पर आरोप लगा देती है, जिन्होंने इसका खुलासा किया होता है।”

आगे उन्होंने लिखा, “कई तथ्य देने के बाद भी चुनाव आयोग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। आयोग को इन सभी शिकायतों पर कार्रवाई करनी चाहिए। सभी राष्ट्रीय दलों को भी गंभीरता से EVM की उपयोगिता का पुनर्मूल्यांकन करना चाहिए।”

घटना पर चुनाव आयोग ने स्पष्ट की स्थिति

आरोपों की झड़ी लगने के बाद शुक्रवार को चुनाव आयोग ने तथ्यों के साथ अपनी रिपोर्ट जारी की। आयोग ने स्पष्ट किया कि मतदान दल, जिसमें एक पीठासीन अधिकारी और तीन मतदान कर्मी थे, रतबारी निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत नं 149- इंदिरा एमवी स्कूल के मतदान केंद्र पर मतदान पूरा होने के बाद अपने काफिले के साथ लौट रहे थे। उनकी सुरक्षा के लिए एक कॉन्स्टेबल और एक होमगार्ड को लगाया गया था। बारिश होने के कारण सड़कों पर काफी कीचड़ फैल गया था। चुनाव खत्म होने के बाद लगभग 1300 गाड़ियाँ राष्ट्रीय राजमार्ग- 8 से लौट रहीं थीं, जिस कारण काफी भीड़ हो गई थी।

इसी दौरान अचानक एक मोड़ पर बूथ नंबर 149 से पोलिंग टीम को लेकर जा रही गाड़ी खराब हो गई। उस दौरान रात करीब 9 बजे थे और गाड़ी नीलम बाजार पहुँचने वाली थी। चुनाव आयोग ने आगे कहा, “भारी ट्रैफिक और खराब मौसम के कारण यह पार्टी अपने काफिले से पिछड़ गई। वाहन खराब होने के बाद पोलिंग पार्टी सेक्टर अधिकारी अजय सूत्रधर को यथास्थिति से अवगत कराया गया। जब सेक्टर अधिकारी वैकल्पिक वाहन की व्यवस्था कर रहे थे, तब पोलिंग पार्टी ने अपने स्वयं के एक वाहन की व्यवस्था करने का फैसला किया, ताकि वे सामान को गंतव्य स्थान तक समय पर पहुँचा सकें, क्योंकि उनके पास ईवीएम था।”

चुनाव आयोग ने कहा कि इसके बाद मतदान कर्मी वहाँ से गुजर रहे एक वाहन के मालिक के बारे में जाने बिना ही उसमें सवार हो गए। इसके बाद वे रात करीब 10 बजे करीमगंज के कनाईशिल पहुँचे। ट्रैफिक की वजह से उन्हें गाड़ी धीमी करनी पड़ी। इसी दौरान करीब 50 लोगों की भीड़ ने घात लगाकर उन पर हमला कर दिया। उन्होंने गाड़ी पर पथराव करते हुए गालियाँ दी। पोलिंग एजेंटों ने जब भीड़ के नेता से पूछा तो उसने बताया कि वो गाड़ी पथरकंडी से भाजपा उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की है। भीड़ ने ईवीएम से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया। आयोग के मुताबिक, जैसे ही पोलिंग अधिकारियों को गड़बड़ी का पता चला तो उन्होंने तुरंत इसकी जानकारी सेक्टर अधिकारी और नोडल अधिकारी को दी। तब तक वहाँ काफी भीड़ इकट्ठा हो गई थी।

घटना की जानकारी मिलते ही डीईओ एसपी करीमगंज के साथ तुरंत मौके पर पहुँचे। चुनाव आयोग के मुताबिक, “घटनास्थल पर पहुँचने पर देखा गया कि भीड़ ने पोलिंग पार्टी को कार के बाहर खींचकर उसके साथ मारपीट की है। भीड़ हिंसक हो चुकी थी और उन्होंने गाड़ियों के काँचों को पत्थर मारकर फोड़ दिया था। इस पत्थरबाजी में करीमगंज के एसपी भी घायल हुए हैं। एक पोलिंग अधिकारी भी वहाँ से लापता था। हालाँकि सभी को सुरक्षित बचा लिया गया।”

ईवीएम के साथ नहीं हुई कोई छेड़छाड़

चुनाव आयोग ने मतदान किए गए ईवीएम की जाँच की और पाया कि वीवीपीएटी, बीयू और सीयू की सील सभी सुरक्षित थे। सारे सामग्रियों को स्ट्रॉन्ग रूम में रखवा दिया गया है। इस बीच घटना के दौरान लापता हुए पोलिंग ऑफिसर का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान भी चलाया गया। उन्हें शुक्रवार को ढूँढ लिया गया। चुनाव आयोग ने चुनाव निकाय के परिवहन प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के लिए पीठासीन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

दोषी अधिकारी निलंबित, संबंधित केंद्रों पर फिर से होगी वोटिंग

चुनाव आयोग ने परिवहन प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने के मामले में दोषी चार अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया है। साथ ही मतदान केंद्र संख्या 149 पर दोबारा से मतदान का आदेश जारी किया है। हालाँकि ईवीएम के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई थी।

चुनाव आयोग ने अपने स्टेटमेंट में कहा, “पीओ और 3 अन्य अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया है। ईवीएम की सील सही सलामत पाए जाने के बाद भी बूथ नंबर 149 पर फिर से मतदान होगा। एहतियात के तौर पर इंदिरा एमवी स्कूल ऑफ एलएसी 1 रतबारी पर विशेष पर्यवेक्षक भी तैनात किया जाएगा।”

जिन चार अधिकारियों को चुनाव आयोग के यातायात प्रोटोकॉल फॉलो नहीं करने के मामले में निलंबित किया गया है, उनमें पीठासीन अधिकारी सहाबुद्दीन तालुकदार, पोलिंग अधिकारी सौरव अचार्जी, साहब उद्दीन तापड़कर और अब्दुल मुमित चौधरी। चौधरी एक इस्लामिक स्कूल में शिक्षक हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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