उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे राज्य में ‘अटल भूजल योजना’ लागू करने का ऐलान किया है। इसके तहत न सिर्फ पानी के संरक्षण पर जोर दिया जाएगा, बल्कि उद्योगों को अब जल के उपयोग के लिए शुल्क देना पड़ेगा। राज्य के 10 जिलों में ये योजना पहले से ही लागू है और वहाँ अच्छे परिणाम मिले हैं। इसका ड्राफ्ट (DPR) तैयार किया जा चुका है। सीएम योगी ने बूँद-बूँद पानी सहेजने की तुलना रुपयों की बचत से की।
उन्होंने कहा कि ये बचत न सिर्फ हमारा आत्मविश्वास बनाए रखती है, बल्कि गाढ़े समय में हमारे काम भी आती है। राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में 278 चेकडैम और तालाबों के लोकार्पण के अवसर पर मुख्यमंत्री ने ये ऐलान किया। इस दौरान भूगर्भ जल विभाग द्वारा विकसित वेब पोर्टल ‘upgwdonline.in‘ (Ground Water Department) का भी लोकार्पण किया। इस पोर्टल से एक साथ कई कार्य होंगे।
जैसे, प्रत्येक ब्लॉक में कूप पंजीयन, अनापत्ति प्रमाण पत्र निर्गमन, ड्रिलिंग एजेंसी के पंजीयन और विभिन्न विभागीय समस्याओं के निदान के लिए ये एक एकीकृत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म की तरह कार्य करेगा। अब तक इन्हीं कार्यों के लिए केंद्रीय एजेंसियों के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब घर बैठे आवेदन के जरिए इन्हें निपटाया जा सकेगा। वहीं घरेलू और कृषि कार्यों में कूप के प्रयोग पर किसी प्रकार का कोई शुल्क नहीं लगेगा, ये बिलकुल मुफ्त होगा।
इसके लिए सर्वे आज से 27 वर्ष पहले 1994 में ही हुआ था, जिसके बाद राज्य सरकार ने नया अधिनियम तैयार किया और सभी शासकीय भवनों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ने का फैसला लिया गया। हर नदी-नाले के पानी को बचाने, वर्षा जल के संचयन और तालाबों के पुनरुद्धार को प्राथमिकता दी गई। मिशन की तरह इस कार्य को लिया गया। स्थिति दिन-प्रतिदिन सुधर रही है। सेमी-क्रिटिकल और क्रिटिकल क्षेत्रों की संख्या कम होती जा रही है।
बचत के रुपयों जैसा है भूगर्भ जल, गाढ़े समय में आएगा काम: मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज pic.twitter.com/wIYJPpVK37
— Yogi Adityanath Office (@myogioffice) February 1, 2021
कई ऐसी समितियाँ भी हैं, जो भूगर्भ जल के संरक्षण में लगी हुई हैं। सीएम योगी ने उन संस्थाओं के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात किया। उनकी बात सुनी। संयुक्त प्रयासों के कारण भूगर्भ जल का स्तर फिर से बढ़ रहा है। ‘लाइव हिंदुस्तान’ की खबर के अनुसार, औरैया के शिवनाथ सिंह ने कहा कि उनकी ग्राम पंचायत में चेकडैम के निर्माण के बाद जलस्तर में सुधार हुआ है। जलशक्ति मंत्री डॉक्टर महेंद्र सिंह ने बताया कि नवलोकर्पित चेकडैम और तालाबों की जियो टैगिंग कराई गई है।
इससे इसकी मॉनिटरिंग करने में सुगमता आएगी। नई योजना से जल संचयन और प्रबंधन के कार्य होंगे। बाँध, चेक डैम, तालाब, छोटे जलाशय और छोटी-छोटी बंधियों का निर्माण किया जाएगा। 10 जिलों की तरह राज्य भर में उद्योगों को भूगर्भ जल के उपयोग के लिए शुल्क देना होगा। कृषि एवं घरेलू कार्यों में दुरूपयोग पर भी दंड का प्रावधान नहीं है। स्प्रिंकलर एवं ड्रिप एरिगेशन के उपयोग से पानी की बर्बादी रुकेगी। पंचायत स्तर पर कार्य होंगे। कम पानी वाली फसलों के प्रति जागरूकता फैलाई जाएगी।
बता दें कि यूपी में स्वतंत्रता के बाद से लेकर अब तक 398 गाँव ही पाइप वॉटर की सप्लाई से जुड़े हुए थे, लेकिन अब जल जीवन मिशन के तहत 2995 गाँवों को ये सुविधा मिलने जा रही है। मिर्जापुर के 21,87,980 और सोनभद्र के 19,53,458 लोगों तक पीने का पानी पहुँचेगा। जल शक्ति मंत्रालय इस पूरे कार्य की निगरानी कर रहा है। देश में 2 करोड़ 60 लाख से ज्यादा परिवारों को उनके घरों में नल से शुद्ध पीने का पानी पहुँचाने का इंतजाम किया गया है।