तमिलनाडु (Tamil Nadu) में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) सरकार पर द्रविड़ मॉडल के नाम पर ईसाई धर्म को बढ़ावा देने के आरोप लग रहे हैं। पार्टी ने कई मौकों पर इसे साबित भी किया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (MK Stalin) के बेटे उधयनिधि स्टालिन ने गुरुवार (22 दिसंबर 2022) को यह कहकर विवाद खडा कर दिया कि वह और उनकी पत्नी ईसाई हैं। उन्होंने कहा कि सुनकर संघी आग-बबूला हो जाएँगे। उधयनिधि को हाल ही में राज्य का युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री नियुक्त किया गया है।
चेन्नई के हार्बर निर्वाचन क्षेत्र में एक क्रिसमस समारोह में DMK नेता ने कहा कि उन्हें खुद को ईसाई कहने में गर्व है और यह जानने के बाद संघी आग बबूला हो जाएँगे। वह यहीं नहीं रूके। उन्होंने कहा, “हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती (HRCE) मंत्री पीके शेखर बाबू ‘हैललूजाह (Hallelujah)’ कह रहे हैं। मैं खुद को ईसाई बता रहा हूँ। मैं यह भी कहूँगा कि मैं मुस्लिम हूँ।”
उधयनिधि ने कहा, ”मैं यहाँ एग्मोर के डॉन बॉस्को स्कूल में पढ़ा। मैंने अपनी डिग्री लॉयोला कॉलेज से प्राप्त की। मुझे एक ईसाई महिला (किरुथिगा उधयनिधि) से प्यार हो गया और मैंने उससे शादी कर ली। इस आधार पर मैं इस क्रिसमस कार्यक्रम का हिस्सा बनकर खुश हूँ।”
उधयनिधि स्टालिन ने आगे कहा, “हर कोई पूछ रहा है कि यह ‘द्रविड़ मॉडल’ शासन क्या है। हमारे प्रमुख बार-बार ‘द्रविड़ मॉडल शासन’ का उल्लेख करते हैं। मैं आपको बताता हूँ। HR&CE मंत्री ‘हैललूजाह’ कहते हैं। इसे द्रविड़ मॉडल शासन के रूप में जाना जाता है। उन्होंने रमजान के लिए और भी बड़ी योजना बनाई थी। वह बाहर माला लेकर घूम रहे होंगे। यह सामाजिक न्याय का शासन है। इन सब चीजों को हमें पेरियार, अन्ना, कलैगनार और अंबाझगन ने हमें सिखाया है। यही ‘द्रविड़ मॉडल शासन’ है, जिसे हमारे प्रमुख लागू कर रहे हैं।”
एक ट्वीटर यूजर ने उधयनिधि के बयान का वीडियो ट्वीट किया, जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा, “उधयनिधि स्टालिन ने अंततः स्वीकार किया कि वह गर्व से भरे एक ईसाई हैं। डीएमके सबसे बड़ा मिशनरी माफिया है। जागो हिन्दुओं जागो।”
Udhayanidhi Stalin finally accepted that he is a proud Christian.
— Amar Prasad Reddy (@amarprasadreddy) December 22, 2022
DMK is the biggest missionary mafia. Wake up Hindus. pic.twitter.com/RuU7USbUE0
उधयनिधि भले ही खुद को ईसाई बता लें या मुस्लिम बता लें, वह वास्तव में अपनी ही बात को काट रहे हैं। उधयनिधि स्टालिन ने साल 2020 में दावा किया था कि वह और उनकी पत्नी नास्तिक हैं।
दरअसल उन्होंने सोशल मीडिया पर भगवान गणेश की मूर्ति पकड़े हुए अपनी बेटी की तस्वीर साझा की थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया था। उधयनिधि ने तब एक बयान में स्पष्ट किया था कि भगवान की मूर्ति पकड़कर फोटो खिंचवाने की इच्छा उनकी बेटी की थी। वह और उनकी पत्नी किसी भी भगवान में विश्वास नहीं करते हैं।
சர்ச்சையும் அதன் உள்நோக்கமும் புரிகிறது. என் அம்மா வைத்து வழிபட்டது. கரையும்முன் மகள் விருப்பத்தின்பேரில் அவர் கைகளில் புகைப்படமானது, அவ்வளவே. pic.twitter.com/4s0csUBP43
— Udhay (@Udhaystalin) August 24, 2020
वास्तव में यह पहली बार नहीं है कि DMK के किसी नेता ने ईसाई धर्म का महिमामंडन किया है। 28 जुलाई 2022 को तमिलनाडु विधानसभा अध्यक्ष एम अप्पावु ने कहा था कि तमिलनाडु में डीएमके की सरकार ईसाइयों के कारण ही बनी है।
उन्होंने कहा था कि डीएमके सरकार ईसाइयों के लिए और ईसाइयों द्वारा है। स्पीकर ने तब ईसाई कैथोलिक मिशनरियों को डीएमके के सत्ता में आने की प्रार्थना करने के लिए धन्यवाद दिया था।