औरंगाबाद का नाम संभाजी नगर करने को लेकर महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार का तकरार खत्म होता नहीं दिख रहा है। कॉन्ग्रेस की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि औरंगजेब सेकुलर नहीं था।
उन्होंने कहा, “औरंगजेब सेकुलर नहीं था इसलिए वह सेकुलर एजेंडे में फिट नहीं बैठता है।”
Aurangzeb was not secular so Aurangzeb does not fit in the secular agenda: Maharashtra Chief Minister Uddhav Thackeray on the issue of renaming of Aurangabad pic.twitter.com/0Up18lEYGg
— ANI (@ANI) January 8, 2021
यहाँ बता दें कि शिवसेना काफी समय से औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने की माँग करती रही है। यह माँग उस वक्त भी की गई थी, जब भाजपा के साथ शिवसेना गठबंधन सरकार का हिस्सा थी। अभी हाल में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के एक ट्वीट में औरंगाबाद का जिक्र संभाजी नगर के तौर पर किया गया, जिसकी महाविकास अघाड़ी सरकार की सहयोगी कॉन्ग्रेस के नेताओं ने आलोचना की थी।
कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री बालासाहेब थोराट ने औरंगाबाद को संभाजी नगर करने का विरोध किया था। इसके बाद शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के माध्यम से शहर का नाम बदलने के विषय को जोर-शोर से उठाया।
इस बात से इनकार करते हुए कि नाम बदलने से महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार के भविष्य पर कोई असर पड़ेगा, लेख में बताया गया है कि कैसे शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 30 साल पहले इसका नाम संभाजी नगर रखा था और लोगों ने इसे तहे दिल से स्वीकार भी किया था। ‘सामना’ के सम्पादकीय में कहा गया है कि नाम को आधिकारिक रूप से लागू करने के लिए बस दस्तावेजों की औपचारिकताओं को छोड़ दिया गया था।
लेख में कहा गया है कि जिस तरह से अयोध्या में श्री राम मंदिर सर्वसम्मति से बनाया जा रहा है, उसी तरह औरंगाबाद का नाम भी आम सहमति से बदल दिया जाएगा। संपादकीय में दावा किया गया कि भारत में मुस्लिम बाबर और औरंगज़ेब का तिरस्कार करते हैं और उन्हें औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी नगर करने से कोई असहमति नहीं होगी।