Thursday, November 7, 2024
Homeराजनीति31 ऑटो, 69 एंबुलेंस/ट्रक या अन्य वाहन, 70 का डेटा नहीं: प्रियंका गाँधी के...

31 ऑटो, 69 एंबुलेंस/ट्रक या अन्य वाहन, 70 का डेटा नहीं: प्रियंका गाँधी के बसों में सामने आया फर्जीवाड़ा

उत्तर प्रदेश सरकार ने इन वाहनों का सत्यापन आरटीओ लखनऊ से करवाया। जिसके बाद ये बात साफ हो गया कि प्रियंका गाँधी द्वारा भेजे गए बसों की सूची में से 31 ऑटो थे, 69 एंबुलेंस, ट्रक या फिर अन्य वाहन थे। इसके साथ ही 70 ऐसे वाहनों की लिस्ट दी गई थी, जिसका कोई डेटा ही उपलब्ध नहीं था।

कॉन्ग्रेस की महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को भेजी गई 1000 बसों की सूची में बड़ा फर्जीवाड़ा निकल कर सामने आया है। प्रियंका द्वारा भेजी गई बसों की सूची में स्कूटर, आटो रिक्शा और तिपहिया वाहनों के साथ एंबुलेंस का नंबर भी शामिल है। इसकी पुष्टि एनआईसी द्वारा की गई।

उत्तर प्रदेश सरकार ने इन वाहनों का सत्यापन आरटीओ लखनऊ से करवाया। जिसके बाद ये बात साफ हो गया कि प्रियंका गाँधी द्वारा भेजे गए बसों की सूची में से 31 ऑटो थे, 69 एंबुलेंस, ट्रक या फिर अन्य वाहन थे। इसके साथ ही 70 ऐसे वाहनों की लिस्ट दी गई थी, जिसका कोई डेटा ही उपलब्ध नहीं था।

उत्तर प्रदेश के अपर परिवहन आयुक्त (आईटी) विनय कुमार सिंह और लखनऊ के सम्भागीय परिवहन अधिकारी रामफेर द्वारा लिखे गए पत्र में इस बाबत जाननकारी दी गई है। उन्होंने इस संबंध में पत्र लिखते हुए बताया कि गृह विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा आज दिनांक 19.05.2020 को पूर्वाह्न में ई-मेल के माध्यम से उपलब्ध कराई गई बसों की सूची सम्भागीय परिवहन अधिकारी, लखनऊ कार्यालय में जाँच कराई गई।

उपलब्ध कराई गई सूची की प्रारंभिक जाँच में कुल 492 वाहनों के विवरण का परीक्षण किया गया। परीक्षण के अनुसार 59 वाहनों की फिटनेस की वैधता की अवधि समाप्त पाई गई एवं 29 वाहनों के इंश्योरेंस समाप्त अथवा अनुपलब्ध पाए गए।

इसके अलावा 3 वाहनों के प्रकरण ऐसे पाए गएस जिनमें वाहन की पंजीकरण संख्या बसों की न होकर अन्य श्रेणी के वाहनों की है।

गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार के लघु उद्योग मंत्री व प्रदेश सरकार के प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रियंका की भेजी लिस्ट सही नहीं होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि इसमें कई वाहनों के नंबर और डिटेल गलत है और बसों के बजाय दूसरे वाहनों के नंबर हैं।

सिद्धार्थनाथ सिंह ने लखनऊ में इस बारे में जानकारी देते हुए प्राथमिक आधार पर उपलब्ध वाहनों की सूची के बारे में बताते हुए कहा था कि कॉन्ग्रेस इस मौके पर भी अपनी नीयत से बाज नहीं आई और दी गई लिस्ट में कार, ट्रैक्टर, एंबुलेंस और स्कूटर जैसे वाहनों के नंबर हैं। सूची में जिन वाहनों के नंबर दिए गए हैं, उसमें अधिकतर ब्लैकलिस्टेड हैं।

सोमवार (मई 18, 2020) को यूपी के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी ने प्रियंका गाँधी को पत्र लिखकर बताया था कि सरकार ने प्रवासी मजदूरों के संबंध में उनके प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। साथ ही उन्होंने बिना किसी देरी के एक हजार बसों और ड्राइवरों का विवरण माँगा था। 

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

मंदिर पर हमले के बाद जस्टिन ट्रूडो की नई चिरकुटई: खालिस्तानियों से सुरक्षा का भरोसा नहीं दे रहा कनाडा, भारतीय दूतावास को रद्द करने...

कनाडा ने भारतीय दूतावास के काउंसिलर कैम्प कार्यक्रमों को सुरक्षा देने से मना कर दिया है। इन कैम्प में जीवन प्रमाण दिए जाते हैं।

वक्फ ट्रिब्यूनल होने का मतलब कोर्ट की कोई औकात होना नहीं: केरल हाई कोर्ट ने कर दिया क्लियर, कहा- सिविल कोर्ट को आदेश लागू...

हाई कोर्ट ने कहा कि वक्फ न्यायाधिकरण होने के बावजूद सिविल कोर्ट को पुराने वक्फ विवादों से संबंधित अपने आदेशों को लागू करने का अधिकार है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -