कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी के कार्यालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को उन बसों की लिस्ट भेजी थी, जो पार्टी के मुताबिक वो मजदूरों के लिए मुहैया कराने वाली हैं। अब बसों की सूची में भी नया घपला सामने आ रहा है। प्रियंका गाँधी की तरफ से बसों की जो सूची भेजी गई है, उसमें ऑटो रिक्शा तक के नंबर हैं।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या मजदूरों को कॉन्ग्रेस ऑटो से सैकड़ों किलोमीटर भेजेगी? कॉन्ग्रेस ने दावा किया था कि श्रमिकों के लिए बसों की लिस्ट भेज दी गई है और अब यूपी सरकार पर है कि वो आगे का काम करें।
कॉन्ग्रेस ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार से पूछा था कि इन बसों को कहाँ और किस समय पहुँचाना है, इस सम्बन्ध में बताया जाए। सोशल मीडिया पर काफ़ी यूजर्स ऐसा दावा कर रहे थे कि इन बसों की सूची में कई ऑटो के नंबर भी हैं।
ऑपइंडिया ने इस दावे की पुष्टि के लिए सड़क एवं परिवहन मंत्रालय की ‘वाहन’ वेबसाइट पर प्रियंका गाँधी द्वारा जारी सूची में से एक गाड़ी के नंबर को ‘Vehicle Registration Status‘ विकल्प में जाकर चेक किया। हमने पाया कि गाड़ी संख्या UP83T1006 बजाज ऑटो लिमिटेड की एक तिपहिया गाड़ी है। स्पष्ट लिखा है कि ये एक ऑटो रिक्शा है, जो मोहम्मद इरशाद के नाम पर पंजीकृत है। ‘वाहन’ वेबसाइट पर हमें उस नंबर के ये डिटेल्स मिले:
जबकि कॉन्ग्रेस का दावा है कि उसने बसों की सूची के साथ-साथ चालक एवं परिचालकों की लिस्ट भी यूपी सरकार को भेज दी है, जो कभी भी सेवा देने के लिए तैयार हैं। कॉन्ग्रेस ने माँग की थी कि उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही इनका संचालन करे और इसकी समय-सारणी व रूट की जानकारी जनसाधारण को उपलब्ध कराए।
प्रियंका गाँधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह ने उत्तर प्रदेश के गृह सचिव अवनीश अवस्थी को पत्र लिख कर गाड़ियों के डिटेल्स भेजे थे।
इतना ही नहीं, बसों के नंबर को खँगालने पर कार के डिटेल्स भी मिले हैं। उदाहरण के लिए सूची में RJ14TD1446 नामक एक गाड़ी भी शामिल है। जब इसका विवरण सर्च किया गया तो पाया गया कि ये भी किसी बस का नंबर नहीं है बल्कि ‘Chevrolet Beat’ नामक कार का नंबर है, जो राजस्थान के गजेंद्र सिंह के नाम पर रजिस्टर्ड है।
कई लोग इस बात से भी नाराज़ दिखे कि इन बसों की सूची में अधिकतर राजस्थान के हैं। लोगों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की आलोचना करते हुए कहा कि अगर सारे बस यूपी ही भेज दिए जाएँगे तो राजस्थान के मजदूरों को घर कैसे पहुँचाया जाएगा?
इसके अलावा कुछ ऐसे भी नंबर हैं, जो रजिस्टर्ड नहीं हैं, ‘वाहन’ पोर्टल पर उन्हें ब्लैकलिस्टेड बताया जा रहा है। ऐसे में ये देखना पड़ेगा कि अगर दिया गया नंबर सही है तो क्या वो अवैध रूप से प्रयोग में लाया जा रहा है?
उधर मीडिया में प्रियंका गाँधी का अलग ही बयान चल रहा है। जहाँ एक तरफ उनके दफ्तर की ओर से 1000 बसों की सूची यूपी सरकार को भेजने का दावा किया गया है, वहीं दूसरी तरफ प्रियंका ने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1000 बसों को भेजने की बात कहना न सिर्फ़ अमानवीय है बल्कि समय और संसाधन की बर्बादी भी है।
प्रियंका गाँधी ने आरोप लगाया है कि उत्तर प्रदेश सरकार मजदूरों को उनके घर भेजने के लिए सक्रियता नहीं दिखा रही है।
इससे पहले एनडीटीवी के पत्रकार उमाशंकर सिंह ने एक फोटो से लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की थी, जिसमें यूपी सरकार की ओर से कॉन्ग्रेस द्वारा भेजे जाने वाली बसों की खबर को उस फोटो के साथ शेयर किया गया, जिस फोटो को हम सभी ने पिछले वर्ष प्रयागराज में लगे कुंभ मेले में सबसे लंबी बस परेड का विश्व रिकॉर्ड बनने के दौरान देखा था।