भू माफिया आजम खान की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। ताजा मामले में उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ फर्जी दस्तावेज के मामले में उन पर धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया था।
इस घटना से आहत समाजवादी पार्टी नेता और लोकसभा सांसद आजम खान ने कहा कि कि पासपोर्ट में एक गलती से यह मतलब नहीं है कि उनके सम्बन्ध लादेन से हैं। दरअसल, अब्दुल्ला आजम दो जन्मतिथियों के मामले में फँस गए हैं। उनके खिलाफ धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया था। हालाँकि, इसके बाद बुधवार (जुलाई 31, 2019) शाम को अब्दुल्ला को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, आजम खान ने कहा- “पासपोर्ट में कोई जालसाजी या धोखाधड़ी नहीं है। पासपोर्ट में एक गलती से हम दाऊद या लादेन नहीं बन जाते। अब्दुल्ला ने कोई अपराध नहीं किया है। बरेली के पासपोर्ट अधिकारी ने बाद में गलती ठीक कर दी थी। हम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।”
दस्तावेजों में धोखाधड़ी के आरोप पर सफाई देते हुए आजम खान ने आगे कहा, “जब अब्दुल्ला का लखनऊ स्थित केजीएमसी में जन्म हुआ तो मेरी पत्नी की हालत बहुत नाजुक थी। उसके बचने की संभावना भी कम थी। हम उसी भागम-भाग में लगे हुए थे। हमें बाद में पता चला कि सिविक अथॉरिटी में नवजात शिशुओं की जन्म के बारे में जानकारी देने का काम केजीएमसी का था। रामपुर सिविक अथॉरिटी में जो दिन रजिस्टर हुआ, वह लखनऊ वाली तिथि से अलग था। केजीएमसी ने सभी जानकारियों को रजिस्टर कर लिया था। अब मामला हाई कोर्ट में है।”
इस विवादित पासपोर्ट को ही अब्दुल्ला आजम व्यापार और व्यवसाय में और विदेश यात्रा के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। पहचान पत्र और आर्थिक लाभ लेने के लिए शैक्षिक संस्थानों की मान्यता में भी इस पासपोर्ट का इस्तेमाल किया जा चुका है। शिकायत के आधार पर जाँच के बाद कार्रवाई करने और पासपोर्ट जब्त की माँग की गई है।
अब्दुल्ला आजम खान पर गलत और कोडेड दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने का आरोप लगा था। यह FIR उत्तर प्रदेश के रामपुर, सिविल लाइन्स थाने में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना की शिकायत पर दर्ज की गई थी। अब्दुल्ला आजम खान पर FIR भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420, 467, 468, 471 और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 12 के तहत मामला दर्ज किया गया था।