यूपी पुलिस ने उत्तर प्रदेश के रामपुर में सात ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया जोकि पोलिंग एजेंट के रूप में फर्जी तरीके से काम कर रहे थे। बता दें कि ये सात फर्जी एजेंट आज़म खान की पत्नी तन्ज़ीम फातिमा को गैर-कानूनी तरीके से मदद करने में जुटे हुए थे। पोलिंग एजेंट के वेश में फर्जी तरीके से काम कर रहे इन सात आदमियों को पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया।
बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में रामपुर सीट से बतौर विधायक इस्तीफ़ा देकर आज़म खान लोकसभा के लिए चुनाव मैदान में उतरे थे। आज़म के बाद जो रामपुर सीट खाली हुई उस सीट पर चुनाव आयोग ने उप-चुनाव की घोषणा कर दी। समाजवादी पार्टी ने इसके लिए आज़म की पत्नी तंज़ीम फ़ातिमा को चुनाव के मैदान में उतारा है। गौरतलब है कि तंज़ीम फ़ातिमा वर्तमान समय में समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सदस्य हैं।
तंज़ीम उस रामपुर के विधानसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरी हैं जो उनके शौहर और विवादित नेता आज़म खान का किला माना जाता हैं। तकरीबन नौ-बार रामपुर की सीट से विधायक रह चुके आज़म खान अब पत्नी को जिताने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटे हैं। इस सीट के लिए सपा कितना हाथ-पाँव मार रही है यह इसी से समझा जा सकता है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी इस सीट पर आज़म की पत्नी के लिए प्रचार करने आए थे।
कई मामलों में आरोपित सपा नेता आज़म खान को फिलहाल जिला प्रशासन ने गिरफ्तार नहीं किया है क्योंकि उस से मिलने वाली सहानुभूति का फायदा आज़म चुनाव में वोट जुटाने के रूप में ले सकते हैं। बता दें कि आज़म परसरकारी ज़मीन हड़पने से लेकर बकरी चुराने तक के आरोप में केस दर्ज हैं।
आज़म खान ज़मीन हड़पने, शेर की मूर्तियाँ, किताबें और मूल्यवान पांडुलिपियाँ तथा भैंस चुराने जैसे कई आरोपों से घिरे हुए हैं। बता दें कि रामपुर के सांसद आज़म पर बिजली की धोखाधड़ी करने के भी आरोप हैं। इसी सिलसिले में आज़म के रेज़ोर्ट ‘हमसफ़र’ में बिजली विभाग की टीम की छापेमारी के बाद की बिजली काट दी गई। इस उप-चुनाव में सांप्रदायिक ध्रुविकरण के इस खुले खेल से निपटने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने भारत भूषण गुप्ता को मैदान में उतारा है।