प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लेकर जातिवादी टिप्पणी करने वाले तृणमूल कॉन्ग्रेस (TMC) नेता पियूष पांडा पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग सख्त हो गया है। आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी से इस मामले में की गई कार्रवाई का ब्यौरा माँगा है। आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष हंसराज अहीर ने इस मामले में जाँच के आदेश भी दिए हैं।
राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को मंगलवार (2 अप्रैल, 2024) को लिखे पत्र में कहा, “समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को यह जानकारी प्राप्त हुई है कि तृणमूल कांग्रेस नेता पियूष पांडा ने भारत के माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया है।”
आयोग ने आगे लिखा, “भारत के प्रधानमंत्री पद पर बैठे हुए पिछड़े वर्ग के व्यक्ति के विरूद्ध की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष श्री हंसराज गंगाराम अहीर ने गम्भीरता से लेते हुए जाँच करने का विनिश्वय किया है।”
National Commission for Backward Classes writes to DGP West Bengal over the objectionable and caste-based words by TMC leader Piyush Panda for PM Modi. pic.twitter.com/ggjZV7lCNI
— ANI (@ANI) April 2, 2024
आयोग ने इस सम्बन्ध में संविधान के अनुच्छेद 338(ख) के तहत पश्चिम बंगाल के डीजीपी से इस मामले में की गई कार्रवाई का ब्यौरा देने को कहा है। यह ब्यौरा डीजीपी को शपथ पत्र पर देना होगा। इससे पहले पियूष पांडा के बयान को लेकर भाजपा नेताओं ने चुनाव आयोग और राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से कार्रवाई की माँग की थी।
इस कार्रवाई को लेकर आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर ने कहा, “प्रधानमंत्री सरीखे उच्च पद पर बैठे व्यक्ति की जाति का नाम लेकर राम मंदिर उद्घाटन करने के अधिकार सम्बन्धी विचार व्यक्त किए जाते हैं तो यह आपत्तिजनक स्थिति है। इस सम्बन्ध में सुवेंदु अधिकारी ने मुझे शिकायत भेजी है। मैं निश्चित रूप से इस पर कार्रवाई करने जा रहा हूँ।”
#WATCH | On TMC leader Piyush Panda's reported 'casteist slur' against PM Narendra Modi, Hansraj Ahir, Chairperson of the National Commission for Backward Classes says, "…If such sentiments are expressed for a Prime Minister, it is objectionable. The complaints are appropriate.… pic.twitter.com/dWSbMzK3bu
— ANI (@ANI) April 2, 2024
पांडा के बयान को सामने लाने वाले पश्चिम बंगाल के भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस मामले पर कार्रवाई करने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष हंसराज अहीर का धन्यवाद किया है। सुवेंदु अधिकारी ने पीएम मोदी को ‘तेली के बेटे’ कहे जाने को लेकर पियूष के खिलाफ कार्रवाई की माँग थी और कहा था कि TMC सुप्रीमो बनर्जी ने ऐसे नेताओं को छूट दी हुई है।
गौरतलब है कि TMC नेता पियूष पांडा का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को जाति (तेली) बताते हुए अपमानजनक भाषा का उपयोग कर रहे थे। उन्होंने इस बयान में कहा था, “नरेन्द्र मोदी अहंकारी हैं, वह तेली (जाति) के बेटे हैं, वह राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा और पूजा कैसे कर सकते हैं जहाँ किसी ब्राम्हण को नहीं बुलाया गया। फिर ब्राम्हणों का क्या काम है, मैं अपना जनेऊ प्रधानमंत्री कार्यालय भेज दूँगा। मैं कोंटई बस स्टैंड पर बैठ का जूते पॉलिश करूँगा।”
Though I don't give two hoots about a lower level TMC leader – Pijush Panda, but when the foul mouthed creep is the President of the regional TMC Party's Contai Organizational District, his words have to be considered as his Party's Official stance.
— Suvendu Adhikari (Modi Ka Parivar) (@SuvenduWB) March 31, 2024
He has not only tried to… pic.twitter.com/4pO8LrBTDH
पियूष पांडा ने पीएम मोदी पर जातिवादी टिप्पणी के अलावा और भी कई बातें कही थीं। उन्होंने पीएम मोदी की डिग्री और चाय बेचने को लेकर भी प्रश्न उठाए थे। पांडा ने कहा था कि आज से 50-60 साल पहले देश में कम्प्यूटर और टाइपराइटर नहीं थे लेकिन पीएम मोदी की डिग्री कम्प्यूटराइज्ड है।
पियूष पांडा ने कहा था, “वह (पीएम मोदी) कौन से स्टेशन पर चाय बेंचते थे? क्या आपको नाम पता है? किस स्टेशन पर भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री चाय बेचा करते थे? बहुत जल्द वह पूर्व प्रधानमंत्री हो जाएँगे। अगर कोई मुझे यह बता देगा कि वह किस स्टेशन पर चाय बेचा करते थे तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूँगा।” गौरतलब है कि यह सर्वविदित है पीएम मोदी गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन पर चाय बेचा करते थे। यहाँ पर उनकी वह चाय की दुकान अब भी सुरक्षित है।
पांडा ने पीएम मोदी की शिक्षा को लेकर कहा था, “वह 70 साल के हैं, कोई बता सकता है कि 50 साल पहले जारी किए गए प्रमाण पत्र कहाँ हैं, तब पेन से लिख कर जारी किए जाते थे, लेकिन मोदी जी के प्रमाणपत्र कम्यूटर से जारी हैं। 50 साल पहले देश में कम्यूटर और टाइपराइटर भी नहीं थे। वह बहुत बड़े धोखेबाज हैं, एकदम फर्जी हैं।”