Friday, November 22, 2024
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बीच में छूट गई पढ़ाई या कोर्स नहीं हुआ पूरा… अब चिंता नहीं: जानें मोदी सरकार की ABC योजना, 3 करोड़ छात्र कर चुके हैं रजिस्टर

पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते आपकी पढ़ाई छूटी हो या फिर जल्दी शादी करा देने की वजह से आप अपनी शिक्षा पूरा न कर पाएँ हों... अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। मोदी सरकार की एबीसी योजना से दोबारा से आप वहीं से पढ़ाई शुरू कर सकते हैं जहाँ से आपने छोड़ी थी।

लगातार पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए कई योजनाएँ सरकारें हमेशा से लेकर आती रही थीं, लेकिन जिन छात्र-छात्राओं की शिक्षा किसी कारणवश बीच में छूट जाती थी उस पर कोई ध्यान नहीं देता था। किसी को मतलब नहीं होता था कि जो पढ़ाई करते-करते बीच में किसी कारण से रह गई उसका कोई हिसाब होगा या नहीं। लेकिन मोदी सरकार में ये सिस्टम बदला। एक ऐसा प्लेटफॉर्म आया जिसमें छात्र-छात्रों के साल तो साल, सेमेस्टर की भी गिनती रखनी शुरू हुई।

मोदी सरकार नई एजुकेशन पॉलिसी 2020 के साथ इस डिजिटल व्यवस्था को लेकर आई थी, जिसके तहत हर छात्र की मेहनत का डिजिटल रिकॉर्ड रखा जाना शुरू हुआ और मौका दिया गया कि जो पढ़ाई उसने छोड़ी है उसे वो दोबारा कंटिन्यू करे बिना किसी परेशानी के। इस स्कीम का नाम- एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (ABC) हैं। हाल में इसमें देश भर के 3 करोड़ छात्रों ने पंजीकरण कर लिया और आने वाले समय में ये संख्या और बढ़ने के अनुमान है।

इसकी व्यवस्था की खास बात यह है कि इसमें पंजीकृत छात्र किसी भी कॉलेज में मल्टीपल एंट्री या एग्जिट कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें अलग-अलग जगह से कागज जुटाने की जरूरत नहीं है। एक क्लिक में दूसरे कॉलेज में काम उसी कोर्स में एडमिशन के जानकारी पहुँच जाएगी और छूटी हुई पढ़ाई में दोबारा वो सेमेस्टर पढ़ने की जरूरत नहीं होगी।

सरकार के इस पोर्टल पर स्टूडेंट्स का सारा डेटा सुरक्षित रहेगा। आसान भाषा में कहें तो ये प्लेटफॉर्म एक कमर्शियल बैंक की तरह काम करेगा, जिसके ग्राहक छात्र-छात्राएँ हैं और पैसे की जगह या कोर्स के क्रेडिट जमा होते हैं। जब छात्र-छात्राएँ इसे रिडीम करना चाहें तो वो भी आसानी से हो सकता है।

इस स्कीम का नियम है कि अगर कोई छात्र एक साल पूरा करके गया है तो ऐसा नहीं माना जाएगा उसने कोर्स बीच में छोड़ा, उसके सर्टिफिकेट दिया जाएगा। ऐसे ही दो साल करने पर उसे डिप्लोमा मिलेगा और तीन साल करने पर उसे डिग्री दी जाएगी।

इसके बाद आने वालों वर्ष में जब आपका पढ़ाई कंटिन्यू करने का मन करें तो आप वो कागज दिखाकर, क्रेडिट रीडीम करके आगे कंटिन्यू कर सकते हैं। लेकिन सबसे जरूरी ये है कि इस सुविधा के लिए छात्रों को एकैडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट स्कीम में रजिस्टर करना होगा।

इसके बाद छात्र को अपने डॉक्यूमेंट्स को लेकर निश्चिंत हो जाना है। इस पोर्टल के तहत अब तक 1500 से ज्यादा यूनिवर्सिटीज पंजीकृत हैं। इसके अलावा यूजीसी लगातार हर यूनिवर्सिटी से कह रही है कि वो छात्रों को इसपर पंजीकरण कराएँ और उनके डेटा पर बराबर ध्यान दें।

एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स की सुविधा का लाभ उठाने के लिए छात्रों को निम्नलिखित स्टेप फॉलो करने होंगे।

  • पहले www.abc.gov.in पर लॉग-इन करना है।
  • इसके बाद ABC साइट खुलते ही My Account पर क्लिक करें।
  • फिर डिजिलॉकर के जरिए अकॉउंट बनाएँ। इसके लिए आपको मोबाइल नंबर या फिर आधार नंबर की जरूरत होगी।
  • अगले चरण में आफको सिक्योरिटी पिन डालना होगा, जो आपके फोन पर आएगा।
  • आपका अकॉउंट बन जाएगा।
  • इसके बाद आपको यूनिक आईडी और पासवर्ड मिलेगा, जिससे कैंडिडेट्स कभी भी लॉग-इन कर सकते हैं।
  • आपको अपनी एबीसी आईडी देकर सारे कोर्स और उनके क्रेडिट स्कोर दिखने लग जाएँगे।
  • आपको इनमें से जिस कोर्स की जानकारी ट्रांसफर करने की आवश्यकता है आप उसे सरलता से चुनकर आगे शेयर कर सकते हैं।
  • आपके अकॉउंट में रखे गए क्रेडिट को आप सात वर्षों तक रिडी कर सकते हैं।
  • इसकी मदद से आपको आगे पढ़ाई करने में सरलता होगी।
  • एबीसी की इस व्यवस्था में स्टूडेंट को कोई डॉक्यूमेंट अपनी ओर से नहीं देना होगा। हायर इंस्टिट्यूट द्वारा दी गई जानकारी ही इसकी फीड में जाएगी।
  • इनके जरिए स्टूडेंट्स जिन कोर्सेस में एडमिशन ले सकते हैं उनमें ऑनलाइन और डिस्टेंट मोड कोर्स सब शामिल हैं। सबके क्रेडिट स्कोर प्लेटफॉर्म पर जुड़ते रहेंगे
  • इस पोर्टल पर यूजीसी से मान्य सभी हायर इंस्टीट्यूट के कोर्सेस के साथ-साथ इंजीनियरिंग, मेडिकल, डेंटल, लॉ और अन्य प्रोफेशनल कोर्सेस को भी कवर किया गया है।

पुरानी है योजना, चुनाव के साथ नहीं आई

बता दें कि साल 2020 में आई एजुकेशन पॉलिसी के बाद ही अगले वर्ष यानी कि 2021 में ABC को लॉन्च किया गया था जिसका कॉन्सेप्ट ही यही था कि छात्रों को एक प्लेटफॉर्म पर उनकी सारे क्रेडिट की जानकारी मिल सके। इस प्लेटफॉर्म की खास बात यह है कि अगर आपने ऑफलाइन कोर्स किया है तब भी और अगर ऑनलाइन कोर्स किया है तब भी आपको अलग से कुछ भी अपडेट करने की जरूरत नहीं है।

स्वंय आपका शैक्षणिक संस्थान इस पर आपके क्रेडिट स्कोर शेयर करेगा। अगर इस दौरान आप पढ़ाई छोड़ भी देते हैं तो आपको आपके क्रेडिट के हिसाब से डॉक्यूमेंट मिल जाएगा, जो आपको नेक्स्ट ईयर या सेमेस्टर में 7 सालों में एडमिशन लेने में मदद करेगा। खास बात ये है कि जरूरी नहीं आप एक ही जगह से अगला सेमेस्टर करें। अगर आपको लगता है कि एक सेमेस्टर के क्रेडिट स्कोर आपने दिल्ली यूनिवर्सिटी से किए हैं और अगले आप इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से करने में सक्षम हैं तो आप ऐसा पाएँगे।

मोदी सरकार के छोटे प्रयास से बदल रहा भारत

गौरतलब है कि ऐसे समय में जब लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और विपक्ष लगातार मोदी सरकार की नीतियों में खोट ढूँढने के प्रयास कर रहा है, तब जानने की जरूरत है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने सिर्फ बड़ी-बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत करके ही देश को विकसित नहीं किया है बल्कि उन्होंने ऐसे छोटे-छोटे कदम उठाकर भी देश के युवाओं को मजबूत बनाने का काम किया है।

व्यवहारिक तौर पर आज एबीसी के इस्तेमाल को देखें तो ऐसी योजना के जरिए वो महिलाएँ अपनी शिक्षा पूरी कर सकती हैं जिनपर शादी का दबाव बनाकर उनसे उनकी पढ़ाई बीच में छुड़वा दी गई। या, इसका फायदा वो पुरुष उठा सकते हैं जिनका सपना उच्च शिक्षा ग्रहण करने का था लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते उन्हें नौकरी की ओर अपना राह मोड़नी पड़ी। वो युवा भी इसका लाभ उठा सकते हैं जो आसपास के माहौल के कारण एक उम्र में भ्रमित होकर शिक्षा छोड़ देते हैं और बाद में उन्हें एहसास होता है कि अगर पढ़ाई पूरी की होती तो शायद जीवन में कुछ बेहतर कर रहे होते।

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