पश्चिम बंगाल में नेताओं की बेलगाम जुबान बंद होने का नाम ही नहीं ले रही। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है टीएमसी नेताओं की घटिया राजनीति और बयानबाजी बढ़ती जा रही है। टीएमसी समर्थकों के एक रैली में ‘बंगाल के गद्दारों को गोली मारो सालो को’ जैसे नारे लगा कर BJP कार्यकर्ताओं को जान से मारने की धमकी दी तो वहीं ममता सरकार में परिवहन मंत्री रह चुके टीएमसी नेता मदन मित्रा ने भाजपा को लेकर कहा कि ‘अगर दूध माँगोगे तो खीर देंगे, लेकिन अगर बंगाल माँगोगे तो चीर देंगे।’
‘दूध मांगो तो खीर देंगे, बंगाल मांगो तो चीर देंगे’- TMC नेता Madan Mitra@madanmitraoff #WestBengal #TMC pic.twitter.com/VQM3YbbH5D
— News24 (@news24tvchannel) January 20, 2021
टीएमसी कार्यकर्ताओं द्वारा दी गई जान से मारने वाली धमकियों पर अब भाजपा ने पलटवार किया है। भाजपा ने सत्तारुढ़ पार्टी पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा है कि टीएमसी की ओर से तनावपूर्ण माहौल बनाने की कोशिश उस समय की जा रही है जब राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की पूर्ण टीम रिव्यू बैठक करने वाली है।
चुनाव के नजदीक आते और टीएमसी के बदलते रवैए पर प्रहार करते हुए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की बंगाल इकाई ने ट्वीट करते हुए कहा, “टीएमसी इसे ‘पीस रैली’ करार दे रही है लेकिन इस दौरान बड़े पैमाने पर तनावपूर्ण स्थिति देखी गई और बीजेपी के झंडे तथा पोस्टर तक फाड़ दिए गए। दक्षिण कोलकाता में टीएमसी की ‘पीस रैली’ के दौरान ‘गोली मारो…. को’ जैसे नारे सुने गए। क्या यह ‘शांति’ की परिभाषा है?”
TMC called it “Peace Rally” but it witnessed rampant vandalism and tearing away of BJP flags and posters. Slogans like “Goli Maro Salo Ko” were heard in their ‘Peace Rally’ in South Kolkata.
— BJP Bengal (@BJP4Bengal) January 20, 2021
Is this Pishi’s definition of “peace”?
This is how TMC is letting down the City of Joy? pic.twitter.com/5GSD3CXKPl
बता दें जिस रैली में ये नारे लगाए गए, टीएमसी ने उसे ‘शांति रैली’ का नाम दिया था। टीएमसी की इस रैली में बंगाल सरकार में ऊर्जा मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय और दक्षिण कोलकाता से सांसद माला रॉय समेत टीएमसी के कई बड़े नेता शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि वहीं 19 जनवरी को बंगाल तृणमूल कॉन्ग्रेस नेता और राज्य में परिहन मंत्री रह चुके मदन मित्रा ने हावड़ा में कहा था, “जो बीजेपी के लोग हैं वे सुन लें, दूध माँगोगे तो खीर देंगे और बंगाल माँगोगे तो चीर देंगे।”
इसके अलावा टीएमसी नेता मदन मित्रा ने हाल ही में उनकी पार्टी से बीजेपी में शामिल हुए शुभेंदु अधिकारी पर हमला बोला था। मित्रा ने कहा- “कल मैंने सुना है, नंदीग्राम में शुभेंदु अधिकारी ने घोषणा की है कि वह सीएम ममता बनर्जी को 50,000 वोटों से हरा देंगे, नहीं तो वे राजनीति छोड़ देंगे। मैं कह रहा अगर ममता बनर्जी एक लाख वोट से नहीं जीत पाईं तो मैं अपनी कलाई काट दूँगा। कभी भी अपने जीवन में झंडा नहीं लहरुँगा।”
नंदीग्राम अधिकारी का गढ़ माना जाने वाला इलाका है। उन्होंने टीएमसी के टिकट पर पिछले राज्य चुनावों में विधानसभा सीट जीती थी। मित्रा ने अधिकारी को भी चेतावनी दी कि वह अपना मुँह बंद रखें।
टीएमसी नेता मित्रा के इस धमकी पर 20 जनवरी को बंगाल बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष ने जवाब देते हुए कहा कि इस तरह के संवाद उद्देश्य की पूर्ति करने वाले नहीं हैं। बीजेपी नेता ने पूछा, “किसको फोड़ोगे? संवाद किसी भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं करेंगे। लोग उनसे इतने परेशान हैं कि सभी स्कोर तय कर लेंगे। कानून और व्यवस्था की स्थिति जर्जर है। लोग इससे छुटकारा चाहते हैं इसलिए वे हमारे पास आ रहे हैं। इससे वे (टीएमसी) चिंतित हो गए और उन्होंने हम पर हमला किया।”
गौरतलब है कि भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों के प्रचार के लिए टॉप नेताओं द्वारा नियमित रैलियों और यात्राओं की योजना बनाई है। जहाँ चुनाव के मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह हर महीने राज्य का दौरा करेंगे। वहीं वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हैं। बीजेपी ने दावा किया है कि वह 200 सीटें जीतेगी, जबकि टीएमसी ने दावा किया कि बीजेपी 99 सीटों को पार नहीं कर पाएगी।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125 वीं जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पश्चिम बंगाल का दौरा करेंगे। हाल ही में केंद्र सरकार ने 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में घोषित किया है।