पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद के बेलडांगा स्थित ‘भारत सेवाश्रम संघ’ के प्रमुख कार्तिक महाराज उर्फ़ स्वामी प्रदीप्तानंद ने आश्रम पर हमले की आशंका जताई है। उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए सुरक्षा की माँग की है। उन्होंने बताया कि सोमवार (20 मई, 2024) को सूचना मिली कि ‘भारत सेवाश्रम संघ’ के बेलडांगा स्थित आश्रम को ध्वस्त कर दिया जाएगा। कार्तिक महाराज ने इसे लेकर राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बात की है और उन्हें मामले से अवगत कराया है।
अब तक ये साफ़ नहीं हुआ है कि कार्तिक महाराज की याचिका कलकत्ता उच्च न्यायालय में स्वीकार की गई है या नहीं। याद दिलाते चलें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ‘रामकृष्ण मिशन’ और ‘भारत सेवाश्रम संघ’ पर आरोप लगाते हुए कहा था कि इन दोनों संस्थाओं के कुछ साधु भाजपा के इशारे पर काम करते हुए राजनीति कर रहे हैं। इस टिप्पणी को लेकर कार्तिक महाराज CM को कानूनी नोटिस भी भेज चुके हैं। उन्होंने संन्यासियों को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए माफ़ी की माँग की।
4 दिनों के भीतर लीगल नोटिस का जवाब न दिए जाने पर क़ानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई है। उधर भाजपा IT सेल के मुखिया और पश्चिम बंगाल के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि TMC सुप्रीमो के इस बयान के बाद ही जलपाईगुड़ी स्थित ‘रामकृष्ण मिशन’ के आश्रम पर हमला हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस हमले की निंदा कर चुके हैं। 24 मई को दोनों ही संस्थाओं के साधु-संन्यासी सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 25 मई को छठे चरण का चुनाव है।
#MamataBanerjee stirs row with dig at 'some monks' from Ramakrishna Mission and Bharat Sevashram: Why single out Hindu bodies? Take a look at this report@ShivaniGupta_5 | #PlainSpeak #Bengal #BengalPolitics #LokSabhaPolls pic.twitter.com/zeOaJUWJER
— News18 (@CNNnews18) May 21, 2024
‘संत स्वाभिमान यात्रा’ के अंतर्गत कोलकाता के गिरीश एवेन्यू से विवेकानंद के जन्म स्थल तक जुलूस भी निकाला जाएगा। आचार्य प्रणवानंद महाराज द्वारा सन् 1917 में स्थापित BSS पिछले 107 वर्षों से जनसेवा में संलग्न है। अनुयायी उन्हें शिव का अवतार मानते हैं। वो बाबा गंभीरनाथ के शिष्य थे, स्वतंत्रता के आंदोलन में भी सक्रिय रहे। जन्म के बाद उनका नाम विनोद रखा गया था। वो बंगाल के बाजितपुर में जन्मे थे, जो अब बांग्लादेश का हिस्सा है। कोलकाता के रास बिहारी एवेन्यू में इसका मुख्यालय है और दुनिया भर में 46 केंद्र हैं। संस्था आपदा के दिनों में लोगों की मदद करती है।