कांशीराम की जयंती पर रविवार को भीम आर्मी के मुखिया चंद्रशेखर आजाद उर्फ़ रावण ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा की। नोएडा में ‘आजाद समाज पार्टी’ घोषणा की गई। खबरों के अनुसार नोएडा के सेक्टर 70 स्थित बसई गॉंव में संविधान की शपथ लेकर आजाद समाज पार्टी (एएसपी) के गठन की घोषणा की। पार्टी का झंडा नीले रंग का होगा। नव गठित पार्टी का अध्यक्ष सर्वसम्मति से चंद्रशेखर आजाद को चुना गया।
साहब कांशीराम तेरा मिशन अधूरा
— Chandra Shekhar Aazad (@BhimArmyChief) March 15, 2020
आज़ाद समाज पार्टी करेगी पूरा।
रावण के इस कदम से बसपा को तगड़ा झटका लगा है। पार्टी के कई नेताओं ने एएसपी का दामन थामा है। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए 28 पूर्व विधायक और 6 पूर्व सांसद पहुँचे थे। राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार रावण के इस कदम से 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में नए समीकरण बन सकते हैं। खासकर, पश्चिम उत्तर प्रदेश में। इस महीने की शुरुआत में उसने ओम प्रकाश राजभर की पार्टी सुहेलदेव भारतीय समाज के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने की बात कही थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बसपाप्रमुख मायावती के सवाल पर चंद्रशेखर ने कहा, “मायावती जी सब कुछ अकेले दम पर नहीं कर सकतीं। वे लंबे समय से काम कर रहीं हैं। इसलिए हम भी आंदोलन में सहयोग करने उतरे हैं। राजनीति में कोई लंबे समय तक दुश्मन नहीं रहता और उनके आशीर्वाद से हम भी खुद को राजनीति में स्थापित कर लेंगे।” इससे पहले चंद्रशेखर कई बार मायावती पर दलितों के लिए पर्याप्त काम न करने का आरोप लगा चुके हैं। मायावती ने भी चंद्रशेखर को भाजपा का एजेंट करार दे अपने समर्थकों को उससे दूर रहने को कहा था।