छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर एक व्यक्ति ने जम कर कोड़े बरसाए। उनके हाथ पर जोर-जोर से कोड़ों की मार पड़ी। और हाँ, ये सब मुख्यमंत्री की मर्जी से हुआ। दरअसल, कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता बघेल गौरी-पूजा के एक पारम्परिक कार्यक्रम में पहुँचे थे, जहाँ उन्होंने इस स्थानीय रीति-रिवाज का अनुसरण किया। जहाँ एक तरफ कॉन्ग्रेस नेता लगातार राफेल पर ॐ लिखने और राम मंदिर पर भाजपा नेताओं के स्टैंड का विरोध करते हैं, दूसरी तरफ उसी पार्टी के वरिष्ठ नेता द्वारा ऐसा करना चर्चा का विषय है। आप भी नीचे इस वीडियो में देख सकते हैं:
#छत्तीसगढ़ के यशश्वी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने पारंपरिक गौरा गौरी पूजा त्यौहार की शुरुवात की। pic.twitter.com/FVR3tFUJEA
— Sagar Solanki (@Sagar_Solanki13) October 28, 2019
भूपेश बघेल ने अपने कुर्ते की बाँह मोड़ कर हाथ को नंगा किया, जिससे कोड़े सीधे उनके शरीर पर पड़ सकें। उसके बाद कोड़े मारने वाले आदमी ने दनादन कोड़े बरसाए। प्रक्रिया के ख़त्म होने के बाद उस व्यक्ति से सीएम को हाथ जोड़ कर उनसे माफ़ी भी माँगी। मान्यता है कि ऐसा करने से आफत दूर होती है, परेशानियों से राहत मिलती है और भविष्य अच्छा होता है। इसे ‘सोटा परंपरा’ कहते हैं, जिसमें बैगा जाति के व्यक्ति से ख़ुद को सोटे मरवाए जाते हैं।
ये कार्यक्रम दुर्ग जिले में गोवर्धन-पूजा के अवसर पर आयोजित किया गया था। यहाँ वर्षों से इस तरह की पूजा होती आ रही है। यह भी मान्यता है कि चाबुक का वार खाने वाले व्यक्ति के ऊपर देवता चढ़ते हैं। हालाँकि, इसे कई लोगों द्वारा अन्धविश्वास की संज्ञा भी दी जाती है लेकिन वहाँ के लोगों का मानना है कि इससे परिवार में खुशियाँ आती हैं। मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को गोवर्धन-पूजा और ‘गौरी तिहार’ की बधाई भी दी। उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि धर्म और परम्पराएँ हमें आगे बढ़ने में मदद करती हैं।
इस अवसर पर रायपुर के सीएम हाउस में भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जहाँ मुख्यमंत्री पारम्परिक पोषक में दिखे। वहाँ उन्होंने परिवार के साथ गायों को पूजा की। बघेल ने इस दौरान गायों को खिचड़ी खिला कर पूजा की परंपरा का पालन किया। सीएम हाउस में पूरे राज्य से पहुँचे लोगों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया।