बिहार सरकार ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के सरकारी आवास में बने कोविड केयर सेंटर को टेक ओवर करने से मना कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शुक्रवार (21 मई 2021) को कहा कि आवासीय परिसर का प्रयोग रहने के लिए किया जाता है। इसलिए यहाँ कोरोना मरीजों का इलाज संभव नहीं है।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि सरकार के पास पर्याप्त संख्या में खाली ऑक्सीजन युक्त बेड उपलब्ध हैं, जहाँ मरीजों का इलाज किया जा सकता है। बेड की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार काम कर रही है।
नेता प्रतिपक्ष की ओर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को पत्र लिखकर कोविड केयर सेंटर को टेक ओवर करने की अपील की गई थी। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने अपना जवाब भेजा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने तेजस्वी से आग्रह किया कि वो भी अपने माध्यम से आम जनों को बताएँ कि सरकारी अस्पतालों में इलाज की समुचित व्यवस्था की गई है, ऐसे में वो अपना इलाज अस्पतालों में कराएँ। साथ ही लोगों को कोरोना के प्रति जागरूक करते हुए महामारी के समय में सरकार की मदद करें।
मंत्री ने पाँच पन्नों के पत्र में आगे कहा, ”कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार तत्परता पूर्वक कार्रवाई कर रही है। चिकित्सा क्षेत्र में आधारभूत संरचनाओं का विकास हो या जरूरी दवाइयों की व्यवस्था, जाँच लैब हो या संक्रमितों के इलाज हेतु ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था, सरकार ने सभी काम किए हैं।”
उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की टीम गठित कर उपचार के लिए प्रोटोकोल तैयार किया गया है। होम आइसोलेशन के मरीजों को जिला नियंत्रण कक्ष से टेलीकंसल्टेशन की सुविधा दी जा रही है।
गौरतलब है कि तेजस्वी यादव के अपने पटना के सरकारी आवास को कोविड केयर सेंटर में तब्दील करने का ऐलान करने के बाद बिहार में अरसे तक विपक्ष के नेता और उपमुख्यमंत्री रहे सुशील मोदी कई सवाल उठाए थे।
उन्होंने कहा कि सरकारी आवास की जगह तेजस्वी यादव ने अवैध तरीके से पटना में अर्जित दर्जनों मकानों में से किसी को कोविड अस्पताल क्यों नहीं बनाया? साथ ही उन्होंने कहा कि तेजस्वी के परिवार में दो बहनें एमबीबीएस डाक्टर हैं। ऐसे में कोरोना महामारी से निपटने के लिए उनकी सेवाएँ क्यों नहीं ली गईं?