बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी ने हाल के समय में कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की है। कोशिश कर रहे हैं कि 2024 के आम चुनावों से पहले सारे विपक्षी तराजू के एक ही पल्ले में आ जाएँ। इसी कड़ी में 23 जून 2023 को पटना में एक बैठक भी होनी है। विपक्षी एका में नीतीश कुमार कितने कामयाब हो पाते हैं यह तो भविष्य के गर्भ में है, लेकिन उससे पहले उनके कैबिनेट से संतोष कुमार सुमन ने इस्तीफा दे दिया है।
सुमन हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी (HAM) के कोटे से बिहार सरकार में मंत्री थे। वे पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के बेटे हैं। मांझी कभी जदयू में ही हुआ करते थे। 2014 में मोदी लहर से घुटनों पर आने के बाद नीतीश ने उन्हें सीएम बनाया था। कुछ महीने बाद उन्हें हटाकर नीतीश फिर से मुख्यमंत्री बन गए और मांझी ने ‘हम’ नाम से अपनी पार्टी बना ली। उसके बाद से दोनों के राजनीतिक रिश्तों में कभी प्यार तो कभी कड़वाहट का दौर जारी है।
इस्तीफे के बाद संतोष कुमार सुमन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनकी पार्टी का अस्तित्व खतरे में था। पार्टी को बचाने के लिए उन्होंने इस्तीफा दिया है। अब उनकी पार्टी के बीजेपी नीत एनडीए के साथ जाने की अटकलें लग रही हैं। लेकिन सुमन ने इसके बारे में स्पष्ट तौर पर कोई जवाब नहीं दिया है। कहा है कि कैबिनेट से इस्तीफा दिया है, लेकिन उनकी पार्टी अभी महागठबंधन में बनी हुई है।
#WATCH | Patna, Bihar | "In Mahagathbandhan, we considered Nitish Kumar as our leader and we still consider him one. But for the past few days, a proposal for a merger of the party was being put before us…This is not a unilateral decision by me. This was decided after meeting… pic.twitter.com/sFLh5pC4en
— ANI (@ANI) June 13, 2023
सुमन से जब पूछा गया कि नीतीश कुमार पहले भी उनकी पार्टी के विलय का प्रस्ताव दे चुके हैं, फिर इस बार ऐसा क्या हुआ कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ा तो उन्होंने कहा, “जंगल में कई प्रकार के जीव रहते हैं। शेर भी रहता है और छोटे जानवर भी रहते हैं। हम लोग आज तक बच रहे थे। जब ऐसा लगा कि नहीं बच पाएँगे तो अलग हो गए।” वहीं 23 जून को पटना में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक से जुड़े सवाल के जवाब में कहा, “आप सबको पता है हम लोगों को बुलाया ही नहीं गया। हमारी पार्टी के अस्तित्व को कोई स्वीकार ही नहीं कर रहा, तब हमें कहाँ से बैठक में बुलाया जाएगा?”
NDA में शामिल होने के सवाल पर संतोष सुमन ने कहा, “हम कहाँ जाएँगे या नहीं जाएँगे इस बारे में अभी हमारी किसी से कोई बातचीत नहीं हुई है। हम स्वतंत्र पार्टी हैं। अपना अस्तित्व बचाने के लिए सोचेंगे। अभी हम महागठबंधन में आज भी रहना चाहते हैं। हम यह कह रहे हैं कि हमारा आस्तित्व खतरे में था। अगर कोई हमें विलय करने के लिए कहता है तो मेरे पास क्या विकल्प था? मेरी जगह पर आप होते तो क्या करते?”
गौरतलब है कि 23 जून की बैठक में शामिल होने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गाँधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। लेकिन संतोष सुमन और उनके पिता जीतन राम मांझी को नहीं बुलाया गया है। इससे पहले नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद मांझी ने बिहार की 5 सीटों पर लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी।
बिहार विधानसभा में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के पास महज 4 सीटें ही हैं। लेकिन आम चुनावों के दौरान वोटों की गोलबंदी के लिहाज से छोटे दल महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। 13 अप्रैल 2023 को मांझी ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी। उसके बाद से ही उनकी पार्टी के महागठबंधन को छोड़ एनडीए के साथ जाने के कयास लगाए जा रहे थे।