Friday, November 15, 2024
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गुजरात से बंगाल तक… चीनी प्रोपेगेंडा को हवा देने पर राहुल गाँधी पर भड़के नॉर्थ-ईस्ट नेता, दर्ज होंगे हजारों राजद्रोह केस

भाजपा नेताओं का आरोप है कि राहुल गाँधी ने वामपंथी चीन के उस दावे को सहमति दे दी है जिसमें वो अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है। भाजपा नेताओं का कहना है कि राहुल गाँधी ने पूर्वोत्तर राज्यों की अनदेखी तब से शुरू कर दी है जब से चीन ने अरुणाचल प्रदेश की माँग उठाई है।

असम के कई भाजपा नेता पूर्व कॉन्ग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी के खिलाफ लगभग 1 हजार राजद्रोह का केस दर्ज करवाने की तैयारी में हैं। यह खबर समाचार एजेंसी ANI द्वारा 13 जनवरी को सूत्रों के आधार पर प्रकाशित की गई है। यह केस राहुल गाँधी के उस ट्वीट के विरोध में दर्ज करवाया जा रहा है जिसमें उन्होंने भारत को गुजरात से शुरू हो कर बंगाल पर खत्म बताया था। ANI द्वारा सूत्रों के आधार पर प्रकाशित खबर में कहा गया है कि भाजपा नेताओं का आरोप है कि राहुल गाँधी ने वामपंथी चीन के उस दावे को सहमति दे दी है जिसमें वो अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताता है।

राहुल गाँधी द्वारा यह विवादित ट्वीट 10 फरवरी को किया गया था। उस ट्वीट में राहुल गाँधी ने कहा था, “हमारी यूनियन क्षमतावान है। हमारा यूनियन संस्कृति का है। हमारा यूनियन विविधता का है। हमारा यूनियन भाषा का है। हमारा यूनियन लोगों का है। हमारा यूनियन प्रदेश का है। कश्मीर से केरल तक और गुजरात से पश्चिम बंगाल तक। भारत अपने सभी रंगों के साथ सुंदर है। भारत की भावनाओं का अपमान मत करो।”

इस ट्वीट के बाद त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब देब, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह ने इस पर आपत्ति जताई थी। उन्होंने कहा था कि वायनाड के सांसद ने पूर्वोत्तर के राज्यों को अपने ट्वीट में स्थान नहीं दिया। भाजपा नेताओं का आरोप है कि राहुल गाँधी ने पूर्वोत्तर राज्यों की अनदेखी तब से शुरू कर दी है जब से चीन ने अरुणाचल प्रदेश की माँग उठाई है। जिस दिन राहुल गाँधी द्वारा यह विवादित ट्वीट किया गया था उसी दिन असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था, “भारत एक यूनियन से कहीं आगे है। एक गौरवशाली राष्ट्र है। भारत को किसी टुकड़े – टुकड़े मानसिकता से नहीं ग्रसित किया जा सकता है। आपको राष्ट्र, राष्ट्रीयता और राष्ट्रप्रेम से दिक्कत क्या है? और सुनो, बंगाल के बाहर हम पूर्वोत्तर में भी अस्तित्व में हैं।”

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री ने गाँधी शब्द पर जोर दिया। उन्होंने राहुल गाँधी के पूर्वजों की याद दिलाते हुए बताया कि कैसे उन्होंने पूर्वोत्तर को भुला दिया था। बिप्लब देब ने लिखा, “राहुल गाँधी के वक्तव्य के आधार पर लगता है कि राहुल गाँधी हमारे खूबसूरत पूर्वोत्तर राज्यों को भूल गए हैं। ठीक अपने महान परदादा की तरह उन्होंने ने हमारे क्षेत्र को नहीं गिना। हम भी भारत के गौरवशाली अंग हैं। आपके भूल जाने की वजह ये भी है कि आपकी पार्टी का पूर्वोत्तर से पूरा सफाया हो चुका है।”

मणिपुर के मुख्यमंत्री ने राहुल गाँधी के इन शब्दों पर हैरत जताई है। उन्होंने सवाल किया है कि राहुल गाँधी मणिपुर में वोट कैसे माँग सकते हैं जब वो हमारे भारत में अस्तित्व के बारे में जानते ही नहीं हैं। उन्होंने लिखा, “मैं हैरान हूँ कि कॉन्ग्रेस पार्टी का एक सीनियर नेता अपने बयान में पूर्वोत्तर के राज्यों का जिक्र भी नहीं करता। जब उन्हें हमारी मौजूदगी का आभास ही नहीं है तो वो कॉन्ग्रेस यहाँ के लोगों से आने वाले चुनावों में वोट कैसे माँगेगी ? देश को बाँट कौन रहा है ?”

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्यमंत्री प्रतिमा भौमिक ने भी राहुल गाँधी के इस ट्वीट पर हैरत जताई है। उन्होंने लिखा, “यह अपमान है। राहुल गाँधी ने अपनी आलोचना में भी पूर्वोत्तर के राज्यों को इग्नोर किया है। यह कॉन्ग्रेस पार्टी की मंशा को दिखाता है। वो पूर्वोत्तर के लोगों द्वारा ठुकराए जा चुके हैं और आगे भी ठुकराए जाएँगे।”

कॉन्ग्रेस की छात्र शाखा ने मुख्यमंत्री हिमंता पर हमला बोला

गौरतलब है कि कॉन्ग्रेस की छात्र शाखा NSUI ने राहुल गाँधी के खिलाफ दिए गए बयान के विरोध में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा के खिलाफ प्रदर्शन किया। उत्तराखंड की एक राजनैतिक रैली में हिमंता ने कहा था, “राहुल गाँधी को सेना पर सवाल उठाने और सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत माँगने का कोई अधिकार नहीं है। उन्हें सेना से सर्जिकल स्ट्राइक का सबूत चाहिए। क्या हमने कभी आप से सबूत माँगा कि आप राजीव गाँधी के ही बेटे हैं या नहीं ? तुम्हे किसने अधिकार दिया सेना से सबूत माँगने का?” इस बयान के बाद CM सरमा के खिलाफ तमाम शिकायतें दर्ज करवाई गईं हैं। कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता हिमंता बिस्व सरमा के तत्काल इस्तीफे की भी माँग कर रहे हैं।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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