भाजपा ने केरल के प्रदेश अध्यक्ष कुन्नुम्मल सुरेन्द्रन (के सुरेन्द्रन) को 2024 लोकसभा चुनावों के लिए वायनाड से प्रत्याशी बनाया है। उनके नाम का ऐलान रविवार (25 मार्च, 2024) को जारी की गई सूची में किया गया। के सुरेन्द्रन का मुकाबला वायनाड में कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी से होगा।
वायनाड से प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर सुरेन्द्रन ने प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “मुझे आपके साथ यह साझा करते हुए खुशी हो रही है भाजपा ने वायनाड में लोकसभा चुनावों में इंडी गठबंधन के नेता राहुल गाँधी के खिलाफ NDA उम्मीदवार के रूप में मेरे नाम की घोषणा की है। मैं माननीय प्रधानमंत्री जी को हृदय से धन्यवाद देता हूँ।”
I am delighted to share with you that @BJP4India has announced my name as the NDA candidate in Wayanad against the #INDI Alliance leader Rahul Gandhi in his sitting constituency. I am extending my heartfelt thanks to Hon'ble PM Shri @narendramodi Ji, Shri @JPNadda Ji, @AmitShah…
— K Surendran(മോദിയുടെ കുടുംബം) (@surendranbjp) March 24, 2024
वायनाड से प्रत्याशी बनाए गए सुरेन्द्रन प्रदेश अध्यक्ष के साथ साथ फायरब्रांड नेता भी हैं। वह 2020 से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं। के सुरेन्द्रन को केन्द्रीय विदेश राज्य मंत्री और केरल के बड़े भाजपा नेता वी मुरलीधरन का करीबी माना जाता है। सुरेन्द्रन को जमीन पर काम करने वाले नेताओं में गिना जाता है।
सुरेन्द्रन केरल के कोझिकोड जिले के मूल निवासी हैं। विज्ञान से स्नातक सुरेन्द्रन की राजनीतिक परवरिश अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से हुई है। वह राज्य में एबीवीपी और भारतीय जनता युवा मोर्चा में कई पदों पर रहे हैं। एबीवीपी में जहाँ वह राज्य कार्यकारिणी के सदस्य रहे हैं तो वहीं वह युवा मोर्चा के भी प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं।
सुरेन्द्रन केरल की वामपंथी सरकार के खिलाफ लगातार लोहा लेते रहे हैं। सुरेन्द्रन ने स्वामी अयप्पा को समर्पित सबरीमाला मंदिर में रजस्वला महिलाओं के प्रवेश को लेकर विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। इस कारण से उन पर राज्य सरकार ने 200 से अधिक मुकदमे लगाए थे। यह जानकारी उन्होंने 2019 में भरे गए एक चुनावी हलफनामे में दी थी।
सबरीमला में धार्मिक मान्यताओं के लिए लड़ने पर सुरेन्द्रन को 21 दिन जेल में भी गुजारने पड़े थे। इसके बाद उन्हें केरल हाई कोर्ट से जमानत मिली थी। सबरीमाला में महिलाओं का प्रवेश एक बड़ा मुद्दा बना था और सुरेन्द्रन ने जेल से छूटने के बाद परम्पराओं के ना टूटने को लेकर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की थी।
सुरेन्द्रन चुनावी राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं। वह 2009, 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ चुके हैं। 2016 और 2021 में वह केरल विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। 2016 में वह मंजेश्वर विधानसभा से मात्र 89 वोटों से चुनाव हारे थे। अब पार्टी ने उन्हें वायनाड भेजने का निर्णय लिया है।
वायनाड से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद सुरेन्द्रन ने मीडिया से कहा, “वायनाड में राहुल गाँधी का वही हाल होगा जो अमेठी में उनका हुआ था। राहुल गाँधी ने सांसद रहते हुए भी वायनाड के लिए कोई विकास कार्य नहीं करवाए लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने वायनाड को एस्पिरेशनल जिलों में डाला और विकास कार्य शुरू करवाए।”
गौरतलब है कि 2019 चुनावों में राहुल गाँधी उत्तर प्रदेश के अमेठी और केरल की वायनाड, दोनों सीटों से चुनाव लड़े थे। उन्हें अमेठी में केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हरा दिया था। हालाँकि, वह वायनाड से चुनाव जीतने में सफल रहे थे। इस बार कॉन्ग्रेस ने उन्हें फिर से वायनाड से उम्मीदवार बनाया है।
सुरेन्द्रन जिस वायनाड लोकसभा क्षेत्र से उम्मेदवार बनाए गए हैं, वह 2009 में परिसीमन के बाद स्थापित हुआ था। यहाँ 2009 से ही कॉन्ग्रेस का कब्जा है। इस सीट पर राहुल गाँधी से पहले मुहम्मद इब्राहिम शानवास दो बार सांसद रह चुके हैं।