जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 35-A को भाजपा के वरिष्ठ नेता सैयद शाहनवाज़ हुसैन ने इस्लाम विरोधी बताया है। इसे निरस्त करने का विरोध कर रहे ‘मुस्लिम बुद्धिजीवियों’ को उन्होंने गुरुवार (19 सितंबर) को आत्ममंथन की सलाह दी। साथ ही कहा कि इसे हिन्दू बनाम मुस्लिम का मुद्दा बनाने की कोशिश न करें।
बिहार के मोतिहारी में प्रेस कॉन्फ्रेन्स को संबोधित करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता हुसैन ने कहा कि निरस्त संवैधानिक प्रावधान जम्मू-कश्मीर के बाहर के किसी व्यक्ति से शादी करने की स्थिति में पैतृक संपत्ति पर महिला के अधिकार को छीन लेता था, जो शरिया के ख़िलाफ़ था। उन्होंने कहा कि जो मुस्लिम बुद्धिजीवी जम्मू-कश्मीर को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार की कार्रवाई का विरोध कर रहे हैं और इसे हिन्दू बनाम मुस्लिम मुद्दा बना रहे हैं, उनसे एक सवाल है कि क्या उन्हें लगता है कि अनुच्छेद 35-A इस्लाम के शरिया क़ानून के अनुसार था?
शाहनवाज़ हुसैन ने कहा कि शरिया क़ानून के अनुसार एक बच्ची को उसके माता-पिता से विरासत में मिली संपत्ति पर उसके अधिकारों से वंचित नहीं किया जा सकता। लेकिन, अनुच्छेद 35-A ने उसे शर्तिया बना दिया था। निश्चित रूप से संविधान द्वारा दिए गए समानता के अधिकार के उल्लंघन के अलावा यह इस्लाम के भी ख़िलाफ़ था।
इसके आगे उन्होंने कहा कि मुस्लिम बुद्धिजीवियों को इस मुद्दे पर आत्ममंथन करने की ज़रूरत है। प्रेस कॉन्फ्रेन्स में उन्होंने देश में NRC को लागू करने के मुद्दे को भी उठाया और केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बयान का बचाव करते हुए पूछा कि लोगों को इससे क्या समस्या है?
उन्होंने कहा कि दुनिया का कोई भी देश नहीं है जो अवैध रूप से अपनी सीमाओं में घुसने वाले लोगों को बर्दाश्त करता हो। ठीक वैसे ही भारत में भी अवैध लोगों को रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा अभी महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनावों की तैयारी में व्यस्त है और संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्री पार्टी का चेहरा हैं। हुसैन ने कहा कि ऐसा पहली बार होने जा रहा है जब कोई अमेरिकी राष्ट्रपति अपनी धरती पर भारतीय प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करेंगे। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत भारत के बढ़े हुए अंतरराष्ट्रीय दबदबे को दिखाता है। हमें इस पर गर्व होना चाहिए।