Thursday, April 18, 2024

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Article 35-A

क्यों मिलता है किसी गिलानी को ‘निशान-ए-पाकिस्तान’: कश्मीरियत को ‘पत्थरबाजी’ बनाने का यूँ रचा खेल

अब्दुल्ला और मुफ़्ती सईद खानदान की वंशवादी राजनीति से भी जम्मू-कश्मीर का आम नागरिक त्रस्त रहा है। दोनों ही खानदानों की तीसरी पीढ़ी...

अलगाववादियों के साथ काम कर रही थीं महबूबा, बेटी इल्तिजा ने कहा- BJP के ख़िलाफ़ बोलने की ‘सज़ा’

महबूबा मुफ़्ती की बेटी इल्तिजा मुफ़्ती ने आरोप लगाया है कि उनकी अम्मी को भड़काऊ बयानों के कारण गिरफ्तार नहीं किया गया है, उन्हें सिर्फ़ इसीलिए गिरफ़्तार किया गया है क्योंकि उन्होंने जम्मू कश्मीर पर केंद्र सरकार के 'अवैध फ़ैसले' के ख़िलाफ़ 'आवाज़ उठाने का अपराध' किया था।

‘आर्टिकल 370 पर इंडिया के फ़ैसले का स्वागत’ – यूरोपियन पैनल से PM मोदी ने कहा – आतंक पर Zero Tolerance

पीएम मोदी ने यूरोपियन पैनल को "आतंकवाद के प्रति कोई रहम नहीं, कोई समझौता नहीं" के भारतीय पक्ष से अवगत कराया। 28 सदस्यीय अंतरराष्ट्रीय पैनल को जम्मू-कश्मीर का दौरा करवा कर यह दिखाया जाएगा कि वहाँ सब कुछ ठीक है और पाकिस्तान प्रोपेगेंडा करके भ्रम फैला रहा है।

कश्मीर में हमला कर सकता है इस्लामिक आतंकी संगठन: ख़ुफ़िया एजेंसी की रिपोर्ट

जम्मू-कश्मीर के हालत को लेकर ख़ुफ़िया रिपोर्ट की मानें तो कश्मीर में इस्लामिक आतंकवादी संगठन हमला कर सकता है। यही वजह है कि कश्मीर पर भारत सरकार और सेना दोनों कड़ी नज़र रखे हुए हैं।

कश्मीर में तीन आतंकी ढेर, श्रीनगर में कानून व्यस्था के लिए चुनौती हयात अहमद भट गिरफ्तार

सुरक्षाबलों की ओर शुरू किये गए घेराबंदी एवं तलाशी अभियान के वक़्त मुठभेड़ हो गई जिसमें सुरक्षाबलों ने तीन आतंकवादियों को मार गिराया है। वहीं शांति और स्थिरता की स्थिति बनाए रखने के लिए जम्मू कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके के प्रमुख दंगाई हयात अहमद भट को भी गिरफ्तार कर लिया है।

इस्लाम के ख़िलाफ़ था अनुच्छेद 35A, इसे हिन्दू बनाम मुस्लिम का मुद्दा न बनाएँ : शाहनवाज़ हुसैन

भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि पूरे देश में एनआरसी लागू करने से किसी को क्या समस्या हो सकती है। दुनिया का कोई भी देश अवैध रूप से अपनी सीमाओं घुसने वाले लोगों को बर्दाश्त नहीं करता। भारत में भी अवैध लोगों को रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती।

काश! कश्मीर में दंगे हो जाते, घरों में आग लगाई जाती, सैकड़ों लोग मारे जाते! कितना मजा आता…

प्रपंच फैलाया जा रहा है कि अस्पतालों में लोग मर रहे हैं, जीवनरक्षक दवाइयाँ नहीं हैं। आप सोचिए कि आखिर यही चार-पाँच मीडिया वाले, इसी एक तरह की रिपोर्टिंग क्यों कर रहे हैं? आखिर दो लोगों के बयान के आधार पर पूरी सेना को बर्बर कहने की रिपोर्टिंग का लक्ष्य क्या है? अमेरिकी अखबार को भारत के एक हिस्से के अस्पतालों पर झूठ लिखने की क्यों जरूरत पड़ती है?

रवीश जी, इतने दुबले क्यों हो रहे हैं कश्मीर को लेकर?

किताबें तो मैंने भी बहुत पढ़ी हैं, और पेज नंबर मुझे भी याद हैं, लेकिन मैं अभी तक इतना धूर्त नहीं बन पाया कि उस ज्ञान का इस्तेमाल अपनी फर्जी विचारधारा और मालिकों के प्रोपेगेंडा की रोटी सेंकने में कर सकूँ। वो तरीके रवीश को ही मुबारक हों।

370 का ‘पावर’ खत्म होने पर लिबरलों और मीडिया गिरोह की आँखों में आए आँसू, ट्विटर पर छलका दर्द

राज्यसभा में गृहमंत्री अमित शाह द्वारा कश्मीर में लागू अनुच्छेद-370 और 35 A को खत्म करने के प्रस्ताव को पेश करते ही विपक्षी पार्टियों और लिबरल गैंग को झटके लगने शुरू हो गए हैं। बरखा दत्त ने ट्वीट किया, “एक डेस्क में दो विधानसभा, दो प्रधान, दो निशान नहीं हो सकते।”

भारतीय कानून लागू नहीं, लेकिन यूपी से भी ज्यादा पैसा पाता है 1% आबादी वाला जम्मू-कश्मीर

केन्द्र सरकार राज्यों को दो तरीके से वित्तीय मदद प्रदान करती है। पहला, अनुदान के जरिए और दूसरा, कर्ज देकर। जम्मू-कश्मीर को केन्द्र से जो पैसा मिलता है उसमें 90 फीसदी अनुदान होता है। अन्य राज्यों को केन्द्र से मिलने वाले पैसे में करीब 70 फीसदी कर्ज होता है।

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