कोलकाता में विश्व भारती विश्वविद्यालय में बंधक बनाए गए भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार स्वपन दासगुप्ता और विश्वविद्यालय के कुलपति क़रीब छ: घंटे बाद वामपंथी छात्रों की घेराबंदी से मुक्त हुए। विश्वविद्यालय के सूत्रों के अनुसार, छात्रों का धरना समाप्त होने के बाद रात क़रीब दस बजे बीजेपी नेता और कुलपति बाहर आ सके। बता दें कि बुधवार (8 जनवरी) नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) पर आधारित एक व्याख्यान के तहत ‘सीएए 2019: समझ और व्याख्या’ विषय पर बोलना था। इस दौरान भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता का घेराव करते हुए कुलपति समेत क़रीब 70 लोगों को विश्वविद्यालय के एक कमरे में बंद कर दिया गया था।
इस पर कॉन्ग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने प्रतिक्रिया स्वरूप कहा, “इस देश के अंदर जहालत नहीं है, ऐसा नहीं है कि लोग पढ़ें-लिखे नहीं हैं। सरकार को समझाने और पढ़ाने की ज़रूरत नहीं है। लोग CAA और NRC का मतलब अच्छी तरह से समझते हैं।” इसके आगे उन्होंने कहा कि CAA लागू होने के क्या नतीजे होंने हैं यह बात देश के लोगों को मालूम है। उन्होंने इशारे-इशारे में केंद्र सरकार और स्वपन दासगुप्ता समेत अन्य लोगों को 6 घंटे बंधक बनाए जाने को लेकर कहा, “अगर आप लोगों को गुमराह करने की कोशिश करेंगे, तो आपको लोगों का जवाब सुनना पड़ेगा।”
#Breaking | SHOCKING: @INCIndia justifies an attack on BJP MP @swapan55.
— TIMES NOW (@TimesNow) January 9, 2020
Congress has slammed the CAA outreach & backed the attack on BJP leader.
More details by TIMES NOW’s Megha Prasad. Listen in. | #MobLobbyExposed pic.twitter.com/DeoIkSrtYi
दरअसल, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित विश्व भारती विश्वविद्यालय में बुधवार (8 जनवरी) को नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) पर एक परिचर्चा सत्र को संबोधित करने स्वपन दासगुप्ता गए थे। इस दौरान छात्रों ने नारे लगाकर उनके व्याख्यान को बाधित कर दिया। आरोप है कि इस दौरान वहाँ वामपंथी और तृणमूल के छात्र संगठन के लोगों ने मिलकर उन्हें अंदर ही घेर लिया और बाहर नहीं निकलने नहीं दिया। वे विश्वविद्यालय के कुलपति के कमरे में क़ैद थे। रात आठ बजे जब यह मामला सुर्ख़ियों में आया तब हंगामा मच गया। भाजपा नेता दासगुप्ता के अलावा, विश्व भारती विश्वविद्यालय के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती और कई अन्य लोगों को भी छात्रों ने बंधक बना लिया था।
भाजपा के प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने वीडियो जारी कर ममता सरकार को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी थी। उन्होंने कहा था कि दासगुप्ता का घेराव करने वालों में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (SFI) और TMC के गुंडे शामिल थे। इसके अलावा, SFI के एक नेता ने कहा था कि नक्सली छात्रसंघ के सदस्य भी शामिल थे। बता दें कि दासगुप्ता के व्याख्यान कार्यक्रम की जगह SFI, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) छात्रसंघ के विरोध के कारण पहले से ही बदल दी गई थी, बावजूद इसके उन्हें छात्रों ने बंधक बना लिया।
.@KailashOnline releases a video demanding that @MamataOfficial Govt ensure the safety of RS MP @swapan55 who tweeted that he had been forcibly confined to a room in Shantiniketan. @BJP4India pic.twitter.com/Hb5EekeTc6
— Nistula Hebbar (@nistula) January 8, 2020
बंधक बनाए जाने के बाद भाजपा नेता स्वपन दासगुप्ता ने ट्वीट कर बताया था, “विश्व भारती, शांतिनिकेतन में एक कमरे के अंदर लगभग 70 लोग बंद हैं, विश्वविद्यालय द्वारा CAA पर आधिकारिक व्याख्यान में भाग लेने आए थे। यहाँ हमारे साथ विश्वविद्यालय के वीसी भी शामिल हैं। टकराव के बाद बाहर से भीड़ के चिल्लाने की आवाज़ आ रही है।”
There are nearly 70 people locked inside a room in Vishwa Bharati, Santiniketan, for the crime of attending an official, university-convened lecture by me on CAA. This includes the VC. There is a howling mob outside itching for confrontation. pic.twitter.com/3eLBHPdIHT
— Swapan Dasgupta (@swapan55) January 8, 2020
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