भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के लक्ष्मण (K. Laxman) ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया और जामिया हमदर्द जैसे मुस्लिम संस्थानों में पसमांदा समुदाय (Pasmanda Community) के लिए 50% आरक्षण की माँग की है। हालाँकि, इस कदम ने समुदाय के एक वर्ग को नाराज कर दिया है। वहीं, कई लोगों ने इसे जाति के आधार पर समुदाय को विभाजित करने के लिए एक सोची समझी चाल बताया है।
नई दिल्ली में शनिवार (7 अगस्त 2022) को पसमांदा मुस्लिम स्नेह मिलन एवं सम्मान समारोह में लक्ष्मण ने कहा,
“मैं समुदाय के भीतर पसमांदा मुस्लिमों के सदियों पुराने अन्याय और शोषण की ओर आपका ध्यान केंद्रित करना चाहता हूँ। पसमांदा समुदाय सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से बेहद कमजोर हैं। आजादी के 75 साल बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया है। पसमांदा का मुद्दा हिंदू-मुस्लिम एकता के शोर में दब गया है। पसमांदा मुस्लिमों को आज एएमयू (AMU), जामिया मिलिया (JMI) और जामिया हमदर्द (JH) में 50% आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए।”
इससे पहले राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रमुख आतिफ रशीद (Atif Rasheed) ने एएमयू, जामिया और झामुमो के कुलपतियों को पत्र लिखकर विश्वविद्यालयों में पसमांदा मुस्लिमों के लिए आरक्षण का अनुरोध किया था।
BJP OBC Morcha chief demands 50% reservation for Pasmanda community in Muslim institutions.@narendramodi @blsanthosh @amitshah https://t.co/oaZTTEVz6S https://t.co/oaZTTEVz6S
— BJP OBC MORCHA (@BJP4OBCMorcha) August 7, 2022
15 जून को लिखे एक पत्र में रशीद ने ‘कोटा के भीतर कोटा’ के बारे में लिखा था। उन्होंने कहा था, “हमने अल्पसंख्यक संस्थानों के तीन वीसी को पत्र लिखकर पसमांदा मुस्लिमों के लिए मुस्लिम कोटे के भीतर 50% आरक्षण के लिए कहा। इससे किसी को परेशानी नहीं होनी चाहिए या विश्वविद्यालयों के भीतर समीकरण नहीं बदलना चाहिए, क्योंकि हम केवल कोटा के भीतर ही कोटा माँग रहे हैं जो पहले से ही चलन में है।”
बता दें कि अभी तक किसी भी विश्वविद्यालय ने इस प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया नहीं दी है। इसलिए, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. लक्ष्मण ने नई दिल्ली में पसमांदा मुस्लिम स्नेह मिलन एवं सम्मान समारोह में इस मुद्दे को फिर से उठाया है।
आरक्षण की माँग केवल दो एएमयू, जामिया मिलिया और जामिया हमदर्द तक ही सीमित नहीं है। रशीद ने केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को भी पत्र लिखकर सामाजिक और आर्थिक रूप से संकटग्रस्त समुदाय की दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित किया है।
उन्होंने कहा, “हमने केंद्र सरकार के हर मंत्री और लगभग 250 सांसदों को पत्र लिखा है। ओबीसी मोर्चा के प्रमुख के. लक्ष्मण ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की और हमारा समर्थन किया। इसके अलावा उन्होंने संसद में यह मुद्दा उठाया है।” उन्होंने (रशीद) पसमांदा मुस्लिमों के लिए 50% आरक्षण की माँग करते हुए देश भर में 5,200 मुस्लिम संस्थानों को पत्र लिखा है।
बता दें कि पसमांदा मुस्लिम सामाजिक रूप से बहिष्कृत, उपेक्षित और दबे हुए हैं। इसमें दलित और बैकवर्ड मुस्लिम आते हैं, जो मुस्लिम समाज में एक अलग सामाजिक लड़ाई लड़ रहे हैं। वे कई आंदोलन भी कर चुके हैं। ऐसे में भाजपा का ओबीसी मोर्चा उनकी आवाज बना है जिसे देख कट्टरपंथी नाराज हैं।