भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कॉन्ग्रेस के गाँधी परिवार पर निशाना साधते हुए कहा है कि भारत-चीन तनाव मसले पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सभी राजनीतिक पार्टियाँ सरकार के साथ खड़ी थीं लेकिन सिर्फ़ एक परिवार ऐसा था जो सरकार के साथ नहीं था। बुधवार (जून 24, 2020) को नड्डा ने बयान दिया कि पहले तो राजवंश झूठे बयान देता है और फिर उसके चाटुकार झूठ फैलाने में जुट जाते हैं।
भाजपा अध्यक्ष ने सोशल मीडिया पर कई ट्वीट्स के माध्यम से लिखा कि एक राजवंश और उसके चाटुकार एक ही परिवार को विपक्ष की तरह मान रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या बाकी विपक्षी राजनीतिक दल विपक्ष की भूमिका में नहीं हैं? उन्होंने कहा कि एक राजपरिवार झूठ पर झूठ बोलता है और उसके वफादार उसे चारों ओर फैलाने में लग जाते हैं, अभी भी वो लोग इस वक्त ये सरकार से सवाल पूछ रहे हैं।
जेपी नड्डा ने स्पष्ट कहा कि जनता ने राजवंश को रिजेक्ट कर दिया है और अलग-थलग कर दिया है, इसीलिए वो अकेली राजनीतिक पार्टी नहीं है। उन्होंने दोहराया कि राजपरिवार ही सिर्फ़ विपक्ष नहीं है। बकौल नड्डा, आज जब देश हमारी सशस्त्र सेनाओं के पीछे एकजुट होकर खड़ा है और उनका मनोबल बढ़ा रहा है, ये एकता और सौहार्द दिखाने का समय है। उन्होंने कहा कि अनगिनत बार राजपरिवार के एक वंशज को लॉन्च किए जाने के लिए इंतजार किया जा सकता है।
हालाँकि, जेपी नड्डा ने ये भी कहा कि एक स्वस्थ लोकतंत्र में एक अच्छे विपक्ष का काम ही है सवाल पूछने का और सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष सभी विपक्षी नेताओं ने अपनी बात रखी और अपने सुझावों से सरकार को अवगत कराया। उन्होंने जानकारी दी कि सभी दलों ने मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के प्रति विश्वास जताया और कहा कि वो इस समस्या को सुलझाएँ लेकिन एक परिवार अपवाद है। उन्होंने लोगों से कहा कि वो परिवार कौन है, आप पता कर सकते हैं।
जेपी नड्डा ने कहा कि एक परिवार का हित देशहित नहीं होता है और एक परिवार पूरा विपक्ष नहीं होता है। जेपी नड्डा ने याद दिलाया कि एक परिवार की गलती के कारण ही हमारे देश ने हजारों स्क्वायर किलोमीटर की जमीन गँवा दी। उन्होंने याद दिलाया कि कसी तरह सियाचिन का ग्लेशियर भी लगभग भारत से अलग होते-होते रह गया था। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि इन्हीं सब कारणों से देश की जनता ने उन्हें नकार दिया।
इससे पहले सर्वदलीय बैठक को लेकर विपक्ष के दुष्प्रचार का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने कार्यालय के माध्यम से बयान जारी कर कहा था कि ‘लाइन ऑफ एक्चुअल कण्ट्रोल (LAC)’ के साथ छेड़छाड़ करने की किसी भी प्रकार की कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बकौल पीएम मोदी, पहले इस तरह की छेड़छाड़ पर सरकारें इसे नज़रअंदाज़ कर देती थीं लेकिन अब सेना के जवाब ऐसा करने वालों को रोकते-टोकते हैं।
पीएमओ ने कहा था कि भारतीय क्षेत्र की क्या परिभाषा है, ये आधिकारिक नक़्शे से तय होता है। पिछले 60 साल में किस तरह से देश की 43,000 वर्ग किलोमीटर जमीन चीन के कब्जे में चली गई, इस बारे में भी सभी दलों को बताया गया कि ऐसे समय में जब हमारे जवान सीमा पर हमारी सुरक्षा करते हुए खड़े हैं, पीएम मोदी के बयान को लेकर इस तरह का दुष्प्रचार फैलाया जाना उनके आत्मविश्वास को डिगाने वाली दुर्भाग्यपूर्ण हरकत है।