Sunday, November 17, 2024
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अभिव्यक्ति के दमन के लिए कानून का दुरुपयोग गलत: भाजपा अध्यक्ष ने पीड़ित पक्षों को दिया समर्थन का भरोसा

"सत्ता की मशीनरी का दुरूपयोग कर के आलोचकों की आवाज़ों को दबाना अशोभनीय है, अनुपयुक्त है। विपक्षी पार्टियाँ जहाँ विफल हो रही हैं, वहाँ उन पर उठ रहे सवालों का उन्हें जवाब देना चाहिए। मैं भाजपा के कार्यकर्ताओं, समर्थकों और शुभचिंतकों को भरोसा दिलाता हूँ कि हम आपके साथ खड़े हैं। जिन्हें अपनी अनैतिक राजनीति के खुलासे का डर है, वो डरे हुए हैं और तभी ऐसा रास्ता अपना रहे हैं।"

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने विभिन्न राज्यों में भाजपा विरोधी पार्टियों द्वारा BJP कार्यकर्ताओं, नेताओं और पदाधिकारों के साथ-साथ स्वतंत्र आवाज़ों को जिस तरह दबाया जा रहा है, उसकी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में विपक्षी पार्टियों की राज्य सरकारें सत्ता की मशीनरी का दुरूपयोग कर न सिर्फ़ भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रताड़ित कर रही हैं बल्कि सोशल मीडिया पर भी उन्हें ग़लत तरीके से दबाया जा रहा है, अभिव्यक्ति की आज़ादी छीनी जा रही है।

नड्डा ने कहा कि विपक्षी पार्टियों द्वारा शासित जिन राज्यों की सरकारें कोविड-19 से लड़ने में विफल रही हैं, उसे लेकर आलोचना के उठ रहे स्वर को ग़लत तरीके से दबाया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि एक लोकतंत्र में इस तरह की हरकतों के लिए कोई जगह नहीं है, ये अस्वीकार्य है। जेपी नड्डा ने कहा कि सार्वजनिक जीवन में आलोचना और चर्चा के लिए किसी को हमेशा तैयार रहना चाहिए, ये लोकतंत्र का अभिन्न अंग है। नड्डा ने कहा:

“सत्ता की मशीनरी का दुरूपयोग कर के आलोचकों की आवाज़ों को दबाना अशोभनीय है, अनुपयुक्त है। विपक्षी पार्टियाँ जहाँ विफल हो रही हैं, वहाँ उन पर उठ रहे सवालों का उन्हें जवाब देना चाहिए। मैं भाजपा के कार्यकर्ताओं, समर्थकों और शुभचिंतकों को भरोसा दिलाता हूँ कि हम आपके साथ खड़े हैं। जिन्हें अपनी अनैतिक राजनीति के खुलासे का डर है, वो डरे हुए हैं और तभी ऐसा रास्ता अपना रहे हैं।”

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हो रहे हमले पर चिंता जताई

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने आश्वासन दिया कि वो उन सभी लोगों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए खड़े हैं, जिन्हें प्रातड़ित किया जा रहा है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि लोकतांत्रिक सिस्टम में इस तानाशाही रवैये का पार्टी कड़ा प्रतिकार करेगी। बता दें कि सिख दंगों के लिए राजीव गाँधी पर सवाल खड़े करने के लिए भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा पर भी छत्तीसगढ़ सहित अन्य कॉन्ग्रेस शासित राज्यों में एफआईआर दर्ज किए गए थे।

हाल ही में पालघर मॉब लिंचिंग पर सवाल उठाने के लिए ‘रिपब्लिक टीवी’ के पत्रकार अर्नब गोस्वामी से मुंबई पुलिस ने 12 घंटों तक पूछताछ की थी। उनकी गाड़ी पर कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमले भी किए थे। सुधीर चौधरी को तो यूएई और पाकिस्तान तक से धमकियाँ आईं। केरल में उनके खिलाफ एफआईआर हुआ क्योंकि उन्होंने जिहाद पर रिपोर्टिंग की थी। एक ‘सटायर’ वाले न्यूज़ के लिए ‘द स्किन डॉक्टर’ के ख़िलाफ़ हैदराबाद पुलिस ने मामला दर्ज किया।

शेफाली वैद्य को भी सोशल मीडिया पर आवाज़ उठाने के लिए धमकियाँ दी गईं। ‘पोकर शाह’ नामक ट्विटर हैंडल के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कराई गई। प्रीती शर्मा मेनन जैसों ने उनके ख़िलाफ़ दुष्प्रचार अभियान चलाया। पश्चिम बंगाल में तो सरकार की आलोचना करने वाले मीडियाकर्मियों को प्रताड़ित किया जाना आम बात हो चुका है। हाल ही में ऐसे कई मामले आए हैं, जहाँ गैर-वामपंथी आवाज़ों को दबाने के लिए सत्ता का दुरूपयोग किया गया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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