Monday, November 18, 2024
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‘इनसे सतर्क रहें, सत्ता से बाहर होने पर ये करते हैं किस्म-किस्म की नाटकबाजी’

प्रियंका गाँधी वाड्रा ने गुरु संत रविदास जन्मस्थान मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसको लेकर बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने उन पर निशाना साधते हुए इसे नाटक करार दिया और...

संत रविदास की जयंती पर कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी वाड्रा ने रविवार (फरवरी 9, 2020) को वाराणसी पहुँचकर उनके जन्मस्थान का दौरा किया। यहाँ उन्होंने गुरु संत रविदास जन्मस्थान मंदिर में पूजा-अर्चना की। वहीं बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने प्रियंका पर निशाना साधते हुए इसे नाटक करार दिया और अपने समर्थकों को सतर्क रहने के लिए कहा।

इससे पहले वाराणसी के बाबतपुर एयरपोर्ट में प्रियंका गाँधी का जोर-शोर से स्वागत हुआ। इसके बाद वह सीधे सीरगोवर्धन में संत रविदास की जयंती पर आयोजित समारोह में शामिल होने रवाना हो गईं। प्रियंका गाँधी ने सुबह ही सोशल मीडिया पर संत रविदास को नमन करने के साथ ही वाराणसी आगमन की जानकारी दी थी।

वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रियंका गाँधी पर संत रविदास के मंदिरों में जाकर निजी स्वार्थ के लिए नाटकबाजी करने का आरोप लगाया। मायावती ने रविवार को किए गए सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, “कॉन्ग्रेस, बीजेपी व अन्य पार्टियाँ यहाँ उत्तर प्रदेश में अपनी सरकार होने पर संत गुरु रविदास जी को कभी मान-सम्मान नहीं देती है, लेकिन सत्ता से बाहर होने पर फिर ये अपने स्वार्थ में इनके मन्दिरों/स्थलों आदि में जाकर किस्म-किस्म की नाटकबाजी जरूर करती है। इनसे सतर्क रहें।”

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “जबकि यहाँ बसपा ही एक मात्र ऐसी पार्टी है, जिसने अपनी सरकार के समय में इनको विभिन्न स्तरों पर पूरा-पूरा मान-सम्मान दिया है। जिसे भी अब विरोधी पार्टियाँ एक-एक करके खत्म करने में लगी है। जो अति निन्दनीय है।”

इधर वाराणसी पहुँची प्रियंका ने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास ने सामाजिक एकता, बंधुत्व, भाईचारे और श्रम की महत्ता का संदेश दिया था। आज हम सभी के लिए गुरु रविदास की वाणी और विचार अनुकरणीय हैं। ताकि हम एक बेहतर समतामूलक समाज बना सकें। वहीं कॉन्ग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बताया कि प्रियंका की बहुत दिनों से इच्छा थी कि वे संत शिरोमणि गुरु रविदास के जन्मस्थली मंदिर की चौखट पर मत्था टेकें।

हालाँकि पार्टी की तरफ से प्रियंका के इस दौरे को गैर-राजनीतिक बताया जा रहा है, लेकिन राजनीति के जानकार का मानना है कि वह जनाधार की मजबूत जड़ों को सींचने की कोशिश कर रही हैं। इस दौरान सीर में उन्होंने संत निरंजन दास का आशीर्वाद लेने के साथ ही लंगर और प्रसाद भी ग्रहण किया।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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