Monday, December 23, 2024
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कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्वीकार की सिद्धू की चुनौती: जहाँ से 10 बार जीत चुके हैं पति-पत्नी, वहीं से लड़ेंगे विधानसभा चुनाव

पंजाब में अकाली दल और कॉन्ग्रेस के बीच ही अब तक मुख्य लड़ाई होती रही है, लेकिन पिछले चुनावों में AAP की एंट्री के बाद यहाँ की राजनीति में तीन मोर्चे हो गए हैं। अब भाजपा द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने और कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी के साथ गठबंधन के संकेतों के बाद चौथा मोर्चा उभरते भी दिख रहा है।

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि वो पटियाला से ही विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। बता दें कि पटियाला उनका गढ़ है और 2002, 2007 और 2012 में जीत कर उन्होंने यहाँ से हैट्रिक लगाई थी। 2017 में उन्होंने फिर यहीं से विधानसभा चुनाव लड़ा और मुख्यमंत्री बने। बीच में 2014 में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी प्रणीत कौर ने जीता था। उनकी पत्नी पटियाला लोकसभा क्षेत्र से 1999, 2004 और 2009 में जीत की हैट्रिक लगा चुकी हैं।

2019 में भी प्रणीत कौर ने ही पटियाला लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की, ऐसे में फ़िलहाल वहाँ की लोकसभा और विधानसभा, दोनों सीटों पर पति-पत्नी का ही कब्ज़ा है। 1980 में भी कैप्टन अमरिंदर सिंह को पटियाला ने ही पहली बार सांसद बनाया था। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ऐलान किया, “पिछले 400 वर्षों से पटियाला हमारे साथ रहा है नवजोत सिंह सिद्धू की वजह से मैं इसे नहीं छोड़ूँगा।” इस साल नवजोत सिंह सिद्धू ने चुनौती दी थी कि वो पटियाला से उनके सामने चुनावी मैदान में उतर कर दिखाएँ।

नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में कॉन्ग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। पंजाब में अकाली दल और कॉन्ग्रेस के बीच ही अब तक मुख्य लड़ाई होती रही है, लेकिन पिछले चुनावों में AAP की एंट्री के बाद यहाँ की राजनीति में तीन मोर्चे हो गए हैं। अब भाजपा द्वारा कृषि कानूनों को वापस लेने और कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी के साथ गठबंधन के संकेतों के बाद चौथा मोर्चा उभरते भी दिख रहा है। ऐसे में कॉन्ग्रेस की बेचैनी बढ़नी तय है। कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला राजपरिवार का हिस्सा हैं और उनके पूर्वज यहाँ राज़ करते थे।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, “ये ख़ुशी की बात है कि तीनों कृषि कानूनों को ख़त्म किया गया। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद। झगड़ा इन्हीं कानूनों को लेकर हुआ था। बाकी माँगों के लिए बैठ कर बात करनी पड़ेगी, वरना ये कभी ख़त्म नहीं होगा। पीएम और उनकी टीम के साथ बैठ कर या कमिटी बनवा कर किसान आगे बढ़ें। अब किसान वहाँ क्यों बैठे हुए हैं? अपने घर में जाकर ख़ुशी मनाएँ। मैं अमित शाह को कह कर आया हूँ कि किसानों वाला मसला ख़त्म होने के बाद उनकी नई पार्टी भाजपा के साथ सीट शेयरिंग पर बात करेगी।”

बता दें कि सिद्धू लगातार अब भी विवादों में बने हुए हैं। करतारपुर साहिब पहुँचे पंजाब कॉन्ग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को अपना बड़ा भाई बता डाला। उन्होंने कहा कि इमरान खान ने उनके ‘बड़े भाई’ की तरह हैं और उन्होंने उन्हें काफी प्यार दिया है। हाल ही में इमरान खान की सरकार ने भी करतारपुर कॉरिडोर खुलने में नवजोत सिंह सिद्धू की भूमिका बताते हुए उनकी तारीफ़ की थी। 2018 में नवजोत सिंह सिद्धू इस्लामाबाद में इमरान खान के शपथग्रहण समारोह में हिस्सा लेने भी पहुँचे थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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