केंद्र सरकार ने कथित कदाचार और दुर्व्यवहार को लेकर पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्य सचिव अलपन बंदोपाध्याय के खिलाफ बड़ी दंडात्मक कार्यवाही शुरू की है। साथ ही उन पर बड़ा जुर्माना लगाया जा सकता है। अधिकारियों ने सोमवार (21 जून 2021) को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सलाहकार की भूमिका निभा रहे बंदोपाध्याय से कार्मिक एवं प्रशिक्षण मंत्रालय (डीओपीटी) द्वारा आरोपों का उल्लेख करते हुए भेजे गए ज्ञापन का 30 दिनों के अंदर जवाब भेजने को कहा गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1987-कैडर के आईएएस अधिकारी को बड़ी जुर्माना और कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इसके तहत पूर्व मुख्य सचिव की केंद्र सरकार पेंशन या ग्रैच्यूटी अथवा दोनों पूरी तरह से या उसका कुछ हिस्सा रोक सकती है।
बता दें कि केंद्र ने बंदोपाध्याय को दिल्ली बुलाने का आदेश चक्रवाती तूफान यास पर पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक में देर से पहुँचने के कुछ घंटों के बाद दिया था। 31 मई को ही बंदोपाध्याय मुख्य सचिव पद से रिटायर्ड हो रहे थे, लेकिन 24 मई को ही राज्य में कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद के लिए बंदोपाध्याय का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाने का आदेश जारी किया गया था।
केंद्र ने 28 मई 2021 को पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखकर अलपन बंदोपाध्याय को मुक्त करने का अनुरोध किया था। वहीं, इसके बाद ममता ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर केंद्र के इस फैसले को वापस लेने, पुनर्विचार करने और आदेश को रद्द करने को कहा था।