छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस सरकार ने हाल ही में सोशल मीडिया पोस्ट पर एक वीडियो शेयर करने के मामले में मांगीलाल अग्रवाल नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। मांगीलाल द्वारा शेयर की गई वीडियो में दावा किया गया था कि भूपेश भगेल की सरकार का इंवर्टर बनाने वाली कंपनियों से साँठ-गाँठ ही छत्तीसगढ़ में बिजली जाने का मुख्य कारण हैं।
इस वीडियो से भूपेश सरकार इतनी आहत हुई कि अग्रवाल के ऊपर उन्होंने राजद्रोह का मुकदमा दायर किया। इस मामले के मद्देनजर मानक गुप्ता नाम के पत्रकार ने एक ट्वीट किया था। जिसमें पत्रकार ने कहा था कि मांगीलाल की गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध के कारण सरकार ने उनके ऊपर से राजद्रोह की धारा हटा ली है, लेकिन फिर भी उन्हें अब भी हिरासत में रखा गया है।
इस ट्वीट के बाद मानक ने मांगीलाल की रिहाई की माँग करते हुए, छत्तीसगढ़ में कटती बिजली के बारे में लिखा, “चिलचिलाती गर्मी में आपकी सरकार बिजली काटे और आम आदमी कराह भी नहीं सकता।”
.@news24tvchannel चैनल से अनुरोध है कि वह तत्काल स्पष्ट करे कि उनके एंकर @manakgupta द्वारा फैलाये जा रहे झूठ पर चैनल का क्या रुख है?
— INC Chhattisgarh (@INCChhattisgarh) June 15, 2019
क्या यह चैनल का विचार है या एंकर का निजी विचार?
क्या इस ट्वीट को चैनल की सहमति पर झूठ फैलाने जैसे नजरिये से भी देखना उचित रहेगा? https://t.co/17ktE89Mz1
आम आदमी के नजरिए से देखें तो पत्रकार मानक का ये पोस्ट बेहद आम था। लेकिन उनके इस पोस्ट ने छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस को इतनी ठेस पहुँचाई कि उन्होंने मानक के ट्वीट को टारगेट करते हुए न्यूज 24 से अपने ट्वीट में कुछ सवाल कर डाले। छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस ने न्यूज 24 को टैग करते हुए सवाल किया कि वह तत्काल स्पष्ट करें कि उनके एंकर @manakgupta द्वारा फैलाए जा रहे झूठ पर चैनल का क्या रुख है? अपने ट्वीट में छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस ने संस्थान से ये भी सवाल पूछा कि क्या यह चैनल का विचार है या एंकर का निजी विचार?
If every journalist who files a false report or peddles fake, vicious RSS/BJP sponsored propaganda about me is put in jail, most newspapers/ news channels would face a severe staff shortage.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 11, 2019
The UP CM is behaving foolishly & needs to release the arrested journalists. https://t.co/KtHXUXbgKS
अब ऐसे मे हैरान करने वाली बात ये है कि जो कॉन्ग्रेस सरकार कुछ दिन पहले तक सीएम योगी पर टिप्पणी करने पर गिरफ्तार हुए पत्रकार की गिरफ्तारी का विरोध कर रही थी, वो आज खुद पर उँगली उठने पर इतना क्यों बौखला गई है? क्यों सिर्फ़ एक पोस्ट शेयर करने पर एक व्यक्ति पर न केवल राजद्रोह का मुकदमा लगा दिया गया बल्कि उस व्यक्ति के समर्थन में उठी पत्रकार की आवाज को भी दबाने के लिए संस्थान को टैग करके उनकी टिप्पणी पर जवाब माँगा गया। अभिव्यक्ति की आजादी का तर्क देकर जो लोग न जाने कितनी देश विरोधी आवाजों को वाजिब ठहरा चुके हैं, वे अपनी सत्ता शासित प्रदेश में क्यों लोगों की आवाजों को गला घोंटकर, ट्रोल करके या उन्हें गिरफ्तार कर चुप करना चाहते हैं?