Sunday, April 20, 2025
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कॉन्ग्रेस ने सोशल मीडिया पोस्ट के कारण युवक को किया गिरफ्तार, पत्रकार से जवाब-तलब, योगी को घेरने वाले यहाँ मौन

क्यों सिर्फ़ एक पोस्ट शेयर करने पर एक व्यक्ति पर न केवल राजद्रोह का मुकदमा लगा दिया गया बल्कि उस व्यक्ति के समर्थन में उठी पत्रकार की आवाज को भी दबाने के लिए संस्थान को टैग करके उनकी टिप्पणी पर जवाब माँगा गया।

छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस सरकार ने हाल ही में सोशल मीडिया पोस्ट पर एक वीडियो शेयर करने के मामले में मांगीलाल अग्रवाल नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। मांगीलाल द्वारा शेयर की गई वीडियो में दावा किया गया था कि भूपेश भगेल की सरकार का इंवर्टर बनाने वाली कंपनियों से साँठ-गाँठ ही छत्तीसगढ़ में बिजली जाने का मुख्य कारण हैं।

इस वीडियो से भूपेश सरकार इतनी आहत हुई कि अग्रवाल के ऊपर उन्होंने राजद्रोह का मुकदमा दायर किया। इस मामले के मद्देनजर मानक गुप्ता नाम के पत्रकार ने एक ट्वीट किया था। जिसमें पत्रकार ने कहा था कि मांगीलाल की गिरफ्तारी के बाद हुए विरोध के कारण सरकार ने उनके ऊपर से राजद्रोह की धारा हटा ली है, लेकिन फिर भी उन्हें अब भी हिरासत में रखा गया है।

मानक गुप्ता के ट्वीट का स्क्रीनशॉट

इस ट्वीट के बाद मानक ने मांगीलाल की रिहाई की माँग करते हुए, छत्तीसगढ़ में कटती बिजली के बारे में लिखा, “चिलचिलाती गर्मी में आपकी सरकार बिजली काटे और आम आदमी कराह भी नहीं सकता।”

आम आदमी के नजरिए से देखें तो पत्रकार मानक का ये पोस्ट बेहद आम था। लेकिन उनके इस पोस्ट ने छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस को इतनी ठेस पहुँचाई कि उन्होंने मानक के ट्वीट को टारगेट करते हुए न्यूज 24 से अपने ट्वीट में कुछ सवाल कर डाले। छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस ने न्यूज 24 को टैग करते हुए सवाल किया कि वह तत्काल स्पष्ट करें कि उनके एंकर @manakgupta द्वारा फैलाए जा रहे झूठ पर चैनल का क्या रुख है? अपने ट्वीट में छत्तीसगढ़ कॉन्ग्रेस ने संस्थान से ये भी सवाल पूछा कि क्या यह चैनल का विचार है या एंकर का निजी विचार?

अब ऐसे मे हैरान करने वाली बात ये है कि जो कॉन्ग्रेस सरकार कुछ दिन पहले तक सीएम योगी पर टिप्पणी करने पर गिरफ्तार हुए पत्रकार की गिरफ्तारी का विरोध कर रही थी, वो आज खुद पर उँगली उठने पर इतना क्यों बौखला गई है? क्यों सिर्फ़ एक पोस्ट शेयर करने पर एक व्यक्ति पर न केवल राजद्रोह का मुकदमा लगा दिया गया बल्कि उस व्यक्ति के समर्थन में उठी पत्रकार की आवाज को भी दबाने के लिए संस्थान को टैग करके उनकी टिप्पणी पर जवाब माँगा गया। अभिव्यक्ति की आजादी का तर्क देकर जो लोग न जाने कितनी देश विरोधी आवाजों को वाजिब ठहरा चुके हैं, वे अपनी सत्ता शासित प्रदेश में क्यों लोगों की आवाजों को गला घोंटकर, ट्रोल करके या उन्हें गिरफ्तार कर चुप करना चाहते हैं?

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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