छत्तीसगढ़ पुलिस (Chhattisgarh Police) ने गुरुवार (3 मार्च 2022) को रायपुर के पत्रकार नीलेश शर्मा को उनके लोकप्रिय राजनीतिक व्यंग्य (Political Satire) के लिए गिरफ्तार किया। उन पर छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कॉन्ग्रेस के नेताओं के खिलाफ फेक न्यूज फैलाने का आरोप लगाया गया है।
नीलेश शर्मा वेब पोर्टल indiawriters.co.in और प्रिंट पत्रिका ‘इंडिया राइटर्स’ के संपादक हैं। वह ‘घुरवा के माटी’ के नाम से राजनीतिक व्यंग्य पर आधारित एक लोकप्रिय सीरीज चलाते हैं। सीरीज में छत्तीसगढ़ के कॉन्ग्रेस नेताओं और विधायकों के काल्पनिक कैरेक्टर को दिखाया जाता है।
जानकारी के मुताबिक, कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता खिलवान निषाद ने शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और उन पर राज्य के कॉन्ग्रेस नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। पुलिस की साइबर सेल ने शिकायत पर तुरंत कार्रवाई करते हुए नीलेश शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने आईपीसी की धारा 504, 505, 505 (1) (बी) और 505 (2) के तहत FIR दर्ज की है।
अभिव्यक्ति की आज़ादी ft. @bhupeshbaghel
— Naweed (@Spoof_Junkey) March 4, 2022
लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को बेड़ियों से बाँधने की कोशिश pic.twitter.com/4WLTUjCSSv
रिपोर्ट्स में बताया गया है कि निषाद ने पत्रकार पर बीजेपी और आरएसएस का पक्ष लेने का आरोप लगाया और कहा कि वह ‘गोदी मीडिया’ का हिस्सा हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शर्मा अपने शो ‘घुरवा के माटी’ के जरिए कॉन्ग्रेस नेताओं के खिलाफ जानबूझकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने FIR में कहा, “पोर्टल indiawriters.co.in नकारात्मकता फैला रहा है और कॉन्ग्रेस के नेताओं एवं पदाधिकारियों के बीच मतभेद पैदा कर रहा है।”
उल्लेखनीय है कि इसी वेब पोर्टल ने पहले भी एक सीरीज चलाई थी, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और भाजपा सरकार की काफी आलोचना की गई थी। इससे पहले अक्टूबर महीने में एक अन्य वेब पोर्टल के दो पत्रकारों को राज्य में कॉन्ग्रेस सांसदों के खिलाफ कथित रूप से सामग्री प्रकाशित करने और उनसे जबरन वसूली करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
BJP पर ‘फ्री स्पीच’ का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाते रहे हैं राहुल गाँधी
ध्यान देेने वाली बात है कि कॉन्ग्रेस नेता राहुल गाँधी शायद छत्तीसगढ़ में अपनी ही सरकार को ‘फ्री स्पीच’ का पाठ पढ़ाने में विफल रहे हैं, जिसका जिक्र वह अक्सर राष्ट्रीय स्तर पर करते रहते हैं। गाँधी ने पहले भी कई बार भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर कथित तौर पर बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान नहीं करने के लिए हमला किया है।
वर्ष 2019 में मणिपुर में हुई एक ऐसी ही घटना में पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को मणिपुर पुलिस ने राज्य सरकार पर निशाना साधने के लिए हिरासत में लिया था। तब राहुल गाँधी ने कहा था कि भाजपा के लिए ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’ का कोई सम्मान नहीं है। बता दें कि द फ्रंटियर मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम ने मणिपुर बीजेपी प्रमुख एस टिकेंद्र सिंह की कोरोना से मौत के बाद फेसबुक पर पोस्ट किया था, “गोबर और गोमूत्र काम नहीं किया?”
इसी तरह की एक अन्य घटना में राहुल गाँधी ने बीजेपी और आरएसएस पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को नियंत्रित करने का आरोप लगाया। उन्होंने वेब सीरीज ‘सेक्रेड गेम्स’ के समर्थन में कहा था कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता एक मौलिक लोकतांत्रिक अधिकार है और इसमें कैरेक्टर काल्पनिक था। बता दें कि इसमें पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी को कायर दिखाया गया था।