छत्तीसगढ़ में मंगलवार ( 7 नवंबर 2023 ) को सुबह 7 बजे से ही पहले चरण का मतदान शुरू हो जाएगा। पहले चरण में 20 विधानसभा सीटों पर मतदान होना है। छत्तीसगढ़ की 90 में से 20 विधानसभा सीटों पर ये मतदान दो स्लॉट में कराए जाएँगे, इसके लिए 5304 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। छत्तीसगढ़ में इस बार भ्रष्टाचार और आदिवासियों का मुद्दा अहम है, वहीं शराब का मुद्दा भी छत्तीसगढ़ में अहम भूमिका निभा सकता है। पिछले चुनाव में कॉन्ग्रेस को छत्तीसगढ़ में भारी जीत मिली थी, लेकिन इस बार भाजपा पलटवार करती दिख रही है। बहरहाल, छत्तीसगढ़ में बाकी की 70 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को मतदान होंगे और 3 दिसंबर को मतगणना कराई जाएगी। इसी के साथ साफ हो जाएगा कि छत्तीसगढ़ में कौन सी पार्टी सत्ता में आएगी।
छत्तीसगढ़ में जिन 20 सीटों पर मतदान होना है, वो अधिकतर सीटें नक्सल प्रभावित इलाकों में हैं। इनमें बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कवर्धा और राजनांदगांव जिले शामिल हैं। इसमें से 10 सीटों पर सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक मतदान होगा, जिसमें पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगाँव, खुज्जी, जगदलपुर, चित्रकूट और बस्तर। वहीं, सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक दस विधानसभा क्षेत्रों मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कोनकर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा।
चुनाव आयोग के आँकड़ों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ चुनाव 2023 के पहले चरण में कुल 40,78,689 मतदाता मतदान करेंगे। जिसमें महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है। इन 40 लाख लोगों में से 19 लाख से अधिक (19,93,936) पुरुष और 20 लाख से अधिक (20,84,675) महिलाएँ हैं। इस बार कम से कम (1.6 लाख) 1,64,299 लोग पहली बार मतदाता हैं और उनकी उम्र 18 से 19 साल के बीच है।
भाजपा और कॉन्ग्रेस में मुख्य मुकाबला
छत्तीसगढ़ चुनाव में कॉन्ग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच कड़ी टक्कर होने की संभावना है। राज्य में वर्तमान में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कॉन्ग्रेस की सरकार है। जिन 20 सीटों के लिए पहले चरण में मतदान होगा, उनके लिए 25 महिलाओं समेत कुल 223 उम्मीदवार मैदान में हैं। इस चरण में 20 में से 13 सीटें एससी/एसटी के लिए आरक्षित हैं। खास बात ये है कि 2023 में कॉन्ग्रेस ने इस चरण में अपने छह मौजूदा विधायकों का या तो टिकट काट दिया है, या फिर उनकी जगह किसी और को टिकट दिया है।
इन बड़ी सीटों\चेहरों पर नजर
राजनांदगाँव: छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह अपनी सीट राजनांदगाँव से चुनाव लड़ रहे हैं। उसके खिलाफ कॉन्ग्रेस ने गिरिस देवांगन को मैदान में उतारा है। गिरिस देवांगन खनिज विकास निगम के अध्यक्ष हैं, वहीं साल 2008 से ही इस सीट पर रमन सिंह का कब्जा है।
कोंटा: इस सीट पर छत्तीसगढ़ के मंत्री कवासी लखमा चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले दो चुनाव में वो जीत दर्ज कर चुके हैं। उसने सामने भाजपा ने सोयम मुका को मैदान में उतारा है। ये सीट आरक्षित है।
कोंडागाँव: मौजूदा विधायक और पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम बीजेपी की नई प्रदेश उपाध्यक्ष लता उसेंडी के खिलाफ मैदान में हैं।
बहनुप्रतापपुर: इस विधानसभा क्षेत्र से दिवंगत विधायक मनोज मंडावी की पत्नी सविता मंडावी चुनाव लड़ेंगी।
चित्रकूट: छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज के सामने बीजेपी के विनायक गोयल हैं।
कवर्धा: इस सीट पर 16 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। भूपेश बघेल सरकार के परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर को कॉन्ग्रेस ने फिर से मैदान में उतारा है, तो भाजपा के विजय शर्मा उन्हें टक्कर दे रहे हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में कॉन्ग्रेस पड़ी थी भारी
2018 के छत्तीसगढ़ चुनाव में, कांग्रेस ने चरण 1 में मतदान करने वाली 20 सीटों में से 17 सीटें जीतीं। भाजपा ने 2 सीटें जीती थीं, जबकि अजीत जोगी की पार्टी, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ ने 1 सीट जीती थी। कुल मिलाकर, कांग्रेस ने 2018 के चुनावों में छत्तीसगढ़ में जोरदार प्रदर्शन किया था, 90 में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी और कुल वोटों का 43.9 प्रतिशत हासिल किया था।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान कराना एक बड़ी चुनौती है। नक्सलियों की धमकियों और हमलों के कारण सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना पड़ता है। इसके अलावा, इन क्षेत्रों में मतदान केंद्रों तक पहुँचना भी मुश्किल होता है। छत्तीसगढ़ में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में मतदान कराने के लिए चुनाव आयोग ने कई तरह के उपाय किए हैं। इन उपायों में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती, मतदान केंद्रों तक पहुँच में आसानी और मतदाताओं को प्रोत्साहित करना शामिल है। चुनाव आयोग के मुताबिक, इस चरण के मतदान के लिए बस्तर संभाग में 60 हजार जवानों की तैनाती की गई है।
बता दें कि मतदान से एक दिन पहले छत्तीसगढ़ में आईईडी विस्फोट की खबर सामने आई। इस विस्फोट में बीएसएफ जवान समेत दो लोग घायल हो गए। ये धमाका कांकेर में हुआ। पुलिस ने बताया है कि बीएसएफ और डिस्ट्रिक्ट फोर्स की संयुक्त पार्टी कांकेर जिले के थाना छोटेबेटिया के 04 मतदान दलों को लेकर कैम्प मारबेड़ा से रेंगाघाटी रेंगागोंदी मतदान केन्द्र जा रही थी और शाम प्रेशर आईईडी की चपेट में आने से बीएसएफ के आरक्षक चंद्रप्रकाश सेवल और मतदान दल के 02 कर्मचारी घायल हो गए हैं। इसके अलावा नारायणपुर जिले के मुरहादपुर गाँव में भी नक्सलियों द्वारा आईडी प्लांट किया गया था। इसे निष्क्रिय करने के दौरान एक ITBP का कॉन्स्टेबल भी घायल हुआ।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ‘महादेव’ बेटिंग एप के भ्रष्टाचार में शामिल होने के आरोप लगे हैं। वायरल वीडियो में उन्हें 508 करोड़ रुपए दिए जाने का आरोप लगाया गया था।