कॉन्ग्रेस पार्टी इस समय चौतरफा संकट से घिरी हुई है। इसका कारण कॉन्ग्रेस शासित राज्यों में मची सियासी उथल-पुथल है। दरअसल, पंजाब के बाद अब छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बदलने की खबरें जोरों पर हैं। छत्तीसगढ़ में सीएम भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के कॉन्ग्रेस आलाकमान से मिलने के बाद अब छत्तीसगढ़ के 13 विधायक दिल्ली पहुँचे हैं। इन्होंने भी हाईकमान से मिलने का समय माँगा है। बताया जा रहा है कि ये विधायक भूपेश बघेल के करीबी हैं।
विधायक बृहस्पत सिंह इन विधायकों का नेतृत्व कर रहे हैं। बृहस्पत सिंह ने नई दुनिया को बताया कि कुछ विधायक छत्तीसगढ़ सदन में रुके हैं और कुछ विधायक निजी होटल में रुके हुए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल टीएस सिंहदेव का नाम लिए बिना बृहस्पत ने कहा कि किसी एक व्यक्ति को खुश करने के लिए कॉन्ग्रेस के 70 विधायकों का भविष्य दॉँव पर नहीं लगाया जा सकता है। कॉन्ग्रेस आलाकमान देश के अन्य राज्यों में जो भी बदलाव कर रही है, उसमें छत्तीसगढ़ मॉडल को अपनाने की शर्त रखी जा रही है। ऐसे में प्रदेश में बदलाव की कोई संभावना नहीं है।
चर्चा है कि छत्तीसगढ़ में कॉन्ग्रेस दो गुटों में बँट गई है। टीएस सिंहदेव का धड़ा आलाकमान से ढाई साल वाला वादा पूरा करने का दबाव बना रहा है। उनके समर्थक राज्य में मंत्री पद से इस्तीफा देने की बात कह चुके हैं, जबकि, भूपेश बघेल अपनी कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
वहीं, पंजाब में सियासी संकट के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री व कॉन्ग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बुधवार (सितंबर 29, 2021) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते पार्टी को आइना दिखाया। कॉन्ग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक बुलाने की माँग करते हुए सिब्बल ने पार्टी हाईकमान पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मैं आपसे उन कॉन्ग्रेसियों की ओर से बोल रहा हूँ जिन्होंने पिछले साल अगस्त में कॉन्ग्रेस वर्किंग कमेटी और सेंट्रल इलेक्शन कमेटी को पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए पत्र लिखा था और हम अभी तक इसका इंतजार कर रहे हैं।”
इस मुद्दे पर पार्टी के वरिष्ठ नेता आपस में उलझ गए हैं। कपिल सिब्बल द्वारा आलाकमान पर सवाल उठाने के बाद उन पर अजय माकन ने पलटवार किया है। माकन ने सिब्बल पर खुलकर हमला बोलते हुए याद दिलाया कि किस तरह उन्हें कॉन्ग्रेस ने पहचान दिलाई। माकन ने कहा कि संगठनात्मक पृष्ठभूमि का नहीं होने के बावजूद सोनिया गाँधी ने कपिल सिब्बल को केंद्र सरकार में मंत्री बनवाया था।
बता दें कि पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने पार्टी में चल रहे सियासी घमासान के बीच बुधवार (29 सितंबर 2021) शाम को गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। गृहमंत्री के आवास पर यह बैठक लगभग 45 मिनट चली। इसको लेकर मीडिया में कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द ही अमरिंदर सिंह भाजपा में शामिल हो सकते हैं।