मध्य प्रदेश में जबलपुर के सिविक सेंटर में कीर्ति स्तम्भ को तोड़े जाने से जैन समाज काफ़ी आक्रोश में हैं। दरअसल, सिविक सेंटर पर आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के 50वें दीक्षा वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में इस कीर्ति स्तम्भ का निर्माण कराया गया था जिसे नगर निगम द्वारा तोड़ दिया गया था। इसके विरोध में जैन समाज के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाक़ात की। उन्हें ज्ञापन सौंपते हुए जैन समाज ने दोषियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई के साथ-साथ कीर्ति स्तम्भ के पुनर्निमाण की माँग भी की।
Disturbing News Alert!
— Aviral sharma (@sharmaAvl) July 20, 2019
Kamalnath Govt demolished the Underconstruction Kirti Stambh of Jain Guru Vidhyasagar Maharaja, in Jabalpur yesterday!
No hue & cry in the Media because this was Not Lenin’s statue & the state is not BJP ruled!
Kamalnath doing what he Promised! pic.twitter.com/NqUWnAF9Su
इस प्रतिनिधिमंडल में दिगंबर जैन पंचायत कमेटी के अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु व दिगंबर जैन पंचायत सभा जबलपुर के संदेश जैन, युवराज जैन शामिल थे। सीएम से मुलाक़ात के बारे में अध्यक्ष प्रमोद हिमांशु ने बताया कि मुख्यमंत्री ने उनकी माँगों पर विचार करने और मामले की जाँच कराने का आश्वासन दिया है।
ख़बर के अनुसार, दिगंबर जैन पंचायत कमेटी के तत्वाधान में शनिवार (20 जुलाई 2019) को जवाहर चौक जैन मंदिर में चातुर्मास पर कलश स्थापित होगा। इसकी स्थापना आचार्यश्री विद्यासागर महाराज के चातुर्मास के लिए की जाएगी। जानकाारी के मुताबिक़, सभी मुनि शाम के समय हबीबगंज जैन मंदिर के लिए विहार करेंगे। आगामी रविवार को महामस्तकाभिषेक व शांतिधारा आदि अनुष्ठान किए जाएँगे।
इसके अलावा, शुक्रवार (19 जुलाई 2019) को जैन समाज ने विरोध स्वरूप धरना जारी रखा था। वहीं, पिसनहारी की मढ़िया से जुलूस निकालकर विरोध दर्ज कराया। स्थानीय लोगों का कहना था कि यह विरोध-रैली तब तक जारी रहेगी जब तक प्रशासन द्वारा कोई उचित निर्णय नहीं ले लिया जाता।
इससे पहले जैन समुदाय द्वारा गुरुवार (18 जुलाई 2019) को कलेक्टर आफ़िस का घेराव किया गया था। यहाँ पहुँचे लोगों ने नगर निगम के दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की माँग उठाई। इस संदर्भ में उन्होंने कलेक्टर भरत यादव को ज्ञापन भी सौंपा। इस पर भरत यादव ने कहा था कि नगर निगम की अचानक कार्रवाई की जाँच कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि अगर यह अवैध निर्माण होता तो उसके लिए नोटिस या हिदायत दी जानी चाहिए थी। साथ ही इस मामले को प्रशासन के संज्ञान में लाने की बात भी उन्होंने कही थी।
कीर्ति स्तम्भ को लेकर उपजे विवाद के चलते जैन समाज ने विरोध स्वरूप दुकानें बंद रखीं। समुदाय से जुड़े कुछ संगठनों और पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने बड़े फुहारा पर धरना भी दिया। पदाधिकारियों का कहना था कि नगर निगम ने ख़ुद इस निर्माण (कीर्ति स्तम्भ) की अनुमति दी थी। इस पर सवाल उठाते हुए धरना प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अनुमति देने के बाद तोड़-फोड़ क्यों की गई?