चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार (13 दिसंबर 2023) को तृणमूल कॉन्ग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को आश्वासन दिया है कि वह कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकसभा से उनके निष्कासन के खिलाफ उनकी याचिका की लिस्टिंग पर गौर करेंगे।
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मोइत्रा की ओर से इस मामले को अर्जेंट लिस्टिंग में रखने की गुहार लगाई थी। ऐसे में मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “ये मामला शायद लिस्ट नहीं हुआ होगा… अगर कोई ईमेल भेजा गया होता, तो मैं उसे तुरंत देख लेता। कृपया भेज दें।”
CJI: If an email was sent I would look at it right away. Please send it. I'll look right away.#SupremeCourt #MahuaMoitra #SupremeCourtOfIndia
— Live Law (@LiveLawIndia) December 13, 2023
बता दें कि इससे पहले सिंघवी ने जस्टिस संजय किशन कौल के सामने इस याचिका को रखा था जिन्होंने इसे सीजेआई के समक्ष रखने की सलाह दी। उन्होंने कहा था कि इस मामले को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को देखने दो, अभी इस स्तर पर ये सब निर्णय नहीं लिया जा सकता। इसके बाद मोइत्रा के मामले को वकील मनु सिंघवी ने सीजेआई के पास रखा।
टीएमसी सांसद ने सुप्रीम कोर्ट में अपने निष्कासन के खिलाफ सुनवाई की माँग की है। उन्होंने कहा कि उन्हें सदन के अंदर चर्चा के दौरान बोलने का मौका नहीं मिला। इसके अलावा उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर भी कहा कि उनके खिलाफ लगे सारे आरोप सिर्फ दो लोगों की गवाहियाँ पर आधारित हैं जिनमें से एक उनका पुराना साथी है जिसने दुर्भावना से उनपर इल्जाम लगाए।
मोइत्रा के मुताबिक, जो लिखित गवाहियों उनके खिलाफ दी गईं वो भौतिक दृष्टि से विरोधाभासी भी हैं। उन्होंने कहा कि उनसे जिरह करने का अधिकार छीन लिया गया।
बता दें कि महुआ मोइत्रा के खिलाफ एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट पिछले महीने दी थी। इसमें उनके विरुद्ध कैश फॉर क्वेरी मामले में जाँच होकर कहा गया था कि महुआ 2019 से 2023 के बीच में चार बार दुबई गईं, जिसके बाद उनका संसद का लॉग-इन कई बार एक्सेस किया गया।