Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीति'अवैध प्रवासियों का पता लगाना है तत्काल आवश्यकता, NRC पर मीडिया कर रही गैर-जिम्मेदाराना...

‘अवैध प्रवासियों का पता लगाना है तत्काल आवश्यकता, NRC पर मीडिया कर रही गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग’

"वर्तमान समय में अवैध तरीके से रह रहे प्रवासियों की संख्या पता लगाने की तत्काल आवश्यकता है। यही एनआरसी का एक ज़रूरी हिस्सा भी है। आने वाले समय में लोग इसको भविष्य का आधार बना सकते हैं।"

राष्ट्रीय बहस का मुद्दा बन चुके नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (एनआरसी, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश रंजन गोगोई ने बड़ा बयान दिया है। एनआरसी की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए जस्टिस गोगोई ने मीडिया घरानों की गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मीडिया के कुछ हिस्सों की गैर-जिम्मेदाराना रिपोर्टिंग के चलते इस मुद्दे को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया, जिसके चलते स्थिति खराब हो गई।

‘पोस्ट कोलोनियल असम’ नामक पुस्तक के विमोचन के दौरान एक कार्यक्रम में दिए अपने संबोधन में रंजन गोगोई ने एनआरसी पर कहा, “यह मुद्दा सिर्फ 19 लाख या 40 लाख के आँकड़े की बात नहीं है, आने वाले समय में लोग इसको भविष्य का आधार बना सकते हैं। यह भविष्य के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण दस्तावेज़ है।” जस्टिस गोगोई ने कहा कि यह चीज़ों को बेहतर ढंग से करने का एक मौका है।

गैरकानूनी रूप से रह रहे प्रवासियों के ऊपर कार्रवाई करने वाले इस प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए जस्टिस गोगोई ने इस कदम को ज़रूरी बताते हुए कहा कि वर्तमान समय में अवैध तरीके से रह रहे प्रवासियों की संख्या पता लगाने की तत्काल आवश्यकता है। यही एनआरसी का एक ज़रूरी हिस्सा भी है। उन्होंने इस पर भी जोर दिया कि एनआरसी के ज़रिए अब तक कितना काम हो पाया है, इस पर भी ध्यान दिया जाए।

बता दें कि एनआरसी एक ऐसा मुद्दा है, जिस पर लम्बे समय से देश में एक व्यापक बहस छिड़ी हुई है। सितम्बर में गृहमंत्री अमित शाह ने एक बयान के ज़रिए कहा था कि देश भर में एनआरसी लागू करने के साथ ही अवैध तरीके से रह रहे लोगों को बाहर निकला जाएगा। इस दौरान उन्होंने कहा था कि असम में जिन लोगों के नाम NRC में नहीं आए, उन्हें विदेशी न्यायाधिकरणों के समक्ष अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाएगा। साथ ही असम की सरकार ने ऐसे लोगों के लिए वकील मुहैया कराने की भी व्यवस्था की, जिससे उन पर वकील के खर्चे का बोझ न पड़े।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

महाराष्ट्र में महायुति सरकार लाने की होड़, मुख्यमंत्री बनने की रेस नहीं: एकनाथ शिंदे, बाला साहेब को ‘हिंदू हृदय सम्राट’ कहने का राहुल गाँधी...

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने साफ कहा, "हमारी कोई लड़ाई, कोई रेस नहीं है। ये रेस एमवीए में है। हमारे यहाँ पूरी टीम काम कर रही महायुति की सरकार लाने के लिए।"

महाराष्ट्र में चुनाव देख PM मोदी की चुनौती से डरा ‘बच्चा’, पुण्यतिथि पर बाला साहेब ठाकरे को किया याद; लेकिन तारीफ के दो शब्द...

पीएम की चुनौती के बाद ही राहुल गाँधी का बाला साहेब को श्रद्धांजलि देने का ट्वीट आया। हालाँकि देखने वाली बात ये है इतनी बड़ी शख्सियत के लिए राहुल गाँधी अपने ट्वीट में कहीं भी दो लाइन प्रशंसा की नहीं लिख पाए।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -