उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने आज (24 सितंबर, 2020) निर्देश देते हुए कहा कि महिलाओं, लड़कियों और बच्चियों से छेड़खानी, दुर्व्यवहार, अपराध, यौन अपराध करने वालों के पोस्टर सरेआम चौराहों पर लगाए जाएँ। सरकार ने इसका नाम ‘ऑपरेशन दुराचारी’ रखा है।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिलाओं से किसी भी तरह का अपराध करने वालों को महिला पुलिसकर्मियों से दंडित करवाया जाए साथ ही उनका नाम सार्वजनिक किया जाए।
महिलाओं या बच्चियों के साथ अपराध करने वाले आदतन अपराधियों और हिस्ट्रीशीटर के बारे में समाज को जानना चाहिए, इसलिए उनके पोस्टर चौराहों-सड़को-दीवारों पर लगाए जाएँ। ताकि उनका समाज से बहिष्कार हो सके। साथ ही सीएम ने ऐसे अपराधियों और दुराचारियों की मदद करने वालों के नाम उजागर करने के भी निर्देश दिए हैं। ऐसा करने से उनके मददगारों में भी बदनामी का डर पैदा होगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बलात्कारियों में उन्हीं के नाम का पोस्टर छपेगा जिन्हें अदालत द्वारा दोषी करार दिया जाएगा। मिशन दुराचारी के तहत महिला पुलिसकर्मियों को जिम्मा दिया जाएगा। महिला पुलिस शहर के चौराहों पर नजर रखेगी। इसके अलावा सीएम ने यह भी निर्देश दिया है कि महिलाओं या बच्चियों के साथ किसी भी प्रकार का दुराचार होता है तो इसकी जवाबदेही के लिए संबंधित बीट इंचार्ज, चौकी इंचार्ज, थाना प्रभारी और सीओ जिम्मेदार होंगे।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि सरेराह छेड़खानी करने वाले शोहदों और आदतन दुराचारी के खिलाफ सख्ती से पेश आया जाए और कड़ी कार्रवाई की जाए। प्रदेश में महिला अपराध के कई मामले सामने आने के बाद सीएम योगी ने ये फैसला लिया है। ताकि अपराधियों में डर पैदा किया जा सके।
गौरतलब है कि इससे पहले योगी सरकार सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने वालों के पोस्टर भी लखनऊ में लगवाए थे। पिछले साल 19 दिसंबर को लखनऊ के कई स्थानों पर उपद्रवियों ने सीएए विरोध के नाम पर हिंसा की थी, जिसमें करोड़ों की सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाया गया था। हिंसा में शामिल 57 लोगों के नाम और पते के साथ लखनऊ शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर कुल 100 होर्डिंग्स लगाए गए थे। प्रशासन ने इससे पहले आरोपितों पर 1.55 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाते हुए नोटिस जारी किया है, जिसके तहत 8 अप्रैल तक जुर्माने की रकम को जमा करवाना था।