Sunday, November 17, 2024
Homeराजनीतिकॉन्ग्रेस ही लेकर आई थी कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण, BJP ने खत्म किया तो...

कॉन्ग्रेस ही लेकर आई थी कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण, BJP ने खत्म किया तो दोबारा ले आए: जानिए वो इतिहास, जिसे देवगौड़ा सरकार की आड़ में छिपा रहे चमचे

कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण मामले में ऐसा दिखाने की कोशिश हो रही कि इसमें कॉन्ग्रेस कोई तुष्टिकरण नहीं कर रही और ये आरक्षण देवगौड़ा सरकार लाई थी। हकीकत जबकि यह है कि देवगौड़ा सरकार से भी पहले कॉन्ग्रेस ने ही यह आरक्षण मुस्लिमों को दिया था।

कर्नाटक में मुस्लिम रिजर्वेशन पर घिरी कॉन्ग्रेस पार्टी का प्रचार तंत्र उनके बचाव में सोशल मीडिया पर एक्टिव है। कहा जा रहा है कि ये सारे मुस्लिमों को आरक्षण में रखने का काम कॉन्ग्रेस ने नहीं किया है बल्कि ये तो देवगौड़ा की सरकार ने किया है, जिन्होंने भाजपा के साथ मिलकर राज्य में सरकार बनाई थी। कुल मिलाकर इस पूरे मसले को ऐसा दिखाने की कोशिश हो रही कि इसमें कॉन्ग्रेस कोई तुष्टिकरण नहीं कर रही, जबकि हकीकत यह है कि कॉन्ग्रेस की करनी छिपाने के लिए देवगौड़ा सरकार का नाम आगे लाया जा रहा है और ये रिजर्वेशन जैसे आज कॉन्ग्रेस मुस्लिमों को दे रही है वैसे ही पहले कॉन्ग्रेस ने ही दिया था।

बात 1994 की है जब वीरप्पा मोईली की सरकार ने एक आदेश के बाद सारे मुस्लिमों को अन्य पिछड़ा वर्ग की सूची में डालकर आरक्षण दिया था। ये फैसला उन्होंने रेड्डी कमीशन की दी गई सिफारिश पर लिया था। इसमें 6 फीसद आरक्षण कैटेगरी 2बी के लोगों के लिए था जिन्हें ‘अधिक पिछड़ा’ कहा गया था।

इस 6% में भी 4% रिजर्वेशन मुस्लिमों को दिया गया था और 2% बौद्ध और अनुसूचित जाति के लोगों को, जो ईसाई धर्म में कन्वर्ट हो गए थे। इस आदेश को 24 अक्टूबर 1994 के बाद लागू होना था। हालाँकि इस बीच इस आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट चुनौती दी गई और कर्नाटक सरकार के इस फैसले पर रोक लग गई।

इसके बाद साल 1995 में देवगौड़ा की सरकार आई और मुस्लिमों के लिए ओबीसी कोटा दोबारा से आया जिसे बाद में भारतीय जनता पार्टी की बोम्मई सरकार के आने के बाद हटाया गया और मुस्लिमों को दिए जाने वाला आरक्षण 4 फीसद वोक्कालिगा और लिंगायत में 2-2% बँट गया।

कर्नाटक की बोम्मई सरकार का पूरे राज्य में खूब विरोध हुआ। ये बात इतनी बढ़ी कि जब चुनाव नजदीक आए तो कॉन्ग्रेस ने सत्ता में आने के लिए इस मुद्दे को भुनाया। राज्य के कॉन्ग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने वादा किया कि अगर उनकी सरकार आई तो वो मुस्लिमों का 4 फीसद आरक्षण उन्हें लौटा देंगे। इतना ही नहीं, कॉन्ग्रेस नेता ने भाजपा के फैसले को असंवैधानिक तक कहा था और कहा था कि आरक्षण संपत्ति की तरह नहीं बाँट सकते, इस पर मुस्लिमों का अधिकार है।

साल 2023 में कॉन्ग्रेस ने इस आरक्षण को देने की बात अपने मेनिफेस्टो में भी कही थी। इसके बाद चुनावों में कॉन्ग्रेस की जीत हुई और सत्ता में आने के एक साल भी पूरे नहीं हुए कि इन्होंने मुस्लिमों से किए अपने वादे को पूरा करने के लिए सारे मुस्लिमों को ओबीसी कैटेगरी में आरक्षण दिलाने का काम शुरू कर दिया। लिस्ट जब पिछड़े वर्ग आयोग के पास भेजी गई तो ये मामला उठा और लोगों को कॉन्ग्रेस की हरकत का पता चला। अब आयोग इस मामले में सरकार के दिए तर्कों से संतुष्ट नहीं है इसलिए आने वाले समय में इस संबंध में मुख्य सचिव को तलब करेंगे।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ही दिन पहले बताया था कि कैसे यूपीए सरकार के समय कॉन्ग्रेस नेता मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद पर होते हुए कहते थे कि इस देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुस्लिमों है… पीएम के इस बयान के कुछ ही समय बाद ये मामला खुल गया था कि कर्नाटक में कॉन्ग्रेस ने सारे मुस्लिमों को ओबीसी लिस्ट में रखकर आरक्षण देने का निर्णय लिया है। इसके बाद हर जगह कॉन्ग्रेस पर सवाल उठने लगे थे और उन्होंने देवगौड़ा सरकार पर ठीकरा फोड़कर ये दिखाना चाहा था कि उन्होंने इस आरक्षण की शुरू नहीं की और भाजपा उन्हें बदनाम करना चाहती है जबकि सच यही है कि कॉन्ग्रेस ने ही इस आरक्षण को मुस्लिमों को दिया था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

PM मोदी ने कार्यकर्ताओं से बातचीत में दिया जीत का ‘महामंत्र’, बताया कैसे फतह होगा महाराष्ट्र का किला: लोगों से संवाद से लेकर बूथ...

पीएम नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के कार्यकर्ताओं से बातचीत की और उनको चुनाव को लेकर निर्देश दिए हैं।

‘पिता का सिर तेजाब से जलाया, सदमे में आई माँ ने किया था आत्महत्या का प्रयास’: गोधरा दंगों के पीड़ित ने बताई आपबीती

गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाने और 59 हिंदू तीर्थयात्रियों के नरसंहार के 22 वर्षों बाद एक पीड़ित ने अपनी आपबीती कैमरे पर सुनाई है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -