कॉन्ग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी ने बुधवार (20 मई, 2020) को वे ‘बसें’ वापस बुलवा ली जो उत्तरप्रदेश के प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक भेजने के लिए इंतजाम करने का दावा किया था। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए उन्होंने यह फैसला किया। वहीं, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने कहा कि खराब बसों में प्रवासियों को भेजकर सरकार उनकी जिंदगी से ख़िलवाड़ नहीं कर सकती।
कॉन्ग्रेस ने दावा किया था कि प्रवासी मजदूरों को घर ले जाने के लिए उसकी करीब 900 बसें यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर खड़ी हैं। हालॉंकि बसों की जो सूची यूपी सरकार को मुहैया कराई गई थी उसमें एंबुलेंस, निजी वाहन के साथ-साथ ऑटो रिक्शा भी शामिल थे।
बाद में यह भी खबर आई कि राजस्थान की कॉन्ग्रेस सरकार के विरोध में बस ड्राइवरों ने नारे लगाए। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें खाना नहीं मिल रहा है और जो मिल रहा है वो सड़ा हुआ मिल रहा है। इस मामले को लेकर यूपी सरकार और कॉन्ग्रेस के बीच एफआईआर की जंग भी देखने को मिली।
Congress General Secretary Priyanka Gandhi recalls ‘buses’ sent to Uttar Pradesh for migrants https://t.co/SVyJbwWR0J
— OpIndia.com (@OpIndia_com) May 21, 2020
यूपी पुलिस ने प्रियंका गाँधी के सचिव संदीप सिंह और कॉन्ग्रेस के यूपी अध्यक्ष अजय लल्लू के ख़िलाफ़ जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में केस दर्ज किया। फिर राजस्थान पुलिस ने यूपी के ए़डिशनल चीफ (गृह) के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज कर दी। मंगलवार को लल्लू को आगरा पुलिस ने कोरोना के बीच में धरना देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
गौरतलब है कि इसी बीच यूपी सरकार की नीतियों की तारीफ करने के कारण विधायक अदिति सिंह पर भी गाज गिरी और कॉन्ग्रेस ने उन्हें पार्टी की महिला विंग की महासचिव पद से हटा दिया। बता दें, बीते साल पार्टी के मना करने के बावजूद जब अदिति सिंह ने विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लिया था, तब भी कॉन्ग्रेस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उस वक्त भी रायबरेली की विधायक ने इस नोटिस का ठेंगा दिखा दिया था।