उत्तर प्रदेश में शनिवार (17 जुलाई 2021) को यूपी पुलिस द्वारा प्रदेश कॉन्ग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और दिलप्रीत सिंह सहित 500 से ज्यादा कार्यकर्ताओं के खिलाफ निषेधाज्ञा उल्लंघन, कोरोना प्रोटोकॉल उल्लंघन सहित अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया गया था। अब लखनऊ में अपने दौरे के तीसरे दिन प्रियंका ने कहा है कि कॉन्ग्रेस का लक्ष्य 2022 में भाजपा को हराना है और इसके लिए कॉन्ग्रेस हर तरह का राजनीतिक गठबंधन करने को तैयार है।
गौरतलब है कि प्रियंका गाँधी शुक्रवार (16 जुलाई 2021) से ही लखनऊ में हैं। शनिवार को वह लखीमपुर गई थीं लेकिन वापस लखनऊ आ गईं। इसके बाद आज (18 जुलाई 2021) उन्होंने कॉन्ग्रेस के प्रदेश मुख्यालय में बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि कॉन्ग्रेस का एक ही लक्ष्य है, 2022 में होने वाले राज्य के विधानसभा चुनावों में भाजपा को हराना।
प्रियंका ने अपने कार्यकर्ताओं से कहा कि वो इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए जुट जाएँ और उन्होंने साफ तौर पर यह भी कहा कि यूपी विधानसभा चुनाव में भाजपा को हराने के लिए कॉन्ग्रेस किसी भी तरह का राजनीतिक गठबंधन स्वीकार कर लेगी। एक तरह से उन्होंने यह इशारा किया है कि कॉन्ग्रेस के लिए गठबंधन का विकल्प खुला हुआ है।
प्रियंका गाँधी ने बैठक में राज्य में कॉन्ग्रेस के संगठन को मजबूत बनाने की बात भी कही। हालाँकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि अभी भी पार्टी के पास बूथ लेवल तक के कार्यकर्ताओं का अभाव है और इस मामले में कॉन्ग्रेस दूसरी राजनीतिक पार्टियों से कमजोर है। प्रियंका ने यह भी कहा कि वह मानती हैं कि राज्य में वह 32 सालों से सत्ता से बाहर हैं लेकिन पार्टी को यूपी चुनाव से पहले अगले डेढ़ से दो महीने के अंदर ग्राम पंचायत स्तर तक पार्टी के संगठन को पहुँचाने की कोशिश करनी होगी।
वैसे कॉन्ग्रेस के लिए गठबंधन की बातें करना सामान्य हो चुका है क्योंकि 2014 में सत्ता से बाहर जाने के बाद अब कॉन्ग्रेस एक ऐसी पार्टी बनकर रह गई है जो कि मात्र गठबंधन पर ही आश्रित है। हाल ही में यूपी में हुए पंचायत चुनावों में भी कॉन्ग्रेस की हालत खराब रही। कई ऐसी भी सीटें थी जहाँ कॉन्ग्रेस ने अपने प्रत्याशी तक नहीं उतारे।
ज्ञात हो कि 2022 के विधानसभा चुनावों के चलते प्रियंका गाँधी यूपी के दौरे पर आई हुई थीं जहाँ लखनऊ में जीपीओ पर गाँधी प्रतिमा के नीचे प्रियंका गाँधी और अजय कुमार लल्लू सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मौन व्रत कर धरना दिया था। प्रियंका का यह मौन व्रत शाम को ही खत्म हो गया था। इसके बाद शनिवार को यूपी पुलिस ने लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में 500 से अधिक कार्यकर्ताओं के खिलाफ निषेधाज्ञा उल्लंघन, कोरोना प्रोटोकॉल उल्लंघन सहित अलग-अलग धाराओं में केस दर्ज किया था, हालाँकि FIR में प्रियंका का नाम शामिल नहीं है।