लोकसभा चुनाव नज़दीक होने के साथ ही इन दिनों राजनीतिक गलियारों में काफ़ी हलचल देखने को मिल रही है। यूँ तो हर पार्टी के नेता और कार्यकर्ता मोदी सरकार को हराने के लिए सक्रिय हो गए हैं, लेकिन कॉन्ग्रेस की भूमिका इसमें कुछ ज्यादा ही जान पड़ती है। अपनी इस अत्यधिक सक्रियता के कारण कॉन्ग्रेस अपनी ओछी मानसिकता और कारनामों का भी सबूत लगातार दे रही है।
इन दिनों ऑपइंडिया के माध्यम से कॉन्ग्रेस के झूठों का लगातार पर्दाफाश हो रहा है, ऐसे में कॉन्ग्रेस की साख़ को बरकरार रखने के लिए पार्टी समर्थकों के पास एक ही उपाय बचा है कि मोदी सरकार की छवि को धूमिल कर दिया जाए। लेकिन अगर कोई राजनैतिक पार्टी भाजपा की छवि बिगाड़ते-बिगाड़ते भारत के मतदाताओं पर भी सवालिया निशान लगा दे तो एक मतदाता के विचार उस पार्टी के बारे में क्या होंगे?
दरअसल, कॉन्ग्रेस की आईटी सेल प्रमुख दिव्या स्पंदना ने अपने अकॉउंट पर ट्वीट करते हुए मीम शेयर किया है कि मोदी को वोट देने वाले तीन लोगों में एक आदमी बेवकूफ़ होता है, बिलकुल बाक़ी दोनों की तरह।
My favourite! Aren’t they adorable? ? pic.twitter.com/YZ52s48Y9o
— Divya Spandana/Ramya (@divyaspandana) March 13, 2019
मानते हैं कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार है, लेकर पीएम पद पर आसीन एक व्यक्ति के लिए और देश की जनता का इस तरह से मज़ाक उड़ाना कहाँ तक उचित है? वो भी तब जब आप देश की सबसे बड़ी विपक्षी राजनैतिक पार्टी के लिए जनमत जुटाने की कवायद में लगे हैं।
खैर, देखा जाए तो दिव्या की इस तरह की टिप्पणी का आना एक आम आदमी के नज़रिए से गलत हो सकता है लेकिन उनकी पार्टी में इसका चलन है, जिसके कारण उन्हें सोशल प्लेटफॉर्म पर ऐसा करना बेहद सरल लगा। बता दें कि यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने खुद कुछ समय पहले मोदी को ‘मौत का सौदागर‘ बताया था। राजनीति में हमेशा से जमे रहने के लिए कॉन्ग्रेस ने लोगों को हमेशा जाति-पाति के नाम पर बाँटा हैं। आज वही कॉन्ग्रेस से जुड़े चेहरे मतदाताओं को बेवकूफ़ भी बता रहे हैं।
When Sonia ji called Modi ji ‘Maut ka Saudagar’ then where was Manmohan Singh ji’s advice on use of words and position? Same when Rahul ji tore ordinance. Scam after scam occurred in UPA, then Manmohan ji did not find anything wrong?: Amit Shah pic.twitter.com/1W9Jn8KuZH
— ANI (@ANI) December 13, 2017
अब कॉन्ग्रेस IT सेल की प्रमुख दिव्या की मैथमैटिक्स पर यदि बात की जाए तो मालूम पड़ेगा कि 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल किया था। यहाँ कॉन्ग्रेस को 44 सीटें मिली थी और भाजपा ने 282 सीट जीती थी। बीजेपी ने 31.2 फीसदी वोट अपने दम पर हासिल किए थे, जबकि NDA को 38.5% वोट मिले।
इसके अलावा अभी हाल ही में टाइम्स ने एक मेगा पोल कराया था जिसमें 8 लाख इंटरनेट यूजर्स ने भाग लिया था। इस सर्वेक्षण के मुताबिक 71.9 फीसदी लोगों का कहना था कि वो एक बार फिर से पीएम पद के लिए मोदी को ही वोट करेंगे, जबकि 73.3 फीसदी लोगों ने मत रखा था कि इस बार दोबारा मोदी सरकार ही सत्ता में जीतकर वापस आएगी।
इस पोल में सामने आए नतीजे बताते हैं कि नरेंद्र मोदी लोकप्रियता के मामले में अपने प्रतिद्वंद्वियों से बहुत आगे हैं। इसलिए इस पोल में लगभग 84% यूज़र्स ने बताया कि अगर आज की तारीख़ में चुनाव होते हैं तो वे पीएम के तौर पर मोदी को चुनेंगे।
ऐसे में सवाल उठता है कि क्या दिव्या और कॉन्ग्रेस देश के उन सभी नागरिकों को बेवकूफ समझते हैं, जिनसे इन दिनों कॉन्ग्रेस वोट माँगने में व्यस्त है। सब जानते हैं कि सोशल मीडिया के आने के बाद से हर राजनैतिक पार्टी का अपना आइटी सेल है, जो वर्चुअल स्पेस पर ‘जनमत निर्माण’ कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिसके कारण ही वार रूम से बदतर स्थिति हमें अपने फेसबुक, ट्वीटर पर आए दिन देखने को मिलती है। चूँकि, चुनाव नज़दीक हैं और हर नेटीजन सोशल मीडिया पर अपना समर्थन दर्ज करा रहा है। ऐसे में दिव्या के ट्वीट को देखकर मालूम पड़ता है कि चुनाव आते ही सोशल मीडिया को वॉर रूम में तब्दील किस तरह की मानसिकता वाले लोगों द्वारा किया जाता है।